ज्ञानवापी : इलाहाबाद हाईकोर्ट के फैसले से हिंदू पक्ष में खुशी, मिठाई खिलाकर मनाया जश्न

UPT | एक-दूसरे को मिठाई खिलाकर मनाया जश्न।

Feb 26, 2024 22:19

ज्ञानवापी के तल गृह में काशी विश्वनाथ मंदिर न्यास को पूजा का अधिकार सौंपने के वाराणसी जिला कोर्ट से पारित 17 और 31 जनवरी के आदेश को चुनौती दी गई थी। कोर्ट ने अपने आदेश में कहा कि ज्ञानवापी परिसर के व्यास तहखाने में पूजा जारी रहेगी।

Varanasi News : इलाहाबाद हाईकोर्ट ने सोमवार को पूजा रोकने संबंधित मुस्लिम पक्ष की याचिका खारिज कर दी। अदालत ने कहा कि ज्ञानवापी के व्यास जी तहखाने में पूजा-अर्चना जारी रहेगी। इलाहाबाद हाईकोर्ट के न्यायमूर्ति रोहित रंजन अग्रवाल अंजुमन इंतजामिया मसाजिद कमेटी की तरफ से दाखिल प्रथम अपीलों पर सुनवाई की। इसको लेकर वाराणसी के जिला मुख्यालय पर हिंदू पक्ष की महिला वादिनी रेखा पाठक एवं उनके अधिवक्ता सुधीर त्रिपाठी ने खुशी जताते हुए एक दूसरे को मिठाई खिलाई । उन्होंने कहा हाईकोर्ट का फैसला स्वागत योग्य हैं।

ज्ञानवापी के तल गृह में काशी विश्वनाथ मंदिर न्यास को पूजा का अधिकार सौंपने के वाराणसी जिला कोर्ट से पारित 17 और 31 जनवरी के आदेश को चुनौती दी गई थी। कोर्ट ने अपने आदेश में कहा कि ज्ञानवापी परिसर के व्यास तहखाने में पूजा जारी रहेगी। कोर्ट के फैसले को चुनौती देने वाली प्रथम अपीलों को रद्द कर दिया है। जिसके बाद हिंदू पक्ष के लोगों में खुशी एवं उत्साह देखी गई।

हिंदू पक्ष की महिला वादिनी रेखा पाठक ने बताया जिला जज वाराणसी के द्वारा 31 जनवरी को पूजा पाठ के दिए फैसले के बाद जिस तरह से मुस्लिम पक्ष आपत्ति दर्ज करने के लिए कार्य कर रहा था, उसे हम लोग थोड़ी चिंतित थे, लेकिन हाईकोर्ट के दिए गए फैसले के बाद हम लोग काफी खुश हैं । उन्होंने कहा कि ज्ञानवापी परिसर को हम किसी भी तरह नहीं छोड़ेंगे, ज्ञानवापी पहले हमारा था हमारा ही रहेगा।

अधिवक्ता सुधीर त्रिपाठी ने बताया कि हाईकोर्ट ने सारे तथ्यों के साथ इसे खारिज किया है, जिसमें 55 पेज का आदेश है। किस कारण यह पूजा बंद हुआ था मुस्लिम पक्ष आज तक यह साबित नहीं कर पाई है। मुस्लिम पक्ष के नाराजगी के सवाल पर सुधीर त्रिपाठी ने बताया कि मुस्लिम पक्ष पहले दिन से ही नाराज चल रहा है, अगर वह खुले हृदय से एक बार भी ज्ञानवापी के तलगृह में जाकर देखें तो उसे समझ में आ जाएगा की वह मंदिर है और मंदिर में पूजा ही होगी। उन्होंने कहा कि एएसआई सर्वे को लेकर भी जिला कोर्ट से सुप्रीम कोर्ट तक आपत्ति दर्ज कराई थी । लेकिन एएसआई सर्वे में किसी प्रकार का अवरोध नहीं हुआ।

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