आगरा में पुष्टाहार की कालाबाजारी : आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं का प्रदर्शन, प्रदेशव्यापी आंदोलन का अल्टीमेटम...

UPT | कलेक्ट्रेट पर प्रदर्शन करतीं आंगनबाड़ी कार्यकर्ता।

Oct 07, 2024 16:59

ताजनगरी में पुष्टाहार की कालाबाजारी का मामला थमता दिखाई नहीं दे रहा है। मुख्यमंत्री के कड़े रवैये के बाद आगरा के पुलिस और प्रशासनिक अधिकारी इस मामले में कोई भी चूक नहीं चाहते हैं। अभी तक इस मामले में डीपीओ...

Agra News : ताजनगरी में पुष्टाहार की कालाबाजारी का मामला थमता दिखाई नहीं दे रहा है। मुख्यमंत्री के कड़े रवैये के बाद आगरा के पुलिस और प्रशासनिक अधिकारी इस मामले में कोई भी चूक नहीं चाहते हैं। अभी तक इस मामले में डीपीओ, सीडीपीओ के अलावा सुपरवाइजर सहित 17 आंगनबाड़ी कार्यकर्ता निलंबित हो चुकी हैं। अब इस प्रकरण में प्रदेश महिला आंगनबड़ी संघ सामने आ गया है और आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं के उत्पीड़न को लेकर आंदोलनरत दिखाई दे रहा है। सोमवार को जिला मुख्यालय पर आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं ने सैकड़ों की संख्याओं में जोरदार विरोध प्रदर्शन किया। 

अफसर न चाहें तो नहीं होगा भ्रष्टाचार
आगरा जिला मुख्यालय पर आंगनबाड़ी कार्यकर्ता सैकड़ों की संख्या में आंगनबाड़ी कर्मचारी संघ के बैनर तले प्रदर्शन करने पहुंची। आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं के साथ उत्तर प्रदेश महिला आंगनबाड़ी संघ के प्रदेश उपाध्यक्ष और प्रवक्ता राजेश शर्मा भी मौजूद रहे। प्रदर्शन के दौरान आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं ने पुलिस-प्रशासन और विभागीय अधिकारियों के खिलाफ जमकर नारेबाजी कर अपना रोष व्यक्त किया। इस दौरान उत्तर प्रदेश महिला आंगनबाड़ी संघ के प्रदेश उपाध्यक्ष एवं प्रवक्ता राजेश शर्मा ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि मैं आज सोमवार को आगरा में अपने प्रदेश अध्यक्ष गिरीश पांडे के निर्देशों के बाद यहां पर आया हूं। दो माह पहले हमारे प्रदेश उपाध्यक्ष डालचंद चौधरी ने जिलाधिकारी एवं अन्य अधिकारियों को सुपरवाइजर एवं अन्य लोगों द्वारा अवैध वसूली की शिकायत दर्ज कराई थी। सुपरवाइजर एवं जनपदीय अधिकारी चाहें तो भ्रष्टाचार किसी भी कीमत पर नहीं हो सकता। 

शिकायत पर कार्रवाई क्यों नहीं
प्रदेश उपाध्यक्ष राजेश शर्मा ने कहा कि अगर आंगनबाड़ी कार्यकर्ता केंद्र पर ना मिले तो उनका मानदेय काट दिया जाता है, लेकिन जब सुपरवाइजर एवं अन्य के खिलाफ भ्रष्टाचार एवं रिश्वत की शिकायत की गई तो उन्हें सस्पेंड क्यों नहीं किया गया। आखिर इन अधिकारियों पर आगरा के प्रशासनिक अधिकारियों ने कार्रवाई क्यों नहीं की। सुपरवाइजर एवं अन्य अधिकारियों की शिकायत करने के बावजूद भ्रष्टाचार के इस मामले को ठंडे बस्ते में डाल दिया गया। रिश्वत एवं भ्रष्टाचार में कार्रवाई न करने से यह स्पष्ट होता है कि यह सब मिलीभगत का परिणाम है और सभी अधिकारी भ्रष्टाचार में लिप्त हैं। 

प्रशासन और सरकार को अल्टीमेटम
उत्तर प्रदेश महिला आंगनबाड़ी संघ के उपाध्यक्ष राजेश शर्मा ने आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को जेल भेजे जाने पर कहा कि ठीक है, उन्हें गलत काम करते हुए पकड़ा गया, लेकिन पहले उनकी जांच की जानी चाहिए थी, तब कार्रवाई की जाती। इस मामले में जेल में भेजी गई सभी आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं की जांच के साथ अन्य केंद्रों एवं आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं से पूछा जाना चाहिए था कि आखिर कालाबाजारी के लिए कौन जिम्मेदार है। जांच के बाद कार्रवाई करना उचित था। आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं की निशानदेही पर जांच की जानी चाहिए थी। उन्होंने जोर देते हुए कहा कि डीएम को शहर एवं जिले के सभी केंद्रों पर जाना चाहिए एवं उनकी जांच करानी चाहिए। जब आंगनबाड़ी कार्यकर्ता सब बताने को तैयार थीं कि भ्रष्टाचार में कौन लिप्त है तो फिर उन्हें जेल भेजने और उन पर कार्रवाई करने की आवश्यकता क्यों पड़ गई। इसमें आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं का क्या दोष है। जब उनके सुपरवाइजर और अधिकारी काम करा रहे हैं तो वह काम कर रही हैं। उन्होंने उम्मीद जताई कि जिलाधिकारी और सरकार उन्हें न्याय देंगी। उन्होंने चेतावनी दी कि अगर आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को न्याय नहीं मिला तो प्रदेश स्तरीय आंदोलन को बाध्य होना पड़ेगा। 

न्याय नहीं तो आंदोलन
जिला मुख्यालय पर किए गए प्रदर्शन के दौरान आंगनबाड़ी कार्यकर्ता सरिता यादव ने कहा कि आगरा प्रशासन और शासन ने आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं के खिलाफ गलत कार्रवाई की है। आंगनबाड़ी कार्यकर्ता गलत काम कर ही नहीं सकतीं। जब तक सुपरवाइजर और सीडीपीओ आदेश नहीं देंगे, वह कोई गलत काम नहीं कर सकती। हमारी सभी आंगनबाड़ी बहनें निर्दोष हैं। उनसे जबरन भ्रष्टाचार कराया गया है। राशन और पुष्टाहार की कालाबाजारी करने वाले अधिकारियों पर कड़ी कार्रवाई होनी चाहिए थी ना कि हम आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं पर। सरिता यादव ने कहा कि अगर उन्हें न्याय नहीं मिला तो उन्हें मजबूरन आंदोलन की राह पकड़नी होगी।   

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