महाराजा सुहेलदेव विश्वविद्यालय : पहला दीक्षांत समारोह संपन्न, राज्यपाल आनंदी बेन पटेल ने किया सम्मानित

UPT | राज्यपाल आनंदी बेन पटेल ने मेधावियों को किया सम्मानित

Oct 14, 2024 19:33

इस कार्यक्रम में प्रदेश की राज्यपाल आनंदी बेन पटेल ने मेधावियों और कुलगीत के लेखक को प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया, जो समारोह की खास बात रही...

Short Highlights
  • महाराजा सुहेलदेव विश्वविद्यालय का पहला दीक्षांत समारोह संपन्न 
  • राज्यपाल आनंदी बेन पटेल ने मेधावियों को किया सम्मानित
  • कुलगीत के लेखक को प्रशस्ति पत्र दिया
Azamgarh News : आजमगढ़ स्थित महाराजा सुहेलदेव विश्वविद्यालय का पहला दीक्षांत समारोह सफलतापूर्वक संपन्न हुआ। इस विश्वविद्यालय की स्थापना की आधारशिला 2021 में रखी गई थी और अब 2024 में इसका पहला दीक्षांत समारोह आयोजित किया गया। इस कार्यक्रम में प्रदेश की राज्यपाल आनंदी बेन पटेल ने मेधावियों और कुलगीत के लेखक को प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया, जो समारोह की खास बात रही।

तीन महीने में तैयार हुआ कुलगीत
बता दें कि कुलगीत की रचना की जिम्मेदारी विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. प्रदीप शर्मा ने एक टीम को सौंपी थी, जिसमें अग्रसेन महिला महाविद्यालय की प्राचार्य जूही शुक्ला, प्रोफेसर निशा और डीएवी कॉलेज के हिंदी प्रोफेसर जगदंबा प्रसाद दूबे शामिल थे। इन तीनों ने तीन महीने की मेहनत के बाद इस कुलगीत को तैयार किया, जो विश्वविद्यालय की पहचान को दर्शाता है।



कुलगीत में दिखाई देती है आजमगढ़ की संस्कृति की झलक
इस दौरान, प्रोफेसर जगदंबा प्रसाद दूबे ने बताया कि कुलगीत में आजमगढ़ की संस्कृति, कला और इतिहास को समेटा गया है। इसमें दर्शाया गया है कि यह विश्वविद्यालय न केवल शिक्षा का केंद्र है, बल्कि आध्यात्मिक और सांस्कृतिक धरोहर का भी प्रतीक है। कुलगीत के हैं, "हमारी आज का मंदिर, हमारी शान का मंदिर, सुहेलदेव विश्वविद्यालय का मंदिर।"

विद्युत परिषद में हुआ अनुमोदित
कुलगीत लिखने वाले प्रोफेसर जगदंबा प्रसाद दूबे का कहना है कि इस गीत की रचना के दौरान वे सभी जिले की आध्यात्मिक और साहित्यिक विरासत को शामिल करना चाहते थे। फरवरी 2023 में जब इस कुलगीत को विश्वविद्यालय की विद्युत परिषद में अनुमोदित किया गया, तो उन्हें अपनी मेहनत की सफलता का एहसास हुआ।

राज्यपाल का किया धन्यवाद
उन्होंने बताया कि वहीं जब दीक्षांत समारोह में कुलगीत की संगीत में प्रस्तुति हुई, तब यह उनके लिए एक विशेष गौरव का क्षण था। प्रोफेसर दुबे ने कहा कि जब तक यह विश्वविद्यालय कायम रहेगा, तब तक यह कुलगीत भी गाया जाएगा। उन्होंने राज्यपाल आनंदी बेन पटेल का धन्यवाद किया, जिन्होंने उन्हें इस विशेष अवसर पर सम्मानित किया।

ये भी पढ़ें- प्रयागराज महाकुंभ 2025 : मेले में पर्यटक ले सकेंगे सारी जानकारी, 40 स्थानों पर बनाए जाएंगे सूचना केंद्र

Also Read