Varanasi News : वाराणसी कैंट और बनारस रेलवे स्टेशन बना यात्रियों के लिए असमंजस, हर दिन छूटती हैं ट्रेनें, यूनिक कोड की आवश्यकता क्यों?

UPT | वाराणसी कैंट रेलवे स्टेशन

Jul 17, 2024 00:44

दरअसल बनारस और कैंट रेलवे स्टेशन अधिकतर यात्रियों के लिए दुविधा पैदा करते हैं। दोनों स्टेशन पर केवल एक अल्फाबेट का अंतर है...

Varanasi News : यूपी का वाराणसी शहर एक बेहतरीन पर्यटन स्थल होने के साथ-साथ रोजगार, शिक्षा और चिकित्सा का भी बड़ा केंद्र है। वाराणसी में मौजूद रेलवे स्टेशन से दूसरे शहरों के लिए रोजाना हजारों लाखों की संख्या में यात्री आवागमन करते हैं। हालांकि यहां के कुछ रेलवे स्टेशन यात्रियों के लिए असमंजस पैदा करते हैं। दरअसल बनारस और कैंट रेलवे स्टेशन अधिकतर यात्रियों के लिए दुविधा पैदा करते हैं। दोनों स्टेशन पर केवल एक अल्फाबेट का अंतर है। जिसको लेकर यात्रियों की मांग है की यहां एक यूनिक कोड लागू किया जाए। 

यात्रियों को करना पड़ता है ट्रेन छूटने जैसी समस्याओं का सामना
बता दें, वाराणसी में प्रमुख चार रेलवे स्टेशन है जिनका नाम वाराणसी कैंट रेलवे स्टेशन, बनारस रेलवे स्टेशन, काशी स्टेशन, वाराणसी सिटी स्टेशन निर्धारित है। हालांकि बड़े शहरों और महानगरों के लिए सबसे ज्यादा ट्रेन वाराणसी कैंट रेलवे स्टेशन और बनारस रेलवे स्टेशन से रवाना होती है और इन्हीं दोनों स्टेशन के नाम पर यात्रियों में अक्सर दुविधा की स्थिति रहती है। रेलवे स्टेशन में एक समानांतर कोड की वजह से रोजाना दर्जनों की संख्या में यात्रियों को ट्रेन छूटने जैसी समस्याओं का सामना करना पड़ता है। विशेष तौर पर वाराणसी के बनारस रेलवे स्टेशन और कैंट रेलवे स्टेशन में यह स्थिति बनी रहती है। इतना ही नहीं लगभग हर दिन दर्जनों की संख्या में दक्षिण भारत, महाराष्ट्र जाने वाले यात्रियों की ट्रेन भी छूट जाती है। क्योंकि वाराणसी कैंट रेलवे स्टेशन से ही ज्यादातर ट्रेन बड़े शहरों के लिए रवाना होती थी। हालांकि बीते वर्षों में वाराणसी रेलवे स्टेशन की सुविधाओं में सकारात्मक बदलाव भी देखने को मिले हैं। 

दोनों स्टेशन में एक अल्फाबेट का अंतर
जुलाई 2021 में बनारस रेलवे स्टेशन जिसका पुराना नाम मंडुआडीह स्टेशन था। उसको मॉडल स्टेशन के रूप में विकसित किया गया। नतीजन अब बड़े शहरों के लिए जाने वाली ट्रेन यहां से भी गुजरने लगी। इन दोनों स्टेशन के कोड की बात कर ले तो वाराणसी कैंट रेलवे स्टेशन का कोड BSB है। जबकि बनारस रेलवे स्टेशन का BSBS है। हालांकि सबसे ज्यादा दुविधा की स्थिति भी इसलिए बनती है क्योंकि ज्यादातर यात्री शहर को बनारस या वाराणसी से ही पहचानते हैं और दोनों स्टेशनों के कोड में मात्र एक ही अल्फाबेट का अंतर देखा जाता है।

यूनिक कोड की आवश्यकता क्यों ?
वाराणसी कैंट रेलवे स्टेशन और बनारस रेलवे स्टेशन में तकरीबन तीन से चार किलोमीटर का अंतर है। लगभग हर दिन अंतिम मौके पर दर्ज़नों यात्रियों को पता चलता है कि उनकी ट्रेन वाराणसी कैंट रेलवे स्टेशन से न जाकर बनारस रेलवे स्टेशन से चलेगी। इस दौरान आनन-फानन में यात्री वाराणसी कैंट रेलवे स्टेशन के प्लेटफार्म नंबर 1 से निकलकर बनारस रेलवे स्टेशन पहुंचते हैं। इस दौरान वाराणसी से दक्षिण भारत, महाराष्ट्र, राजस्थान, दिल्ली के लिए जाने वाली ट्रेन कई बार यात्रियों से छूट जाती है। ऐसे में यात्रियों का मानना है कि एक यूनिक कोड लागू किया जाए।

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