शिक्षक दिवस : स्वामी सहजानन्द महाविद्यालय में सेवानिवृत्त शिक्षकों का सम्मान, अंगवस्त्र और स्मृति चिह्न भेंट किया

UPT | शिक्षक दिवस पर आयोजित सम्मान समारोह में मौजूद शिक्षक व अन्य।

Sep 06, 2024 00:50

नगर स्थित स्वामी सहजानन्द महाविद्यालय में गुरुवार को शिक्षक दिवस के अवसर पर महाविद्यालय के सेवानिवृत्त शिक्षकों और कर्मचारियों के सम्मान में सम्मान समारोह का आयोजन किया गया।

Ghazipur News: शिक्षक दिवस के अवसर पर गुरुवार को नगर स्थित स्वामी सहजानन्द महाविद्यालय में एक विशेष सम्मान समारोह का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम में महाविद्यालय के सेवानिवृत्त शिक्षकों और कर्मचारियों को उनके योगदान के लिए सम्मानित किया गया। समारोह में महाविद्यालय के पूर्व प्राचार्य और मनोविज्ञान विभागाध्यक्ष प्रो. रामनगीना यादव, अंग्रेजी विभाग के अध्यक्ष प्रो. अजय राय और कर्मचारी बाँके राम को महाविद्यालय के प्राचार्य प्रो. वीके राय और प्रबंधन समिति के अध्यक्ष रमाकांत राय शर्मा ने अंगवस्त्र और स्मृति चिह्न देकर सम्मानित किया।

महाविद्यालय के शिक्षकों और कर्मचारियों ने सेवानिवृत्त सदस्यों के समर्पण को याद किया
इस अवसर पर महाविद्यालय के शिक्षकों और कर्मचारियों ने सेवानिवृत्त सदस्यों के समर्पण और निष्ठा को याद किया और उनके उज्ज्वल भविष्य की कामना की। महाविद्यालय के प्रो. विलोक सिंह ने उनके योगदान को सराहा। इसके साथ ही, 'डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन का व्यक्तित्व और कृतित्व' विषय पर एक संगोष्ठी का भी आयोजन किया गया, जिसमें विभिन्न विद्वानों ने भाग लिया और राधाकृष्णन जी के जीवन, उनके दर्शन और उनके योगदान पर प्रकाश डाला।

डॉ. राधाकृष्णन का जीवन और उनके विचार हमेशा शिक्षकों और समाज के लिए प्रेरणा स्रोत बने रहेंगे
हिंदी विभाग के अध्यक्ष प्रो. विनय कुमार दुबे ने कहा कि डॉ. राधाकृष्णन का जीवन और उनके विचार हमेशा शिक्षकों और समाज के लिए प्रेरणा स्रोत बने रहेंगे। उन्होंने कहा कि हम सभी उनके दिखाए मार्ग पर चलकर अपने दायित्वों का निर्वाह कर सकते हैं। प्रो. अमरनाथ तिवारी ने शिक्षकों की भूमिका को महत्वपूर्ण बताते हुए कहा कि एक सच्चा शिक्षक वही होता है जो निरंतर सीखने की प्रवृत्ति रखता है और खुद को विद्यार्थी मानता है।

पीजी कालेज के पूर्व प्राचार्य डॉ. अशोक सिंह ने कहा कि शिक्षक का मूल्यांकन समाज करता है, और वह तभी अपनी गरिमा बनाए रख सकता है जब वह पूरी निष्ठा और समर्पण से शिक्षक धर्म का पालन करे। प्रो. युधिष्ठिर तिवारी ने कहा कि मूल्याधारित शिक्षा ही समाज को ऐसे व्यक्तित्व दे सकती है जो डॉ. राधाकृष्णन जैसा हो।

शिक्षकों को अपने जीवन में ऐसे गुणों का विकास करना चाहिए जो विद्यार्थियों के लिए प्रेरणादायक हों 
पूर्वांचल विश्वविद्यालय शिक्षक संघ के पूर्व महामंत्री प्रो. बद्रीनाथ सिंह ने कहा कि शिक्षकों को अपने जीवन में ऐसे गुणों का विकास करना चाहिए जो विद्यार्थियों के लिए प्रेरणादायक हों। संगोष्ठी में महाविद्यालय के डॉ. राकेश पांडेय, डॉ. निवेदिता सिंह, डॉ. राजेश गुप्ता ने भी अपने विचार रखे।

समारोह का संचालन डॉ. प्रमोद कुमार अनंग ने किया। कार्यक्रम के अंत में संगोष्ठी के संयोजक प्रो. ए एन राय ने सभी का आभार व्यक्त किया। इस अवसर पर महाविद्यालय के कई शिक्षक और कर्मचारी उपस्थित रहे, जिनमें डॉ. कृष्णानन्द चतुर्वेदी, रामधारी राम, सतीश पांडेय, संजय राय, वीके ओझा, श्याम नारायण राय और अन्य शामिल थे। 

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