Bareilly News : दुर्लभ त्वचा विकार से पीड़ित बच्चे का जन्म, इलाज के दौरान मौत

UPT | दुर्लभ बच्चे का जन्म

Oct 24, 2024 21:06

बरेली देहात के शीशगढ़ थाना क्षेत्र में गुरुवार को एक एलियन जैसे दिखने वाले दुर्लभ बच्चे का जन्म हुआ है।इसकी त्वचा विकार (हार्लेक्विन इक्थियोसिस) से पीड़ित है। बच्चे का जन्म शहर के निजी अस्पताल में हुआ है। इस दुर्लभ नवजात को देखने के लिए गांव में चर्चा फैल गई। इसके बाद दूर-दूर से लोग उसे देखने के लिए आने लगे हैं।

Bareilly News : उत्तर प्रदेश के बरेली देहात के शीशगढ़ थाना क्षेत्र में एक बेहद दुर्लभ स्थिति में बच्चे का जन्म हुआ है। गुरुवार को एक नवजात शिशु का जन्म हुआ, जो एलियन जैसे दिखने वाले त्वचा विकार हार्लेक्विन इक्थियोसिस से पीड़ित था। यह बच्चा शहर के एक निजी अस्पताल में जन्मा और उसकी स्थिति ने परिवार और स्थानीय समुदाय में हलचल मचा दी। 

जानें हार्लेक्विन इक्थियोसिस बेबी के बारे में 
जन्म के तीन दिन बाद, बच्चे की त्वचा सफेद, मोटी और कई जगह से फटी हुई थी। उसके शरीर पर बाल थे और मुंह में दांत भी थे, जो कि नवजातों के लिए सामान्य नहीं होता। इसके अतिरिक्त, बच्चे के होंठ असामान्य रूप से बड़े थे, जिससे उसकी स्थिति और भी विचित्र नजर आ रही थी। उसके माता-पिता इस स्थिति से चिंतित होकर उसे दिल्ली के कलावती अस्पताल ले गए, लेकिन वहां भी स्थिति में कोई सुधार नहीं हुआ और दुर्भाग्यवश बच्चे की मौत हो गई।



बच्चे का चेहरा डरावना
विशेषज्ञों के अनुसार, हार्लेक्विन इक्थियोसिस एक अत्यंत गंभीर और दुर्लभ स्थिति है, जो आमतौर पर जीन म्यूटेशन के कारण होती है। यह नवजात की त्वचा को प्रभावित करती है, जिससे उसकी त्वचा मोटी और पपड़ीदार हो जाती है। इस विकार से कई प्रकार की असमानताएं और दरारें उत्पन्न होती हैं। अक्सर, यह स्थिति माता-पिता से जेनेटिक रूप में आ सकती है या कभी-कभी दवाओं के रिएक्शन से भी उत्पन्न हो सकती है। 

30 लाख जन्में बच्चों में से एक 
डॉ. मृदुला शर्मा, एक वरिष्ठ स्त्री एवं प्रसूति रोग विशेषज्ञ, ने बताया कि ऐसे बच्चों को हार्लेक्विन इक्थियोसिस बेबी कहा जाता है। शोध के अनुसार, लगभग 30 लाख जन्में बच्चों में एक बच्चा इस विकार से पीड़ित होता है। दुनिया भर में ऐसे मामलों की संख्या केवल 250 के आसपास है, और अधिकांश बच्चों की जन्म के बाद कुछ घंटों या दिनों में ही मृत्यु हो जाती है।

केवल सात महीने था गर्भ में
बच्चे के परिजनों ने बताया कि वह केवल सात महीने गर्भ में था। उसकी त्वचा की समस्या और आंखों की पलकों का पलटना उसके डरावने चेहरे का कारण बना। डॉक्टरों ने इस विकार के कारणों की जांच शुरू कर दी है और मृतक बच्चे के सैंपल भी लिए गए हैं। बच्चे की मौत के बाद से यह मामला तेजी से सोशल मीडिया पर वायरल हो गया है, जिससे इसे लेकर चर्चा और बढ़ गई है।

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