आश्रम में बाबा के छिपे होने का आरोप : हाथ में दरांती लेकर निकले समर्थक, सेवादारों पर भी लगे गंभीर आरोप

UPT | आश्रम में बाबा के छिपे होने का आरोप

Jul 03, 2024 21:37

हाथरस मामले पर पुलिस ने एफआईआर दर्ज की, तो उसमें नारायण साकार हरि के नाम का जिक्र नहीं किया। हादसे के बाद अब कई सवाल उठ रहे हैं, जिनके जवाब तलाशे जाने जरूरी हैं।

Short Highlights
  • आश्रम में बाबा के छिपे होने का आरोप
  • हाथ में दरांती लेकर निकले समर्थक
  • सेवादारों पर अमानवीय व्यवहार का आरोप
Hathras News : हाथरस की ह्रदय विदारक घटना ने लोगों को स्तब्ध कर दिया है। भगदड़ में जिन 121 लोगों की जान गई, उनके परिवारों में मातम पसरा है। घायलों से मुलाकात के लिए सीएम योगी खुद अस्पताल पहुंचे और उनका हाल जाना। उधर पुलिस ने एफआईआर दर्ज की, तो उसमें नारायण साकार हरि के नाम का जिक्र नहीं किया। हादसे के बाद अब कई सवाल उठ रहे हैं, जिनके जवाब तलाशे जाने जरूरी हैं।

आश्रम से दरांती लेकर निकले समर्थक
घटना के बाद से ही नारायण साकार हरि उर्फ भोले बाबा फरार है। कहा जा रहा है कि वह बिछवां के आश्रम में छिपकर बैठा है। यही वजह है कि आश्रम के बाहर मीडिया और पुलिसकर्मियों का जमावड़ा लगा हुआ है। बुधवार की शाम कुछ लोग हाथ में दरांती लेकर आश्रम से निकले। मैदान में बने चबूतरे पर बैठे मीडियाकर्मियों को भगा दिया। कहा कि इस चबूतरे पर साकार विश्व हरि बैठते हैं। उन्होंने पानी से चबूतरे को साफ किया और फिर आश्रम में अंदर चले गए।

सेवादारों पर अमानवीय व्यवहार का आरोप
बताया जा रहा है कि सत्संग में भगदड़ के बाद स्थानीय लोग मदद के लिए पहुंचे। वह गिरे और दबे लोगों को बचाने और अस्पताल ले जाने के लिए मदद करने की कोशिश कर रहे थे। लेकिन आरोप है कि बाबा के सेवादारों ने उन लोगों को वहां से दूर भगा दिया। वह घायलों को अस्पताल पहुंचाने नहीं दे रहे थे। सेवादार कह रहे थे कि खुली हवा मिलेगी तो थोड़ी देर में सब सही हो जाएंगे। लोगों ने आरोप लगाया है कि अगर सेवादार मदद में बाधक नहीं बनते तो शायद कुछ और लोगों को बचाया जा सकता था।

NCW अध्यक्ष ने की कार्रवाई की मांग
राष्ट्रीय महिला आयोग की अध्यक्ष रेखा शर्मा ने बुधवार को हाथरस में घटना स्थल का दौरा किया। रेखा शर्मा ने जिला मजिस्ट्रेट और पुलिस अधीक्षक से भी मुलाकात की। उन्होंने कहा कि बाबा पर भी एफआईआर दर्ज होनी चाहिए। उसने गैरकानूनी काम किया है। 80 हजार लोगों की अनुमति के बावजूद 2 लाख से ज्यादा की भीड़ जुटाई गई। इतने सारे लोगों की मौत के बाद वह क्यों भाग गए।

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