Ayodhya news कठपुतली ने गाए राम भजन, कथक नृत्य नाटिकाओं में दिखे रामचरित मानस के प्रसंग

UPT | अयोध्या में कठपुतली नृत्य।

Feb 19, 2024 10:34

सांस्कृतिक संध्या के सत्र में अवध के शिवम मिश्र ने अपने दल के साथ कार्यक्रम के आरंभ में "इक बार जो रघुबर की कृपा हो जाए" गाकर रामलला की पुन:प्रतिष्ठा को स्वर दिया।

Short Highlights
  • रामोत्सव : मानस कथा, कठपुतली और भजनों से गूंजा रामकथा पार्क।
  • जब वातावरण में घुल गया होली का रंग।
अयोध्या। रामनगरी में प्राण प्रतिष्ठा के बाद से ही रामोत्सव का उल्लास छाया है। अयोध्या के "राम कथा पार्क" में आयोजित गीत, संगीत, नृत्य के माध्यम से सभी श्रद्धालुओं, रामभक्तों, दर्शकों औऱ पर्यटकों को आकर्षित कर रहा है। कथा व्यास उज्ज्वल शांडिल्य जी महाराज ने मानस के प्रसंगों को सुनाकर भक्तों को भाव-विभोर कर दिया। सांस्कृतिक संध्या के सत्र में अवध के शिवम मिश्र ने अपने दल के साथ कार्यक्रम के आरंभ में "इक बार जो रघुबर की कृपा हो जाए" गाकर रामलला की पुन:प्रतिष्ठा को स्वर दिया। इसके बाद तेरा रामजी करेंगे बेड़ा पार और श्रीराम जानकी बसे है मेरे मन में, गाकर दर्शकों के मन की बात मंच से करके सभी को अपने साथ जोड़ लिया। वाइब्रेंट आर्ट कल्चर सोसाइटी के कलाकारों ने श्रीराम चंद्र कृपालु भजमन पर स्तुति करने के बाद अवध में मिथिला की होली पर लोकनृत्य प्रस्तुत किया तो एक बार वातावरण में होली का रंग घुल गया।

कठपुतलियों के मंचन और संवाद से हर कोई मंत्रमुग्ध
लुप्तप्राय हो चुकी लोकविधा कठपुतली के माध्यम से श्रीनारायण श्रीवास्तव और उनके दल ने भारतीय लोक कला की समृद्धता को सिद्ध कर दिया। सूत्रधार के माध्यम से गणेश वंदना करने के बाद भजनों को श्रृंखला पर कठपुतलियों का अभिनय, संचालन, संवाद ने सभी को मंत्रमुग्ध कर दिया। हमारे साथ जब रघुनाथ, तो किस बात की चिंता, पर कठपुतलियों के साथ सभी अपना स्वर मिलाने लगे। जबकि नारद प्रसंग ने सभी के चेहरे पर मुस्कान ला दी। रोहित कश्यप, दीप प्रकाश का कठपुतली संचालन प्रभावी रहा।

राम जानकी के जयमाल होते ही तालियां बजाने लगे दर्शक
कथक नृत्य नाटिका "राम चरित्रम" में धनुष भंग, परशुराम लक्ष्मण संवाद और सीता स्वयंवर का प्रसंग डा. जया राय के दल ने प्रस्तुत किया। पात्रों की वेशभूषा आपसी तालमेल सब कुछ अद्भुत था। राम जानकी के जयमाल होते ही दर्शक तालियां बजाने लगे। पांडाल में छाए भक्तिमय वातावरण में डा. रचना श्रीवास्तव ने अवधी लोक गायन और लोक नृत्यों से राम जी की आराधना की। अंशिका, सोनम, जाह्नवी, सत्यम सिंह के साथ जनक जी के दरबार का प्रसंग "राजा जनक जी के द्वारे बड़ी भीड़, वीर सब आए" प्रस्तुत किया, वहीं श्री अयोध्यापुरी में उमड़े भक्तों की श्रद्धा को स्वर दिया 'नीक लागे रे अवध नगरिया'। इसके बाद होली गीत सुनाकर मंच से प्रस्थान किया। लखनऊ से आई इशिका त्रिपाठी के दल ने रामकथा की प्रस्तुति नृत्य नाटिका के माध्यम से किया, जिसमे अहिल्या उद्धार और सुबाहु वध का दृश्य दर्शकों को स्तब्ध कर गया। राम सीता का विवाह होते ही पांडाल जय जय सियाराम के घोष से गूंजने लगा। 

"लूटी" नृत्य की शानदार प्रस्तुति पर झूमने पर मजबूर हुए दर्शक
पंजाब से आए शैलिका कंबोज के दल ने पारंपरिक "लूटी" नृत्य प्रस्तुत किया तो सभी झूमने लगे। दर्शकों की तालियों से अभिभूत कलाकार मनजोत में पंजाब की "जुगनी" गाकर सभी के दिलो को जीत लिया। गहराती रात में उर्मिला पांडे के दल ने अपनी नृत्य नाटिका के माध्यम से मंच पर रामजन्म से लेकर रामजी के अयोध्या आगमन तक के प्रसंग प्रस्तुत किए तो दर्शक श्रद्धा भाव में अभिभूत हो गए। कार्यक्रम का संचालन आकाशवाणी के उद्घोषक देश दीपक मिश्र ने अपने अंदाज में किया। देर रात तक चले कार्यक्रम में अंतर्राष्ट्रीय रामायण एवं वैदिक शोध संस्थान के निदेशक डाॅ लवकुश द्विवेदी ने सभी कलाकारों का सम्मान स्मृति चिह्न देकर किया। कार्यक्रम समन्वयक अतुल सिंह, विशाल सिंह, आरती, अरुण सोनकर, दिलीप शर्मा रितिका, दीपशिखा समेत भारी संख्या में दर्शक देर रात तक चले कार्यक्रम का आनंद लेते रहे।

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