पीलीभीत में आतंकियों से मुठभेड़ का मामला : सनी का फोन मिला, सिद्धू के कनेक्शन की जांच में जुटी पुलिस, ये राज भी खुल सकेंगे 

UPT | पीलीभीत एनकाउंटर।

Jan 04, 2025 14:39

पीलीभीत के पूरनपुर में खालिस्तानी आतंकियों के साथ मुठभेड़ के बाद पुलिस को सनी का मोबाइल फोन बरामद हुआ, जिससे आतंकियों और उनके विदेशी नेटवर्क का पर्दाफाश होने की संभावना है। सनी ने इन आतंकियों को स्थानीय मदद, होटल ठहरने और फर्जी दस्तावेज मुहैया कराए थे।

Pilibhit News : पीलीभीत के पूरनपुर क्षेत्र में खालिस्तानी आतंकियों के साथ हुई मुठभेड़ ने पूरे देश का ध्यान खींचा है। इस घटना के बाद पुलिस को कई बड़े सुराग मिले हैं, जिनमें सबसे अहम सनी का मोबाइल फोन है। इस मोबाइल की जांच से खालिस्तानी आतंकियों और उनके विदेशी नेटवर्क का पर्दाफाश होने की उम्मीद है। 



मुठभेड़ का घटनाक्रम और आतंकियों का खात्मा
23 दिसंबर की सुबह यूपी पुलिस ने खालिस्तान जिंदाबाद फोर्स (केजेडएफ) के तीन आतंकियों—वीरेंद्र सिंह, गुरविंदर सिंह, और जसन प्रीत सिंह—को मुठभेड़ में ढेर कर दिया। ये आतंकी 18 दिसंबर को पंजाब की एक पुलिस चौकी पर ग्रेनेड हमले में शामिल थे। जांच में पता चला कि इन आतंकियों को पूरनपुर में स्थानीय मददगार जसपाल उर्फ सनी ने सहारा दिया था। 20 दिसंबर की शाम को सनी ने आतंकियों को पूरनपुर के होटल हरजी में ठहराया था। इसके अलावा, उसने उन्हें फर्जी दस्तावेज और स्थानीय सहायता भी प्रदान की।

सनी का मोबाइल फोन : कई राजों का खुलासा
पुलिस ने सनी को गिरफ्तार कर लिया और उससे पूछताछ के दौरान उसका मोबाइल फोन बरामद किया। उसने बताया कि उसने फोन को अपने गांव के पास एक तिराहे पर जमीन में दबा दिया था। पुलिस को शक है कि यह फोन आतंकियों और उनके विदेशी आकाओं के बीच संवाद का अहम माध्यम था।

मोबाइल फोन से मिलने वाले संभावित सुराग 
  • आतंकियों और सनी के बीच हुई कॉल और मैसेजिंग का ब्यौरा।
  • इंग्लैंड में मौजूद बब्बर खालसा के आतंकी कुलबीर सिंह सिद्धू के साथ हुई बातचीत।
  • फर्जी दस्तावेजों और आधार कार्डों की जानकारी।
  • अन्य स्थानीय सहयोगियों की पहचान।
विदेशी कनेक्शन: सिद्धू का नेटवर्क
पुलिस ने खुलासा किया है कि खालिस्तानी आतंकी कुलबीर सिंह सिद्धू इंग्लैंड में रहकर भारत में आतंकी गतिविधियों को अंजाम देने की साजिश रच रहा था। उसने सनी को कई बार फोन किया और आतंकियों की मदद करने के निर्देश दिए। सिद्धू का पीलीभीत और उसके आसपास के इलाकों में पहले से ही नेटवर्क था। कोरोना महामारी के दौरान वह गजरौला जप्ती, कजरी निरंजनपुर, और नरायनपुर कॉलोनी में रुका था। इस दौरान उसने कई युवाओं को ई-वीजा के जरिए विदेश भेजा। हालांकि, कुछ मामलों में ई-वीजा की प्रक्रिया में गड़बड़ियों के चलते युवक विदेश नहीं जा सके। इससे सिद्धू को कुछ रकम वापस भी करनी पड़ी। पुलिस को शक है कि ई-वीजा के बहाने वह युवाओं को अपने आतंकी संगठन में शामिल कर रहा था।

