अलीगढ़ में मंदिर से संस्कार तक : कैंप में दी जाएगी वैदिक संस्कृति की शिक्षा, आठ साल से बड़े बच्चे होंगे शामिल 

UPT | अखिलेश्वर महादेव मंदिर समिति की टीम

Mar 04, 2024 16:20

इस बार गर्मी की छुट्टियों में बच्चों को सनातन धर्म और संस्कार की शिक्षा दी जाएगी। जिसमें बच्चों को पूजा पाठ संस्कार के बारे में शिक्षित किया जाएगा। यह कार्यक्रम अखिलेश्वर...

Short Highlights
  • वैदिक पूजा पद्धति के बारे में मिलेगी जानकारी।
  • समर कैंप में किचन के मसालों से बतायेंगे बीमारियों के उपचार। 
Aligarh News : इस बार गर्मी की छुट्टियों में बच्चों को सनातन धर्म और संस्कार की शिक्षा दी जाएगी। जिसमें बच्चों को पूजा पाठ संस्कार के बारे में शिक्षित किया जाएगा। यह कार्यक्रम अखिलेश्वर महादेव मंदिर समिति की तरफ से आयोजित किया जायेगा। सोमवार को मंदिर समिति ने महाशिवरात्रि पर्व को लेकर एक हजार रुद्राक्ष माला बांटने का संकल्प लिया है। 

वैदिक पूजा पद्धति के बारे में मिलेगी जानकारी
मंदिर ट्रस्ट के अध्यक्ष सतीश गौड़ ने बताया कि विद्वान पंडितों द्वारा बच्चों को दीक्षित किया जाएगा। वैदिक संस्कृत श्लोक के बारे में गहनता से समझाया जाएगा। यह कार्यक्रम गर्मियों में लड़के और लड़कियों दोनों के लिए चलाया जाएगा। इस कार्यक्रम में वैदिक मंत्र पूजा पद्धति के बारे में बताया जाएगा। पूजा करने के समय मंदिर में और घर में क्या करना चाहिए, कैसे बैठना चाहिए, बच्चों को हिंदू सनातन धर्म की पूजा पद्धति से परिचय कराया जायेगा।  

बच्चे मोबाइल में व्यस्त रहते हैं 
समाजसेवी सुरेंद्र शर्मा ने बताया कि बच्चियों को वैदिक ढंग से पूजा पद्धति के बारे में बताया जाएगा। क्योंकि आजकल के बच्चे मोबाइल में व्यस्त रहते हैं। वह पूजा पाठ से दूर रहते हैं। बच्चों को वैदिक मंत्रों का ज्ञान दिया जाएगा, जिससे वे हिंसक न बनें।

मसालों से बताएंगे बीमारी के उपचार  
सुरेंद्र शर्मा ने बताया कि आज हमारे घर के मसालेदानी में बुखार से लेकर कैंसर तक की दवा है, लेकिन आजकल के बच्चे उन मसाले का नाम ही नहीं जानते हैं। समर कैंप में उनको मसालों के बारे में पूरी जानकारी दी जाएगी। इन औषधीय मसालों से उपचार के तरीके और इससे होने वाले अन्य लाभ के बारे में बताया जाएगा। यह भी बताया जाएगा कि इसके प्रयोग से मेडिकल खर्च जीरो हो जाएगा। उन्होंने बताया कि हमारी नई पीढ़ी संस्कारहीन होती जा रही है। हम कोशिश करेंगे कि मातृ शक्तियों और बच्चे पुराने संस्कारों के माध्यम से मैनेजमेंट सीखें और बच्चियों का जीवन ज्योतिर्मय बने। उन्होंने बताया कि यह कार्यक्रम मंदिर से संस्कार तक के नाम से आयोजित किया जाएगा। इसमें 8 साल से बड़े बच्चों को शामिल किया जाएगा। 

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