वरिष्ठ अधिवक्ता प्रदीप कुमार डे का निधन : कई प्रमुख और चर्चित मामलों से जुड़ा है नाम, अधिवक्ताओं में शोक की लहर

फ़ाइल फोटो | वरिष्ठ अधिवक्ता प्रदीप कुमार डे

Nov 08, 2024 23:52

अधिवक्ता प्रदीप कुमार डे नहीं रहे। देश के कई प्रमुख और चर्चित केस उनके नाम से जुड़े हैं। इनमें नैना साहनी तंदूर केस, नीतीश कटारा मर्डर केस, आरुषि केस और कई अन्य शामिल हैं। डे साहब बरेली के रहने वाले थे।

Bareilly News : यूपी के बरेली में अधिवक्ता प्रदीप कुमार डे नहीं रहे। वह देश के बड़े कानून के सितारे थे। देश के जाने माने वकील राम जेठमलानी के साथ लंबे वक्त काम किया। कानून की दुनिया में उनको जेठमलानी का लेफ्ट हैंड कहा जाता था। देश के कई प्रमुख और चर्चित केस उनके नाम से जुड़े हैं। इनमें नैना साहनी तंदूर केस, नीतीश कटारा मर्डर केस, आरुषि केस और कई अन्य शामिल हैं। डे साहब बरेली के रहने वाले थे। उनके निधन से अधिवक्ताओं में शोक की लहर दौड़ गई। कई बड़े वकीलों ने उनके निधन पर श्रद्धांजलि दी। बरेली बार के अध्यक्ष मनोज हरित ने भावपूर्ण ढंग से उनको याद किया। यूपी बार के अध्यक्ष रहे वरिष्ठ अधिवक्ता शिरीष मेहरोत्रा, वरिष्ठ अधिवक्ता राधा कमल सारस्वत, अरुन बिहारी माथुर आदि ने उनके निधन को कानून की दुनिया की बड़ी क्षति बताया।

पीके डे की काबिलियत से प्रभावित थे राम जेठमलानी 
वरिष्ठ अधिवक्ता पीके डे लंबे वक्त तक बरेली में रहे। उनका दिल्ली आना जाना शुरू हो गया था। वर्ष 1988-90 के आसपास की बात है, जब उनकी काबिलियत से प्रभावित होकर देश के जाने माने वकील राम जेठमलानी ने उनको अपने पास बुला लिया। कुछ ही वक्त के बाद दिल्ली में कोर्ट्स में उनको जेठमलानी के लेफ्ट हैंड के तौर पर जाना जाने लगा। उनकी भतीजी और दिल्ली की प्रमुख क्रिमिनल लॉयर शिल्पी डे बताती हैं कि कानून के साथ मानवीयता का पक्ष भी उनका बेहद मजबूत था। गरीबों की सेवा, अनाथ आश्रम, दान आदि को भी उन्होंने दिल खोलकर किया। उनके दरवाजे से कभी कोई जरूरतमंद खाली नहीं जाता था। शिल्पी डे उनके भाई चंचल डे की पुत्री हैं। वह पिछले कई वर्षों से अपने भाई कौशिक डे के साथ दिल्ली में प्रैक्टिस कर रही हैं। उनके पिता बरेली कॉलेज में कार्यरत रहे हैं तथा यह परिवार सुभाषनगर का रहने वाला है। शिल्पी डे के मुताबिक वह सीबीआई के वकील रहे, नैना साहनी, नितीश कटारा, आरुषी समेत कई चर्चित केस उन्होंने देखे।


अधिवक्ताओं ने जताया दुख
यूपी बार के चैयरमेन रहे वरिष्ठ अधिवक्ता शिरीष मेहरोत्रा ने भी पीके डे के निधन पर शोक व्यक्त किया है। बरेली बार के अध्यक्ष और वरिष्ठ अधिवक्ता मनोज हरित कहते हैं कि पीके डे का जाना कानून की दुनिया की अपूर्णनीय क्षति है। सभी को उनसे सीखने को मिलता था। उनका जाना एक अभिभावक का जाना है।

बरेली के वरिष्ठतम् अधिवक्ता राधा कमल सारस्वत ने भावपूर्ण ढंग से डे साहब को याद किया। उन्होंने कहा कि वह 1971 में उनके कालेज के साथी थे। वह प्रसिद्ध क्रिमिनल लायर बंकेश बिहारी माथुर के जूनियर बने। कुछ वक्त के लिए उन्होंने गोविंद प्रसाद वर्मा को भी ज्वाइन किया, जो सिविल के लोकप्रिय अधिवक्ता थे। सिविल ला और ड्राफ्टिंग में सिद्ध हस्त होने के बाद पीके डे जाने माने क्रिमिनल लॉयर बन गए। 1990 के आसपास वह देश के प्रसिद्ध अधिवक्ता राम जेठमलानी से जुड़ गए और दिल्ली शिफ्ट हो गए। जहां उन्होंने सुप्रीम कोर्ट में शानदार प्रैक्टिस की। कमल सारस्वत के शब्दों में उन्होंने अपना जीवन एक संत की तरह जिया। उनका जाना उनके दोस्त का जाना और उनकी निजी क्षति है।

दिल्ली में होगा अंतिम संस्कार 
अधिवक्ता पीके डे का दिल्ली में अंतिम संस्कार होगा। शहर के वरिष्ठ अधिवक्ता अरुन बिहारी माथुर के शब्दों में वह उनके गुरु भाई थे। उनके बड़े भाई बंकेश बिहारी माथुर के साथ उन्होंने काम किया। वह सुप्रीम कोर्ट के डेजिग्नेटिड सीनियर लॉयर बने। खूब नाम कमाया। श्री डे का दिल्ली में अंतिम संस्कार होगा। देश के कई प्रमुख कानूनविदों ने उनको श्रद्धांजलि दी है।
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