श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र न्यास की बैठक : प्राण प्रतिष्ठा की पहली वर्षगांठ 11 जनवरी को 'प्रतिष्ठा द्वादशी' के रूप में मनाने का निर्णय

UPT | पत्रकार वार्ता में ट्रस्ट बैठक के निर्णयों की जानकारी देते महामंत्री चम्पतराय।

Nov 25, 2024 21:43

श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र न्यास की एक महत्वपूर्ण बैठक मणिराम दास छावनी में आयोजित की गई। इस बैठक में न्यास के अध्यक्ष महंत नृत्य गोपाल दास महाराज की अध्यक्षता में कई महत्वपूर्ण निर्णय लिए गए।

Ayodhya News : श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र न्यास की एक महत्वपूर्ण बैठक मणिराम दास छावनी में आयोजित की गई। इस बैठक में न्यास के अध्यक्ष महंत नृत्य गोपाल दास महाराज की अध्यक्षता में कई महत्वपूर्ण निर्णय लिए गए। बैठक में न्यास के लगभग सभी सदस्य और पदाधिकारी उपस्थित थे, जबकि चार ट्रस्टी किसी कारणवश उपस्थित नहीं हो सके।

प्राण प्रतिष्ठा की वर्षगांठ "प्रतिष्ठा द्वादशी" के रूप में मनाई जाएगी
बैठक में एक अहम निर्णय प्राण प्रतिष्ठा की वर्षगांठ को लेकर लिया गया। इस अवसर को "प्रतिष्ठा द्वादशी" के रूप में मनाने का फैसला किया गया है। 2025 में यह तिथि 11 जनवरी को पड़ेगी। ट्रस्ट महामंत्री चम्पत राय ने बताया कि जिस प्रकार से जन्माष्टमी का पर्व हिंदी तिथि और पंचांग के अनुसार मनाया जाता है, उसी तरह पौष शुक्ल द्वादशी (कुर्म द्वादशी) को प्रतिष्ठा द्वादशी के रूप में मनाने का निर्णय संतों की सहमति से लिया गया है।

ट्रस्ट अध्यक्ष के स्वास्थ्य पर सोच-समझकर करें टिप्पणी
बैठक के बाद आयोजित पत्रकार वार्ता में चम्पत राय ने ट्रस्ट अध्यक्ष महंत नृत्य गोपाल दास के स्वास्थ्य के संबंध में मीडिया से सावधानीपूर्वक समाचार प्रकाशित करने का आग्रह किया। उन्होंने कहा कि महंत नृत्य गोपाल दास जी रामानंदी परंपरा के श्रेष्ठ संत हैं, इसलिए उनके स्वास्थ्य पर किसी भी प्रकार की गैर-जिम्मेदार टिप्पणी से बचा जाना चाहिए।

चांदी के सिक्कों की क्वालिटी जांच और अर्चकों की नियुक्ति
बैठक में लिए गए अन्य महत्वपूर्ण निर्णयों में भक्तों द्वारा समर्पित 940 किलो चांदी की गुणवत्ता की जांच शामिल थी। चम्पत राय ने बताया कि यह चांदी सिक्योरिटी प्रिंटिंग एंड मिन्टिंग कारपोरेशन ऑफ इंडिया को मेल्ट करने के लिए भेजी गई थी, जिसमें से 71 नमूनों में से 64 की गुणवत्ता 90 से 98 फ़ीसदी पाई गई। इसके अलावा, श्रीराम जन्मभूमि मन्दिर के लिए चुने गए अर्चकों का छह महीने का प्रशिक्षण पूरा होने के बाद उनकी नियुक्ति नियमावली के आधार पर की जाएगी। सभी अर्चकों को 18 मंदिरों में चक्रीय क्रम से तैनात किया जाएगा।



श्रद्धालुओं के लिए सुविधाओं में सुधार और निर्माण कार्य
बैठक में श्रद्धालुओं के सुगम दर्शन के लिए भी महत्वपूर्ण निर्णय लिए गए। मन्दिर परिसर में यात्री सेवा केंद्र के निकट अपोलो हॉस्पिटल दिल्ली द्वारा 3000 वर्ग मीटर क्षेत्रफल में हेल्थ केयर सिस्टम विकसित किया जाएगा। इसके साथ ही, परिसर के दक्षिणी कोने में एक 500 लोगों की क्षमता वाला प्रेक्षागृह, अतिथि समागृह और ट्रस्ट का कार्यालय बनाने की योजना है, जिसका शुभारंभ महंत नृत्य गोपाल दास ने किया। इसके अलावा, गर्मी और वर्षा से यात्रियों को बचाने के लिए मंदिर तक अस्थाई जर्मन हैंगर लगाए गए थे, जिनकी जगह अब स्थाई शेड का निर्माण किया जाएगा। यह शेड 9 मीटर चौड़ा और लगभग 600 मीटर लंबा होगा, जिसका निर्माण कार्य उत्तर प्रदेश के राजकीय निर्माण निगम और एलएनटी द्वारा किया जाएगा।

मंदिर निर्माण की प्रगति
मंदिर के निर्माण कार्य में भी तेजी लाई जा रही है। सप्त मंडल मंदिर का निर्माण मार्च तक, शेषावतार मंदिर अगस्त तक और परकोटा का निर्माण अक्टूबर तक पूरा करने का लक्ष्य है। इस बैठक में ट्रस्टी डॉ. अनिल मिश्र और गोपाल राव भी मौजूद थे, जिन्होंने निर्माण कार्य की प्रगति पर संतोष व्यक्त किया। इस बैठक के निर्णय से स्पष्ट है कि श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र न्यास, श्रद्धालुओं की सुविधा और धार्मिक परंपराओं के निर्वहन में पूरी तरह समर्पित है। मंदिर परिसर में चल रहे निर्माण कार्य और आगामी आयोजन को लेकर न्यास के पदाधिकारी पूरी तरह प्रतिबद्ध हैं।

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