बरेली में साइबर धोखाधड़ी की कोशिश विफल : ठगों ने फर्जी पुलिस अधिकारी बनकर रुपये ऐंठने का प्रयास किया था

UPT | साइबर ठगी

Aug 07, 2024 18:55

बरेली के कांधरपुर गांव में रहने वाले एक व्यक्ति को साइबर ठग ने पुलिस अफसर बनकर फोन किया। बेटे पर मर्डर का आरोप लगाते हुए बैंक खाते में 80 हजार रुपये तुरंत भेजने को कहा, जबकि फोन उठाने वाले का बेटा घर पर ही मौजूद था।

Bareilly News : उत्तर प्रदेश के बरेली जिले के कैंट थाना क्षेत्र के कांधरपुर गांव निवासी गंगाचरण कश्यप साइबर ठगी का शिकार होने से बच गए। साइबर ठग ने खुद को पुलिस अधिकारी बनकर फोन किया और उनके बेटे पर गंभीर आरोप लगाए। ठग ने गंगाचरण से 80 हजार रुपये की मांग की, लेकिन उस वक्त उनका बेटा घर पर ही मौजूद था, जिससे गंगाचरण को ठगी का अहसास हुआ।

कॉल करने वाले ने खुद को पुलिस का बड़ा अधिकारी बताया 
गंगाचरण कश्यप के मोबाइल पर एक व्हाट्सएप कॉल आई। कॉल करने वाले ने खुद को पुलिस विभाग का बड़ा अधिकारी बताया। उसने गंगाचरण से कहा,आप गंगाराम बोल रहे हैं,जिसकी पत्नी का नाम आशा और बेटे का नाम देव कश्यप है। आपके बेटे ने मर्डर किया है और वह स्मगलिंग का धंधा भी करता है। हमने उसे पकड़ रखा है। अगर आप अपने बेटे की जान बचाना चाहते हैं तो तुरंत 80 हजार रुपये हमारे बैंक खाते में डाल दें,नहीं तो हम उसे जेल भेज देंगे। गंगाचरण को यह सब सुनकर काफी हैरानी हुई। उन्हें इस बात का यकीन नहीं हुआ कि उनका बेटा,जो उस वक्त घर पर ही मौजूद था,ऐसे किसी अपराध में शामिल हो सकता है। ठग ने गंगाचरण पर दबाव डालते हुए कहा कि अगर उन्होंने रुपये नहीं दिए तो उनका बेटा जेल चला जाएगा।

सच्चाई का पता लगने पर पैसे देने से किया इनकार 
गंगाचरण ने जब ठग से रुपये देने में असमर्थता जताई,तो ठग ने उन्हें और अधिक धमकियां देनी शुरू कर दीं। लेकिन गंगाचरण को ठगी का अहसास हो गया,क्योंकि उनका बेटा देव कश्यप उस वक्त घर के कमरे में ही था। उन्होंने ठग की बातों पर ध्यान न देते हुए पैसे देने से इनकार कर दिया।

शिकायत मिलते ही पुलिस ने दर्ज की एफआईआर 
इस मामले की शिकायत गंगाचरण कश्यप ने एसएसपी से की। एसएसपी ने मामले की गंभीरता को देखते हुए तुरंत कार्रवाई करते हुए आरोपी के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई। पुलिस अब आरोपी की तलाश में जुट गई है। इस घटना ने एक बार फिर से साइबर ठगी के खतरे को उजागर किया है। साइबर ठग नए-नए तरीकों का उपयोग कर लोगों को ठगने की कोशिश करते हैं। इस घटना में गंगाचरण की समझदारी और जागरूकता के कारण वे ठगी का शिकार होने से बच गए।

किसी भी अनजान कॉल या संदेश पर तुरंत विश्वास नहीं करना चाहिए 
किसी भी अनजान कॉल या संदेश पर तुरंत विश्वास नहीं करना चाहिए। यदि किसी अनजान व्यक्ति द्वारा फोन पर रुपये मांगने की बात की जाती है तो तुरंत पुलिस को सूचित करना चाहिए। किसी भी संदिग्ध कॉल पर व्यक्तिगत जानकारी साझा नहीं करनी चाहिए और न ही किसी भी प्रकार का वित्तीय लेन-देन करना चाहिए। 

सतर्कता और जागरूकता से हम साइबर ठगी का शिकार होने से बच सकते हैं
सतर्कता और जागरूकता से हम साइबर ठगी का शिकार होने से बच सकते हैं। यह महत्वपूर्ण है कि हम अपने और अपने परिवार के सदस्यों को साइबर ठगी के संभावित खतरों के बारे में जागरूक करें और उन्हें इससे बचने के उपाय बताएं। साइबर अपराधी आए दिन नए-नए तरीके अपनाते हैं, लेकिन हमारी सतर्कता और सावधानी ही हमें इनके जाल में फंसने से बचा सकती है। पुलिस प्रशासन की तत्परता और तेजी से की गई कार्रवाई ने इस मामले में गंगाचरण कश्यप को न्याय दिलाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। पुलिस अब आरोपी की तलाश में है और उम्मीद है कि जल्द ही उसे गिरफ्तार कर लिया जाएगा। 

Also Read