नसबंदी के बाद भी गर्भवती हुई महिला : मुआवजा देने का आदेश, सीएमओ और प्रभारी चिकित्साधिकारी पर लगाया जुर्माना

UPT | बाराबंकी फोटो।

Nov 25, 2024 20:08

बाराबंकी में नसबंदी ऑपरेशन असफल होने पर अनचाहे गर्भधारण का मामला उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग तक पहुंचा। आयोग ने मुख्य चिकित्साधिकारी और सीएचसी सूरतगंज के प्रभारी चिकित्साधिकारी को 65 हजार रुपये क्षतिपूर्ति देने का आदेश दिया है।

Barabanki News : बाराबंकी में नसबंदी ऑपरेशन के फेल होने पर अनचाहे गर्भधारण का मामला जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग में पहुंचा, जहां आयोग की पीठ ने मुख्य चिकित्साधिकारी अवधेश कुमार यादव और सीएचसी सूरतगंज के प्रभारी चिकित्साधिकारी को 65 हजार रुपये क्षतिपूर्ति देने का आदेश दिया। 



2014 को नसबंदी कराई थी, 2019 में बेटी को जन्म दिया
महिला ने 27 जनवरी 2014 को नसबंदी कराई थी, लेकिन 4 सितंबर 2018 को अल्ट्रासाउंड में पता चला कि वह पांच माह की गर्भवती है। इसके बाद 14 फरवरी 2019 को उसने एक बेटी को जन्म दिया। मोहम्मदपुर खाला निवासी महिला ने आयोग में वाद दायर कर नसबंदी असफल होने पर 4.50 लाख रुपये की क्षतिपूर्ति मांगी थी। पीठ ने मामले की सुनवाई के बाद मानसिक व आर्थिक प्रताड़ना के लिए 30 हजार रुपये, शासनादेश के तहत 30 हजार रुपये और 5 हजार रुपये वाद व्यय के रूप में देने का आदेश जारी किया।

विरोध पक्ष ने गाइडलाइन का हवाला दिया 
विरोध पक्ष ने गाइडलाइन का हवाला देते हुए कहा कि गर्भधारण के 90 दिन के भीतर दावा किया जाना चाहिए, जो समय पर नहीं किया गया। साथ ही, नसबंदी असफल होने की 10 प्रतिशत संभावना स्वास्थ्य कारणों से रहती है। यह भी कहा गया कि पीड़िता लाभार्थी उपभोक्ता की श्रेणी में नहीं आती।

आयोग ने यह माना कि विपक्षी यह सिद्ध करने में विफल रहे कि नसबंदी असफल होने के क्या कारण थे और क्या वे कारण पीड़िता में मौजूद थे। आयोग ने नवंबर 2024 में आदेश जारी करते हुए कहा कि विपक्षी दो माह के भीतर क्षतिपूर्ति राशि का भुगतान करें। समय पर भुगतान न होने पर सात प्रतिशत वार्षिक ब्याज भी देना होगा।

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