यूपी के फिरोजाबाद पर युद्ध का असर : कांच नगरी को लगा करोड़ों का झटका, रास्ते में फंस रहा माल

UPT | यूपी के फिरोजाबाद पर युद्ध का असर

Oct 09, 2024 15:59

मिडिल ईस्ट के बीच चल रहे तनाव का असर भारत में देखने को मिल रहा है। यूपी के कारोबार को तगड़ा झटका लगा है। फिरोजाबाद में होने वाले अंतरराष्ट्रीय कांच व्यापार को इससे भारी नुकसान हो रहा है...

Firozabad News : मिडिल ईस्ट के बीच चल रहे तनाव का असर भारत में देखने को मिल रहा है। यूपी के कारोबार को तगड़ा झटका लगा है। फिरोजाबाद में होने वाले अंतरराष्ट्रीय कांच व्यापार को इससे भारी नुकसान हो रहा है। यहां से भेजा जाने वाला माल रास्ते में अटका हुआ है, जिससे कांच व्यापारियों को काफी कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है। इसके अलावा, पहले से ऑर्डर पर तैयार किए गए माल के वितरण में भी समस्याएं उत्पन्न हो गई हैं। कांच व्यापारी अब दूसरे मार्गों से अपने माल को भेजने की कोशिश कर रहे हैं। यदि स्थिति जल्द सामान्य नहीं हुई, तो व्यापारियों को करोड़ों रुपये के नुकसान का सामना करना पड़ सकता है।

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माल डिलीवरी में अड़चन बना युद्ध
फिरोजाबाद में कांच के कई प्रकार के उत्पाद तैयार किए जाते हैं, जिन्हें न केवल भारत में बल्कि विदेशों में भी भेजा जाता है। यहां के होम डेकोरेशन के कांच के आइटमों का विदेशी बाजार में बड़ा व्यापार होता है। हर साल फिरोजाबाद से लगभग ढाई हजार करोड़ रुपये का अंतरराष्ट्रीय व्यापार होता है। विदेशी त्योहारों जैसे क्रिसमस डे के लिए दो महीने पहले से ही ऑर्डर आने लगते हैं। इस बार भी करोड़ों के ऑर्डर प्राप्त हुए हैं, जिन्हें समय पर भेजना आवश्यक है। लेकिन इजराइल और ईरान के बीच चल रहे संघर्ष के कारण माल सीधे उन देशों में नहीं पहुंच पा रहा है, जिससे डिलीवरी में समस्याएं उत्पन्न हो रही हैं। कांच व्यापारी अब दूसरे मार्गों से माल भेजने के प्रयास कर रहे हैं, लेकिन इस प्रक्रिया में अधिक खर्च और देरी हो रही है, जिससे करोड़ों रुपये के नुकसान का अनुमान लगाया जा रहा है।



नहीं मिल रहे हैं नए ऑर्डर
फिरोजाबाद में कांच के हैंडीक्राफ्ट आइटम तैयार किए जाते हैं, जो विदेशों में ऑर्डर पर भेजे जाते हैं। इनमें कांच की बोतलें, झूमर, बॉल और होम डेकोरेशन के सामान शामिल होते हैं। क्रिसमस के मौके पर इनकी मांग में खासा इजाफा होता है, जिससे लाखों का माल अमेरिका भेजा जाता है। लेकिन वर्तमान में चल रही लड़ाई के कारण इस उद्योग को काफी नुकसान हो रहा है। जो नए ऑर्डर आने शुरू होते थे, वह भी अब नहीं मिल पा रहे हैं।

निवासियों के लिए प्रमुख आजीविका का स्रोत
फिरोजाबाद को अपने समृद्ध चूड़ी और कांच उद्योग के लिए अंतरराष्ट्रीय स्तर पर जाना जाता है, जो यहां के निवासियों के लिए प्रमुख आजीविका का स्रोत है। इस उद्योग की जड़ें मुग़ल काल में फैली हुई हैं, जब आक्रमणकारियों ने शहर में विभिन्न कांच की वस्तुएं छोड़ी थीं। इन फेंकी गई चीजों को इकट्ठा करके स्थानीय भट्टियों में पिघलाया गया, जिन्हें "भैंसा भट्टी" के नाम से जाना जाता है। यह घटना फिरोजाबाद में कांच उद्योग की शुरुआत का प्रतीक मानी जाती है।

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चूड़ियों से लेकर झूमर तक बनाए गए...
शुरुआत में, पिघले हुए कांच का उपयोग चूड़ियां और छोटी बोतलें बनाने में किया गया। धीरे-धीरे, उद्योग में विविधता आई और इत्र सौंदर्य प्रसाधन और अन्य उत्पादों के लिए भी शीशियों का निर्माण शुरू हुआ, जिनमें से कुछ का निर्यात किया जाने लगा। विवाहित महिलाओं के लिए चूड़ियों, कंगनों और रिस्टबैंड्स की एक विस्तृत श्रृंखला भी तैयार की गई। 1989 के बाद, उद्योग ने विभिन्न रंगों और शेड्स को अपनाया, जिससे झूमर और अन्य कांच के उत्पादों का निर्माण संभव हुआ। वर्तमान में, फिरोजाबाद में लगभग 400 पंजीकृत कांच उद्योग हैं, जो इसे कांच विनिर्माण का एक प्रमुख केंद्र बनाते हैं।

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