Breaking News : हाथरस कांड में सीएम योगी का बड़ा एक्शन, एसडीएम समेत छह अधिकारी सस्पेंड

UPT | सीएम योगी आदित्यनाथ

Jul 09, 2024 13:19

हाथरस में भगदड़ की एसआईटी रिपोर्ट सामने आने के बाद मुख्यमंत्री योगी आदित्नाथ ने बड़ा एक्शन लिया है। इस आधार पर सीएम ने तत्काल प्रभाव से छह अधिकारियों को सस्पेंड कर दिया है।

Hathras news : हाथरस में भगदड़ की एसआईटी रिपोर्ट सामने आने के बाद मुख्यमंत्री योगी आदित्नाथ ने बड़ा एक्शन लिया है। जांच में कार्यक्रम आयोजकों को मुख्य रूप से जिम्मेदार माना गया है, लेकिन स्थानीय प्रशासन की लापरवाही का खुलासा किया गया है। इस आधार पर सीएम ने तत्काल प्रभाव से छह अधिकारियों को सस्पेंड कर दिया है।

इन पर गिरी गाज
निलंबित किए गए अधिकारियों में उप जिला मजिस्ट्रेट सिकन्दराराऊ, पुलिस क्षेत्राधिकारी सिकन्दराराऊ, थानाध्यक्ष सिकन्दराराऊ, तहसीलदार सिकन्दराराऊ, चौकी इन्चार्ज कचौरा और चौकी इन्चार्ज पोरा शामिल हैं। जांच समिति ने स्थानीय प्रशासन और पुलिस की गंभीर लापरवाही का खुलासा किया है। एसडीएम, सीओ, तहसीलदार, इंस्पेक्टर और चौकी इंचार्ज ने अपने दायित्वों का निर्वहन करने में घोर लापरवाही बरती। उप जिला मजिस्ट्रेट ने बिना कार्यक्रम स्थल का मुआयना किए अनुमति दे दी और वरिष्ठ अधिकारियों को सूचित नहीं किया। इन अधिकारियों ने कार्यक्रम को गंभीरता से नहीं लिया और न ही वरिष्ठ अधिकारियों को इसकी जानकारी दी। 

ये लापरवाही सामने आई
स्थानीय प्रशासन की लापरवाही के कई उदाहरण सामने आए हैं। उप जिला मजिस्ट्रेट सिकन्दराराऊ द्वारा बिना कार्यक्रम स्थल का मुआयना किये आयोजन की अनुमति प्रदान कर दी गई। स्थानीय पुलिस और प्रशासन ने आयोजन को गंभीरता से नहीं लिया और वरिष्ठ अधिकारियों को समुचित जानकारी नहीं दी। भारी भीड़ के बावजूद कोई बैरीकेडिंग या पैसेज की व्यवस्था नहीं की गई थी, और सत्संगकर्ता तथा भीड़ को बिना उचित सुरक्षा प्रबंध के मिलने की अनुमति दी गई।

जांच रिपोर्ट में क्या
हाथरस के सिकन्दराराऊ में 2 जुलाई को सत्संग के दौरान हुई दुर्घटना की जांच के लिए गठित दो सदस्यीय समिति ने अपनी रिपोर्ट सौंप दी है। इस जांच समिति ने घटना स्थल का निरीक्षण किया और 125 लोगों के बयान लिए, जिनमें प्रशासनिक और पुलिस अधिकारियों के साथ-साथ आम जनता और प्रत्यक्षदर्शी भी शामिल थे। समिति ने समाचार प्रतियों, स्थलीय विडियोग्राफी, छायाचित्र और विडियो क्लिपिंग का भी संज्ञान लिया। जांच में कार्यक्रम आयोजकों को मुख्य रूप से जिम्मेदार माना गया है, लेकिन समिति ने किसी बड़ी साजिश की संभावना से भी इनकार नहीं किया है और गहन जांच की आवश्यकता बताई है।

आयोजकों ने शर्तों का पालन नहीं किया
हालांकि अधिकारियों की लापरवाही प्रमुख कारण रही लेकिन आयोजकों की भूमिका भी संदिग्ध पाई गई है। आयोजकों ने तथ्यों को छिपाकर कार्यक्रम की अनुमति ली और अनुमति की शर्तों का पालन नहीं किया। उन्होंने अप्रत्याशित भीड़ को आमंत्रित किया लेकिन पर्याप्त व्यवस्था नहीं की। आयोजक मंडल से जुड़े लोगों को अव्यवस्था फैलाने का दोषी पाया गया है। इस दुर्घटना की गहन जांच के लिए एक न्यायिक आयोग भी कार्यवाही शुरू कर चुका है, जो इस मामले के सभी पहलुओं की जांच करेगा।

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