Ayodhya News : "डीढिया" लोक नृत्य की प्रस्तुति से रामलला की नजर उतारी

UPT | लोक नृत्य की प्रस्तुति देते कलाकार

Feb 01, 2024 16:33

अपने सिर पर मटके में प्रज्जवलित अग्नि रखकर किए जाने वाला ये नृत्य प्रयागराज के दोआबा क्षेत्र में हर शुभ अवसर पर किया जाता है...

Short Highlights
  • जनजातीय नृत्य गादेलिया की मीठी ध्वनि ने दर्शकों का मन मोहा

 

Ayodhya News : रामनगरी के राम कथा पार्क में देश भर के कलाकारों को भगवान राम को रिझाने और अपनी प्रतिभा प्रदर्शन का मंच प्रदान किया गया है। प्रयागराज से आई सुप्रिया रावत के दल ने "डीढिया" लोक नृत्य करके भगवान रामलला के बाल रूप की नजर उतारी। अपने सिर पर मटके में प्रज्जवलित अग्नि रखकर किए जाने वाला ये नृत्य प्रयागराज के दोआबा क्षेत्र में हर शुभ अवसर पर किया जाता है। अगली प्रस्तुति में जम्मू से आए गोरख नाथ के दल ने वहां के जनजातीय नृत्य गादेलिया नृत्य की शानदार प्रस्तुत दी। जो की "गद्दी" जनजाति का लोक नृत्य है। इस दौरान पुरुष और महिला कलाकारों का समन्वय, वाद्ययंत्रों की मीठी धुन ने मिलकर सभी का दिल जीत लिया। तालियों की गूंज में दर्शकों की मांग पर इन्ही कलाकारों ने एक और लोक नृत्य प्रस्तुत किया। 

राम-लक्ष्मण ने की ऋषि विश्वामित्र के यज्ञ की रक्षा 
"डीढिया" लोक नृत्य से भगवान रामलला के बाल रूप की नजर उतारने के बाद अगली प्रस्तुति में अवध के महावीर शरण दास की रामलीला का मंचन किया। जिसमें महर्षि विश्वामित्र जी के यज्ञ को राम लक्ष्मण द्वारा रक्षा करने के दृश्य के साथ आरंभ करके जनकपुर से आमंत्रण, विश्वामित्र सहित दोनों भाईयों का जनकपुर प्रस्थान, मार्ग में देवी अहिल्या का उद्धार और जनकपुर में रात्रि विश्राम का दृश्य मंचित किया गया। इस अवसर पर अंतरराष्ट्रीय रामायण एवम वैदिक शोध संस्थान के निदेशक डॉक्टर लव कुश द्विवेदी, उत्तर मध्य क्षेत्र सांस्कृतिक क्षेत्र के कार्यक्रम अधिकारी अजय गुप्ता, संत मनीष दास, संत एमबी. दास समेत तमाम गणमान्य भक्त और श्रद्धालु अंत तक जमे रहे। कार्यक्रम का संचालन भक्तिपूर्ण ढंग से आकाशवाणी के उद्घोषक देश दीपक मिश्र ने किया।

राग सेवा में भावुक हुईं सुजाता महापात्रा
श्रीराम जन्मभूमि पर चल रहे रागोत्सव में ओडिसी नृत्यांगना सुजाता महापात्रा ने मनमोहक नृत्य से श्रीराम लला को अपनी भक्ति श्रद्धा और स्नेह को समर्पित किया। राम लला के सम्मुख प्रस्तुति देकर ओडिसी नृत्यांगना सुजाता महापात्रा बहुत भावुक दिखी। सुजाता केंद्रीय संगीत नाटक अकादमी से पुरस्कृत भी हैं। कम उम्र में ही गुरु सुधाकर साहू से ओडिसी सीखना शुरू कर दिया था, बाद में उन्होंने भुवनेश्वर के ओडिसी अनुसंधान केंद्र में पद्म विभूषण गुरु केलुचरण महापात्र से प्रशिक्षण भी लिया।

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