Hathras News : बाबा ने SIT के नोटिस का नहीं दिया कोई जवाब, रिपोर्ट पर भी खड़े हुए कई सवाल

UPT | भोले बाबा उर्फ सूरज पाल

Jul 10, 2024 02:25

हाथरस हादसे की जांच कर रही SIT ने भोले बाबा उर्फ सूरज पाल को नोटिस भेजा था। बाबा को नोटिस भेजकर बयान दर्ज कराने के लिए बोला गया था, लेकिन बाबा ने न तो नोटिस का कोई जवाब दिया और...

Hathras News : हाथरस हादसे की जांच कर रही SIT ने भोले बाबा उर्फ सूरज पाल को नोटिस भेजा था। बाबा को नोटिस भेजकर बयान दर्ज कराने के लिए बोला गया था, लेकिन बाबा ने न तो नोटिस का कोई जवाब दिया और न अपना बयान दर्ज कराया। इसे अनौपचारिक बातचीत में SIT में शामिल अफसरों ने स्वीकार किया है। बता दें कि एसआईटी ने 132 लोगों की सूची तैयार की थी। इनमें बाबा का नाम भी शामिल था। जिलाधिकारी और पुलिस अधीक्षक के माध्यम से नोटिस देकर सूचना भिजवाई गई थी। हालांकि बाबा के वकील एपी सिंह जरूर पहुंचे और कहा कि बाबा को जब चाहें, तब बुलाएं।

SIT की रिपोर्ट पर खड़े हुए सवाल
हाथरस हादसे के मूल कारणों और लापरवाहियों को उजागर करते हुए SIT ने रिपोर्ट शासन को भेज दी। शासन ने भी इस रिपोर्ट का संज्ञान लेते आधा दर्जन अफसरों व कर्मचारियों को निलंबित कर दिए। मगर, सवाल है कि क्या सिर्फ लापरवाही इन छोटे अधिकारियों और कर्मचारियों की ही थी। या फिर SIT में वरिष्ठों को बचाने का प्रयास किया गया है, जबकि सच तो ये भी है कि निचले स्तर से एक-एक बात पत्राचार के तौर पर और मौखिक तौर पर वरिष्ठों को बताई गई। मगर, उनके स्तर से कोई संज्ञान नहीं लिया गया।

सुरक्षा को लेकर किसी ने कुछ नहीं पूछा
अगर घटनाक्रम की शुरुआत की बात करें तो बीते 18 जून को मुख्य आयोजक देवप्रकाश मधुकर ने उपजिलाधिकारी के समक्ष सत्संग की अनुमति के लिए आवेदन किया था। जिस पर एसडीएम ने संबंधित विभागों से रिपोर्ट लेने के बाद अनुमति जारी की। 29 जून को इंस्पेक्टर सिकंदराराऊ ने पुलिस के बड़े अधिकारियों को पत्र लिखा जिसमें साफ बताया था कि एक लाख लोगों की भीड़ जुट सकती है। एसपी से होते हुए यह पत्र एएसपी तक पहुंचा। अपर पुलिस अधीक्षक ने यहां 69 पुलिस कर्मियों की तैनाती कर दी। अब जरा सोचिए कि एक पत्र पुलिस के बड़े अफसरों के पास से होते होते थाने तक आ गया लेकिन कोई यह सवाल नहीं खड़ा कर सका कि एक लाख लोगों की भीड़ को कंट्रोल करने के लिए केवल 69 फोर्स। वहीं फायर ब्रिगेड की केवल एक गाड़ी लगाई थी जबकि कम से कम पांच से छह लगाई जानी चाहिए थीं।

सवाल जो उठ रहे
  • इंस्पेक्टर ने पुलिस के आला अफसरों को पत्र लिखकर एक लाख की भीड़ जुटने की सूचना देकर फोर्स लगाने की मांग की थी।
  • इंस्पेक्टर का यह पत्र पुलिस के आला अफसरों से लेकर थाने तक पहुंचा, लेकिन केवल 69 पुलिस कर्मियों की तैनाती की गई।
  • फायर ब्रिगेड पर पत्र पहुंचा तो वहां से भी केवल एक गाड़ी भेजी गई।
  • 500 बसें और 1500 से ज्यादा छोटे वाहन थे, हाईवे जाम था फिर भी ट्रैफिक पुलिस के 4 लोग लगाए गए।
  • किसी डॉक्टर की तैनाती भी मौके पर नहीं की गई।
  • एलआईयू की रिपोर्ट को भी अनदेखा किया गया।
  • केवल दो एंबुलेंस मौके पर तैनात की गईं थीं।

Also Read