प्रशिक्षण कार्यक्रम के दौरान डॉ. वीरेंद्र कुमार राव ने किसानों को संबोधित करते हुए कहा कि प्रदेश और भारत सरकार किसानों की समृद्धि के लिए कई योजनाएं चला रही है...
Aug 22, 2024 22:58
प्रशिक्षण कार्यक्रम के दौरान डॉ. वीरेंद्र कुमार राव ने किसानों को संबोधित करते हुए कहा कि प्रदेश और भारत सरकार किसानों की समृद्धि के लिए कई योजनाएं चला रही है...
Ghazipur News : नमामि गंगे योजना के तहत जनपद में संचालित जैविक खेती कार्यक्रम के अंतर्गत विकास खंड रेवतीपुर और सदर के 50 चयनित किसानों को जैविक खेती की नवीनतम तकनीकों की जानकारी देने के लिए भारतीय बीज विज्ञान संस्थान, कुशमौर, मऊ, उत्तर प्रदेश में प्रशिक्षण के लिए भेजा गया। इस अवसर पर जिला परियोजना समन्वयक डॉ. वीरेंद्र कुमार राव ने हरी झंडी दिखाकर बस को रवाना किया और किसानों को शुभकामनाएं दीं।
जैविक खेती को बढ़ावा देने के लिए प्रशिक्षण
प्रशिक्षण कार्यक्रम के दौरान डॉ. वीरेंद्र कुमार राव ने किसानों को संबोधित करते हुए कहा कि प्रदेश और भारत सरकार किसानों की समृद्धि के लिए कई योजनाएं चला रही है, जिनका लाभ उठाना आवश्यक है। उन्होंने बताया कि इस प्रशिक्षण का मुख्य उद्देश्य किसानों को जैविक खेती की आधुनिकतम तकनीकों से अवगत कराना है, ताकि वे अपनी उपज को और अधिक बेहतर बना सकें और पर्यावरण संरक्षण में भी अपना योगदान दे सकें।
किसानों के मिलेगा नई जानकारी प्राप्त करने का अवसर
इस कार्यक्रम में उपस्थित ईश एग्रीटेक इंदौर के प्रोजेक्ट मैनेजर कुलदीप सिंह ने जानकारी दी कि जनपद के छह विकास खंडों में 2000 हेक्टेयर भूमि पर 3249 किसानों के सहयोग से जैविक खेती की जा रही है। इस योजना के अंतर्गत चयनित किसानों को यूपी डास्प द्वारा नामित सहयोगी संस्था द्वारा समय-समय पर प्रशिक्षण दिया जा रहा है। उन्होंने बताया कि भारतीय बीज विज्ञान संस्थान, कुशमौर, मऊ में किसानों को कृषि संबंधित नवीनतम जानकारी प्राप्त करने का अवसर मिलेगा, जिससे वे अपने अनुभवों को और अधिक समृद्ध बना सकेंगे।
किसानों को बताया जैविक खेती के महत्व
इस प्रशिक्षण कार्यक्रम के दौरान, वरिष्ठ वैज्ञानिक डॉ. हर्ष वर्धन सिंह और डॉ. अंजनी सिंह ने किसानों को जैविक खेती के महत्व के बारे में जानकारी दी। उन्होंने बताया कि गंगा नदी के जल को प्रदूषण मुक्त बनाने और पर्यावरण को स्वच्छ रखने के लिए जैविक खेती ही एकमात्र विकल्प है। यह न केवल पर्यावरण की रक्षा करता है, बल्कि समाज को रसायन मुक्त शुद्ध भोज्य पदार्थ भी उपलब्ध कराता है।
किसानों को विस्तार से किया प्रशिक्षित
कृषि वैज्ञानिक डॉ. आदर्श सिंह और डॉ. कल्याणी कुमारी ने जैविक खेती के विभिन्न घटकों जैसे जैविक बीज प्रबंधन, नाशी जीव प्रबंधन, जैव उर्वरक, वर्मी कंपोस्ट, नाडेप, और जैव उत्पादों के मूल्य वर्धन एवं विपणन के बारे में किसानों को विस्तार से प्रशिक्षित किया। इसके साथ ही, किसानों को प्रक्षेत्र का भ्रमण भी कराया गया, जहां उन्होंने जैविक खेती के विभिन्न पहलुओं को नजदीक से देखा और समझा।