Aligarh News : जेएन मेडिकल कॉलेज में बौनेपन की दुर्लभ सर्जरी कर 16 साल की लड़की को दिया नया जीवन

UPT | जेएन मेडिकल कॉलेज में की गई दुर्लभ सर्जरी।

May 22, 2024 19:46

जेएन मेडिकल कॉलेज के न्यूरोसर्जरी विभाग के सर्जनों ने शरीर की हड्डी संरचना सम्बन्धी विकार को ठीक करने के लिए एक दुर्लभ सर्जरी को सफलतापूर्वक अंजाम दिया है.इस बीमारी को हड्डियों का बौनापन भी कहते है...

Aligarh News : अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय के जेएन मेडिकल कॉलेज के न्यूरोसर्जरी विभाग के सर्जनों ने शरीर की हड्डी संरचना संबंधी विकार को ठीक करने के लिए एक दुर्लभ सर्जरी को सफलतापूर्वक अंजाम दिया है। जिसमें एक युवा लड़की, जो एकोंड्रोप्लासिया से पीड़ित थी। सर्जरी के बाद लड़की के जीवन में आशा की एक नई किरण उत्पन्न कर दी है। इस बीमारी को हड्डियों का बौनापन भी कहते हैं। जिसमें हाथ या पैर की हड्डियों का विकास नहीं होता है।  

25 हजार जन्म लेने वाले बच्चों में से किसी एक में होता है एकोंड्रोप्लासिया
न्यूरोसर्जरी विभाग के अध्यक्ष प्रो. रमन मोहन शर्मा ने बताया कि हाथरस की 16 वर्षीय मानसी एकोंड्रोप्लासिया नामक बीमारी से पीड़ित थी, जो एक दुर्लभ प्रकार का कंकाल विकार है, जो लगभग 25 हजार जन्मों में से एक में होता है। जिसके कारण लड़की की लंबाई बढ़ नहीं पा रही थी। ऐसे मामलों में रोगियों के हाथ और पैर की लंबाई कम रह जाती है, हालांकि इनमें से अधिकांश बच्चे सामान्य लंबाई वाले माता-पिता से पैदा होते हैं और पूर्ण स्वस्थ जीवन जीते हैं।

स्क्रू और राड से गर्दन की हड्डी में की गई सर्जरी 
प्रो. शर्मा ने बताया कि सावधानीपूर्वक जांच करने पर छोटी गर्दन वाली मानसी में क्रेनियोवर्टेब्रल जंक्शन विसंगति पाई गई, जो एकोंड्रोप्लासिया की दुर्लभ अभिव्यक्तियों में से एक है और खोपड़ी के आधार पर उसकी हड्डियां रीढ़ की हड्डी को दबा रही थीं। उसकी सर्जरी की गई। जिसमें गर्दन की हड्डियों को फिर से संरेखित किया गया और स्क्रू और रॉड से ठीक किया गया और अब रोगी अच्छी तरह से ठीक हो रही है और सर्जन परिणाम से संतुष्ट हैं। उन्होंने कहा कि ऐसे मामलों में शरीर रचना को समझने के लिए 3डी प्रिंटिंग काफी मदद कर सकती है।

ऐसी बीमारियों का इलाज अब अलीगढ़ के मेडिकल कॉलेज में संभव 
डॉ. उबैद सिद्दीकी और उनकी टीम ने आपरेशन के दौरान रोगी को एनेस्थीसिया दिया। जबकि डॉ. नीलेश चैधरी, डॉ. निखिल वडवान, अनवर अली, लिली दत्त, हरिपाल, कासिम और उस्मान टीम ने चिकित्सकों के साथ सर्जरी में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।  न्यूरो सर्जरी विभाग के प्रो. एमएफ हुदा ने कहा कि जेएनएमसी के डॉक्टर स्कोलियोसिस सर्जरी, स्पाइनल विकृति, क्रेनियोवर्टेब्रल जंक्शन सर्जरी और स्पाइनल ट्यूमर सर्जरी जैसे सभी उन्नत स्पाइन सर्जरी के मामलों का संचालन कर रहे हैं। अब मरीजों को ऐसी बीमारियों के इलाज के लिए दूर के केंद्रों पर जाने की जरूरत नहीं है।

जेएनएमसी में न्यूरोसर्जरी में एम. सीएच की मात्र दो सीटें 
टीम के सर्जन डॉ. अहमद अंसारी ने कहा कि क्रेनियोवर्टेब्रल जंक्शन मस्तिष्क को रीढ़ की हड्डी से जोड़ता है। इसलिए, इस क्षेत्र में सर्जरी बहुत महत्वपूर्ण है. उन्होंने कहा कि हम जल्द ही जेएनएमसी में नियमित आधार पर एंडोस्कोपिक स्पाइन सर्जरी शुरू करेंगे। डॉ. ताबिश खान ने बताया कि ऐसे मामलों के लिए अच्छी प्रीऑपरेटिव प्लानिंग की जरूरत होती है। उन्होंने कहा कि पिछले 10 सालों में विभाग में क्रेनियोवर्टेब्रल जंक्शन विसंगतियों के 200 से ज्यादा मामलों का ऑपरेशन किया गया है।  मेडिसिन संकाय की डीन व मेडिकल कॉलेज की प्रिंसिपल और सीएमएस प्रोफेसर वीणा माहेश्वरी ने मेडिकल कॉलेज ने डॉक्टरों को बधाई दी और कहा कि न्यूरोसर्जरी में एम.सीएच. की दो सीटें हैं। जो जेएनएमसी के लिए गौरव की बात है। उन्होंने कहा कि यह विभाग पश्चिमी उत्तर प्रदेश में एक उन्नत न्यूरोसर्जरी केंद्र के रूप में विकसित हो रहा है।  

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