इस्राइल जाने वाले श्रमिकों को विशेष प्रशिक्षण : करौंदी आईटीआई में शुरू हुआ पहला बैच, अंग्रेजी भाषा और तकनीकी पर खास ध्यान

UPT | Symbolic Image

Oct 25, 2024 11:17

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की कर्मभूमि वाराणसी में स्थित राजकीय औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान (आईटीआई) करौंदी ने इस्राइल में रोजगार के अवसर प्राप्त करने के इच्छुक श्रमिकों के लिए विशेष प्रशिक्षण...

Varanasi News : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की कर्मभूमि वाराणसी में स्थित राजकीय औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान (आईटीआई) करौंदी ने इस्राइल में रोजगार के अवसर प्राप्त करने के इच्छुक श्रमिकों के लिए विशेष प्रशिक्षण सत्र शुरू किया है। इस पहल का उद्देश्य श्रमिकों को इस्राइल में आवश्यक कार्यकौशल, आधुनिक मशीनों की जानकारी और बुनियादी अंग्रेजी भाषा का ज्ञान प्रदान करना है। ताकि उन्हें वहां कार्य करने में कोई कठिनाई न हो। इस प्रशिक्षण कार्यक्रम के लिए आईटीआई ने दो अनुभवी शिक्षकों को नियुक्त किया है। जो श्रमिकों को पांच घंटे की गहन ट्रेनिंग देंगे।

प्रशिक्षण कार्यक्रम और लक्ष्य
आईटीआई करौंदी के प्रधानाचार्य मुकेश कुमार सिंह ने जानकारी दी कि इस कार्यक्रम के अंतर्गत कुल 800 श्रमिकों को प्रशिक्षित करने की योजना है। प्रशिक्षण में विशेष रूप से थ्योरी और प्रैक्टिकल दोनों का समावेश होगा, जहां पहले श्रमिकों को कार्य के सिद्धांतों की जानकारी दी जाएगी और बाद में उन्हें प्रैक्टिकल में दक्ष बनाया जाएगा। इन सत्रों में मकान निर्माण, टूल्स के उपयोग, वेल्डिंग, मशीन संचालन जैसे कार्यों पर फोकस किया गया है। जो इस्राइल में श्रमिकों की प्रमुख जिम्मेदारियों में शामिल हैं।


बैच और ट्रेनिंग का समय
प्रशिक्षण का पहला बैच 22 अक्तूबर से शुरू हो चुका है। जो छह दिन तक चलेगा। इसके बाद 6 नवंबर से दूसरा बैच आरंभ होगा, जिसमें 35 श्रमिकों ने अपना रजिस्ट्रेशन कराया है। तीसरे बैच के लिए भी रजिस्ट्रेशन की प्रक्रिया जारी है। प्रशिक्षक रोशन कुमार ने बताया कि श्रमिकों की कक्षाएं रोजाना सुबह 11 बजे से लेकर शाम 4 बजे तक चलती हैं। जहां उनका बायोमेट्रिक अटेंडेंस लिया जाता है। यदि किसी श्रमिक की उपस्थिति 70% से कम होती है तो वह प्रशिक्षण के अंतिम परीक्षा में शामिल नहीं हो पाएगा।

भाषा और व्यवहार कौशल पर जोर
इस प्रशिक्षण में श्रमिकों की भाषाओं पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है। इसके तहत उन्हें अंग्रेजी पढ़ने, बोलने और समझने की शिक्षा दी जा रही है। पहले जब श्रमिक विदेशी देशों में जाते थे तो भाषा की जानकारी न होने से उन्हें वहां के कार्य करने में कठिनाई होती थी। इस समस्या को दूर करने के लिए भारत सरकार ने पहली बार इस्राइल जाने वाले श्रमिकों के लिए भाषा और तकनीकी प्रशिक्षण की व्यवस्था की है।

आगामी परीक्षा और रोजगार की प्रक्रिया
नवंबर के अंतिम सप्ताह में एक विशेष टेस्ट का आयोजन किया जाएगा। जिसमें भारत सरकार और इस्राइल के अधिकारी भी शामिल होंगे। इस परीक्षा में सफल होने वाले श्रमिकों को ही इस्राइल में रोजगार के लिए आगे भेजा जाएगा। इसके लिए श्रमिकों को कड़ी मेहनत और समर्पण की आवश्यकता होगी, क्योंकि इस्राइल में कार्य करने के लिए तकनीकी कौशल के साथ-साथ वहां की भाषा और कार्यशैली का ज्ञान भी महत्वपूर्ण है।

प्रधानाचार्य मुकेश कुमार सिंह ने बताया
आईटीआई करौंदी के प्रधानाचार्य मुकेश कुमार सिंह ने बताया, “यह पहला मौका है जब इस्राइल जाने वाले श्रमिकों के लिए भारत में ही पहले से प्रशिक्षण की व्यवस्था की गई है। हमारा लक्ष्य 800 श्रमिकों को प्रशिक्षण देना है, ताकि वे इस्राइल में सफलतापूर्वक काम कर सकें और भारत का नाम रोशन कर सकें।”

Also Read