बांके बिहारी मंदिर के वायरल वीडियो की सच्चाई उजागर : AC का नहीं है पानी, पुजारी ने किया स्पष्ट- ठाकुर जी के स्नान का जल है

UPT | बांके बिहारी मंदिर

Nov 06, 2024 11:03

बांके बिहारी मंदिर का एक वीडियो सोशल मीडिया पर खूब वायरल हुआ जिसमें कुछ लोग मंदिर परिसर में स्थित एक हाथी की मूर्ति से निकलने वाले जल पी रहे थे। जिसे कुछ लोगों ने एयर कंडीशनर का पानी बताया। मंदिर के पुजारियों ने इस दावे को सिरे से खारिज कर दिया है।

Mathura News : वृंदावन के प्रसिद्ध बांके बिहारी मंदिर का हाल ही में एक वीडियो सोशल मीडिया पर खूब वायरल हुआ। जिसमें मंदिर परिसर में स्थित एक हाथी की मूर्ति से निकलने वाले जल को लेकर विभिन्न दावे सामने आए हैं। कुछ लोगों ने इस जल को एयर कंडीशनर से निकलने वाला पानी बताया, जिसके बाद यह मामला विवादों में घिर गया। जिससे भक्तों के बीच मंदिर और जल की पवित्रता को लेकर चर्चा और भ्रम की स्थिति बन गई। वीडियो वायरल होने के बाद मंदिर के पुजारी और भक्तों ने इस पर अपनी प्रतिक्रिया देते हुए सच्चाई से पर्दा उठाने की कोशिश की है। 



मंदिर के पुजारियों ने बताई जल की सच्चाई
मंदिर के पुजारियों ने इस दावे को सिरे से खारिज कर दिया है। मंदिर के मुख्य पुजारी ने स्पष्ट किया कि यह जल कोई साधारण जल नहीं है, बल्कि यह वही पवित्र जल है जो श्री बांके बिहारी जी के नित्य स्नान के दौरान प्रयोग किया जाता है। उन्होंने बताया कि मंदिर के गर्भगृह में किसी प्रकार का एयर कंडीशनर नहीं लगा है। यह जल मूर्ति के स्नान और गर्भगृह की सफाई के बाद हाथी की मूर्ति के मुख से प्रवाहित होता है। पुजारी ने इस जल को "पवित्र" और "अमृत के समान" बताया जो कि किसी साधारण पानी से कहीं अधिक महत्व रखता है।

कैसे होता है इस जल का प्रवाह
पुजारी ने इस जल की महिमा का वर्णन करते हुए इसकी तुलना पारस मणि से की। उन्होंने कहा कि जैसे पारस के स्पर्श से लोहा भी सोना बन जाता है, वैसे ही यह जल भी अत्यंत पवित्र और दिव्य है क्योंकि इससे स्वयं श्री बांके बिहारी जी का अभिषेक किया जाता है। उन्होंने इस जल को अमृत तुल्य बताया और इसे एयर कंडीशनर से जोड़ने वाले लोगों की आलोचना की। उनका कहना था कि ऐसे लोग धार्मिक परंपराओं की गहरी समझ नहीं रखते और अफवाह फैलाकर दूसरों को गुमराह करते हैं।

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भक्तों ने भी की जल की पवित्रता की पुष्टि
मंदिर में आने वाले श्रद्धालुओं ने भी इस जल की महिमा का बखान किया। उनका कहना है कि यह जल दिव्य और चमत्कारी है। कई भक्तों ने बताया कि इस जल के सेवन से उन्हें आध्यात्मिक शांति की अनुभूति होती है। मंदिर प्रशासन ने सोशल मीडिया पर फैल रही भ्रामक जानकारी पर चिंता व्यक्त की और लोगों से अपील की है कि वे बिना पुष्टि के किसी भी जानकारी को प्रसारित न करें।

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