नौकरी जाने के बाद शिक्षा मित्र बना ड्रग्स माफिया : बरेली पुलिस ने सरगना के दिव्यांग साथी को चरस के साथ किया गिरफ्तार, शहर में करता था सप्लाई

UPT | आरोपी को पुलिस ने पकड़ा।

Jan 04, 2025 11:47

बरेली शहर की इज्जतनगर थाना पुलिस ने गांजा तस्करी के एक बड़े गैंग का भंडाफोड़ किया है। इसमें एक शिक्षा मित्र नौकरी जाने के बाद से गांजे की तस्करी कर रहा था। मगर, यह काम अपने दिव्यांग साथी से कराता था। पुलिस ने दिव्यांग युवक को 6 किलो 60 ग्राम गांजे के साथ गिरफ्तार किया है।

Bareilly News : यूपी के बरेली शहर की इज्जतनगर थाना पुलिस ने गांजा तस्करी के एक बड़े गैंग का भंडाफोड़ किया है। इसमें एक शिक्षा मित्र नौकरी जाने के बाद से गांजे की तस्करी कर रहा था। मगर, यह काम अपने दिव्यांग साथी से कराता था। पुलिस ने दिव्यांग युवक को 6 किलो 60 ग्राम गांजे के साथ गिरफ्तार किया है। उसके पास से 33,357 रुपये मिले हैं। दिव्यांग युवक को यह गांजा शहर में सप्लाई करना था। पुलिस ने भी गिरोह का सरगना एक पूर्व शिक्षामित्र होने का दावा किया है। वह नौकरी छूटने के बाद से गांजा तस्करी के धंधे में लिप्त था। पुलिस ने आरोपी दिव्यांग के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर जांच शुरू कर दी है। 

दिव्यांग तीन पहिया स्कूटी से करता था तस्करी
शहर के इज्जतनगर थाने के इंस्पेक्टर ने मीडिया को बताया कि गिरफ्तार आरोपियों में बरेली देहात की बहेड़ी कोतवाली थाना क्षेत्र के बहादुरगंज गांव निवासी देवेंद्र गंगवार और शीशगढ़ थाना क्षेत्र के जामंत रंपुरा गांव निवासी नरेंद्र कुमार शामिल हैं। देवेंद्र दिव्यांग है। वह अपनी तीन पहिया स्कूटी (व्हील चियर) से शहर भर में गांजा सप्लाई करता था। नरेंद्र उसके साथ मिलकर जगह-जगह यह मादक पदार्थ बेचता था। उनके कब्जे से गांजे के अलावा 33,357 रुपये की नकदी मिली है।

शिक्षा मित्र के इशारे पर चलता था गैंग, संपत्ति की होगी जांच
शहर की इज्जतनगर थाना पुलिस ने बताया कि कर्मचारी नगर निवासी सुनील कुमार गिरोह का संचालन करता है। सुनील पहले शिक्षामित्र के तौर पर काम करता था। मगर, उसने नौकरी छूटने के बाद गांजे की तस्करी शुरू कर दी। तस्करी से उसने करोड़ों रुपये की संपत्ति अर्जित की है। आरोपियों ने पूछताछ में बताया कि वे सुनील से गांजा खरीदकर पूरे शहर में बेचते थे। गांजा तस्करी में दिव्यांग की भी मुख्य भूमिका है। वह दिव्यांगता का फायदा उठाकर बिना किसी शक के स्कूटी से शहरभर में तस्करी करता था। पुलिस ने उसे नरेंद्र के साथ रंगे हाथ गिरफ्तार कर लिया। पुलिस ने दोनों आरोपियों के खिलाफ मामला दर्ज कर उन्हें जेल भेज दिया है।Bareilly News : यूपी के बरेली शहर की इज्जतनगर थाना पुलिस ने गांजा तस्करी के एक बड़े गैंग का भंडाफोड़ किया है। इसमें एक शिक्षा मित्र नौकरी जाने के बाद से गांजे की तस्करी कर रहा था। मगर, यह काम अपने दिव्यांग साथी से कराता था। पुलिस ने दिव्यांग युवक को 6 किलो 60 ग्राम गांजे के साथ गिरफ्तार किया है। उसके पास से 33,357 रुपये मिले हैं। दिव्यांग युवक को यह गांजा शहर में सप्लाई करना था। पुलिस ने भी गिरोह का सरगना एक पूर्व शिक्षामित्र होने का दावा किया है। वह नौकरी छूटने के बाद से गांजा तस्करी के धंधे में लिप्त था। पुलिस ने आरोपी दिव्यांग के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर जांच शुरू कर दी है। 

दिव्यांग तीन पहिया स्कूटी से करता था तस्करी
शहर के इज्जतनगर थाने के इंस्पेक्टर ने मीडिया को बताया कि गिरफ्तार आरोपियों में बरेली देहात की बहेड़ी कोतवाली थाना क्षेत्र के बहादुरगंज गांव निवासी देवेंद्र गंगवार और शीशगढ़ थाना क्षेत्र के जामंत रंपुरा गांव निवासी नरेंद्र कुमार शामिल हैं। देवेंद्र दिव्यांग है। वह अपनी तीन पहिया स्कूटी (व्हील चियर) से शहर भर में गांजा सप्लाई करता था। नरेंद्र उसके साथ मिलकर जगह-जगह यह मादक पदार्थ बेचता था। उनके कब्जे से गांजे के अलावा 33,357 रुपये की नकदी मिली है।

शिक्षा मित्र के इशारे पर चलता था गैंग, संपत्ति की होगी जांच
शहर की इज्जतनगर थाना पुलिस ने बताया कि कर्मचारी नगर निवासी सुनील कुमार गिरोह का संचालन करता है। सुनील पहले शिक्षामित्र के तौर पर काम करता था। मगर, उसने नौकरी छूटने के बाद गांजे की तस्करी शुरू कर दी। तस्करी से उसने करोड़ों रुपये की संपत्ति अर्जित की है। आरोपियों ने पूछताछ में बताया कि वे सुनील से गांजा खरीदकर पूरे शहर में बेचते थे। गांजा तस्करी में दिव्यांग की भी मुख्य भूमिका है। वह दिव्यांगता का फायदा उठाकर बिना किसी शक के स्कूटी से शहरभर में तस्करी करता था। पुलिस ने उसे नरेंद्र के साथ रंगे हाथ गिरफ्तार कर लिया। पुलिस ने दोनों आरोपियों के खिलाफ मामला दर्ज कर उन्हें जेल भेज दिया है।

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