VDA में भ्रष्टाचार का खुलासा : क्लर्क को एंटी करप्शन टीम ने रंगे हाथों पकड़ा, नामांतरण के लिए मांगे थे 50 हजार रुपये

UPT | वीडीए क्लर्क रविशंकर

Nov 19, 2024 18:33

वाराणसी विकास प्राधिकरण (VDA) के क्लर्क रविशंकर को रिश्वत लेते हुए एंटी करेप्शन की टीम ने रंगे हाथों पकड़ा। क्लर्क को 5000 हजार रिश्वत लेते हुए पकड़ा गया है...

Short Highlights
  • वाराणसी VDA में भ्रष्टाचार का मामला
  • 4 साल बाद पकड़ा गया भ्रष्ट क्लर्क
  • कोर्ट के आदेश के बावजूद ले रहा था रिश्वत
Varanasi News : वाराणसी विकास प्राधिकरण (VDA) के क्लर्क रविशंकर को रिश्वत लेते हुए एंटी करेप्शन की टीम ने रंगे हाथों पकड़ा। क्लर्क को 5000 हजार रिश्वत लेते हुए पकड़ा गया है। अधिवक्ता शिव कुमार सिन्हा ने वाराणसी विकास प्राधिकरण में नामांतरण के दौरान रिश्वतखोरी का गंभीर आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि कोर्ट के आदेश के बावजूद उनके फ्लैट का नामांतरण बिना रिश्वत दिए नहीं किया जा रहा था। इसे लेकर उन्हें चार सालों से चक्कर लगवाए जा रहे थे, जिससे परेशान होकर उन्होंने एंटी करेप्शन टीम से शिकायत की थी।

कोर्ट के आदेश के बावजूद मांग रहे थे रिश्वत
अधिवक्ता शिव कुमार सिन्हा ने बताया कि उनका फ्लैट शास्त्रीय नगर आवासीय योजना में स्थित है और वे पिछले चार वर्षों से वाराणसी विकास प्राधिकरण (VDA) में नामांतरण की प्रक्रिया को लेकर परेशान थे। कोर्ट के आदेश के बावजूद, VDA ने उनसे पैसे की मांग की थी और अगर वे पैसे नहीं देते, तो उनके फ्लैट का नामांतरण नहीं किया जाता। क्लर्क ने साफ कहा था कि बिना पैसे के काम नहीं होता और इसके चलते वे लगातार चार साल से दौड़-धूप कर रहे थे। अंत में थक-हारकर उन्होंने रिश्वत देने का निर्णय लिया और एंटी-करप्शन टीम से शिकायत की।



"बाबू के कहने पर ही काम होगा"
शिव कुमार सिन्हा ने बताया कि शुरुआत में 2 लाख रुपये की मांग की गई थी, लेकिन बाद में 50 हजार रुपये पर मामला तय हुआ। उन्होंने बताया कि आज उन्हीं 50 हजार में से 5000 रुपये रिश्वत के तौर पर दिए, जिसके बाद क्लर्क को रंगे हाथ पकड़ा गया। उन्होंने कहा कि जब भी वे VDA अधिकारियों से बात करते थे, तो उन्हें हमेशा क्लर्क के पास भेजा जाता था, जहां यह बताया जाता था कि "बाबू के कहने पर ही काम होगा" और बिना पैसे के कुछ नहीं होता। एंटी-करप्शन टीम ने क्लर्क को गिरफ्तार कर पुलिस के हवाले कर दिया और अब पुलिस आगे की कार्रवाई कर रही है।

आरोपी क्लर्क ने फंसाने का लगाया आरोप
दूसरी तरफ, इस मामले में आरोपी क्लर्क रवि शंकर ने दावा किया कि उसे फंसाया गया है। उसने कहा कि अधिवक्ता शिव कुमार ने जबरदस्ती उसे पैसे दिए और इसके बाद विकास प्राधिकरण ने उसके खिलाफ मुकदमा दर्ज कर लिया। रवि शंकर का कहना है कि उसे फंसाने के लिए शिव कुमार ने जानबूझकर यह सब किया और वह पूरी तरह से निर्दोष है।

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