एनआईए और पंजाब पुलिस की भूमिका
मामले की गंभीरता को देखते हुए एनआईए और पंजाब पुलिस भी जांच में सक्रिय हो गई हैं। उन्होंने सनी से पूछताछ कर सिद्धू और आतंकियों के नेटवर्क की विस्तृत जानकारी जुटाने की कोशिश की है।

बरामद हथियार और उनकी जांच
मुठभेड़ के दौरान आतंकियों से कई हथियार बरामद हुए थे। कोतवाल नरेश कुमार त्यागी ने बताया कि इन हथियारों को जांच के लिए अलग-अलग फॉरेंसिक प्रयोगशालाओं में भेजा जाएगा। इसके जरिए यह पता लगाने की कोशिश की जाएगी कि इन हथियारों का इस्तेमाल किन घटनाओं में किया गया है और इन्हें कहां से हासिल किया गया था।

सनी की पूछताछ और पुलिस की रणनीति
सनी ने अब तक पूछताछ में कोई खास जानकारी नहीं दी है। लेकिन, उसका मोबाइल फोन और फॉरेंसिक जांच पुलिस को महत्वपूर्ण सुराग दे सकते हैं। पुलिस की प्राथमिकता सिद्धू और उसके सहयोगियों के नेटवर्क को बेनकाब करना है।

स्थानीय नेटवर्क पर शिकंजा
सिद्धू और सनी के स्थानीय नेटवर्क को खत्म करने के लिए पुलिस ने कई कदम उठाए हैं:
  • फॉरेंसिक जांच: मोबाइल फोन और हथियारों की गहराई से जांच की जा रही है।
  • स्थानीय संदिग्धों की पहचान: उन व्यक्तियों की तलाश की जा रही है, जिन्होंने सनी और सिद्धू की मदद की हो सकती है।
  • विदेशी कनेक्शन: सिद्धू के इंग्लैंड और अन्य देशों में मौजूद नेटवर्क का पता लगाया जा रहा है।

ई-वीजा पर शक
सिद्धू ने कोरोना काल के दौरान कई युवाओं को विदेश भेजने का काम किया था। पुलिस को शक है कि यह सिर्फ एक आवरण था, जिसके जरिए वह युवाओं को आतंकी गतिविधियों में शामिल कर रहा था।

रिमांड और आगे की कार्रवाई
सनी को पुलिस ने रिमांड पर लिया है। रिमांड के समाप्त होने पर उसे कोर्ट में पेश किया जाएगा। इसके साथ ही, सनी और उसके फोन की जांच से मिले सुराग के आधार पर आगे की कार्रवाई होगी।

यह घटना एक बड़े आतंकी नेटवर्क का हिस्सा थी
पीलीभीत मुठभेड़ के बाद सामने आए तथ्य बताते हैं कि यह सिर्फ एक घटना नहीं थी, बल्कि एक बड़े आतंकी नेटवर्क का हिस्सा थी। सनी और सिद्धू के बीच के कनेक्शन की जांच से न केवल स्थानीय, बल्कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर आतंकवाद के नेटवर्क का पर्दाफाश होने की संभावना है। पुलिस और जांच एजेंसियां इस मामले को गंभीरता से लेते हुए हर संभव कदम उठा रही हैं, ताकि आतंकवाद की जड़ों को खत्म किया जा सके। यह मामला आतंकवाद के खिलाफ भारत की लड़ाई में एक महत्वपूर्ण कड़ी साबित हो सकता है। 

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