Balrampur News : आखिरकार पकड़ा गया छह मासूम बच्चों को अपना निवाला बनाने वाला तेंदुआ

Uttar Pradesh Times | बलरामपुर

Jan 04, 2024 18:08

छह मासूम बच्चों को अपना निवाला बनाने वाली नरभक्षी मादा तेंदुआ को आखिरकार पकड़ लिया गया है। वन विभाग की टीम ने ट्रेंकुलाइज कर उसे पिंजरे में कैद कर लिया। बुधवार सुबह करीब सवा छह बजे विशेषज्ञ व वन विभाग की टीम ने बेलवा गांव के पास बहदिनवा नाला में तेंदुए को ट्रेंकुलाइज किया।

Balrampur News : छह मासूम बच्चों को अपना निवाला बनाने वाली नरभक्षी मादा तेंदुआ को आखिरकार पकड़ लिया गया है। वन विभाग की टीम ने ट्रेंकुलाइज कर उसे पिंजरे में कैद कर लिया। बुधवार सुबह करीब सवा छह बजे विशेषज्ञ व वन विभाग की टीम ने बेलवा गांव के पास बहदिनवा नाला में तेंदुए को ट्रेंकुलाइज किया। इसके बाद जाल में फंसाकर उसको पिंजरे में कैद किया गया। पकड़े जाने के बाद तेंदुए के मादा होने की पुष्टि हुई। फिलहाल, उसे जनकपुर रेंज में रखा गया है। उच्चाधिकारियों के निर्णय पर उसे लखनऊ या गोरखपुर के चिड़ियाघर में भेजा जाएगा। तेंदुए के पकड़े जाने के बाद भी गांव में दहशत बनी है। वन विभाग की पिंजरा व ड्रोन कैमरा टीम एहतियात के तौर पर गांव में मुस्तैद है।

सूझबूझ से पकड़ी गई 
तेंदुए के लगातार पशुओं व मनुष्यों पर हमलावर होने पर वन विभाग बहदिनवा नाला को प्राकृतवास मानकर सर्च अभियान चला रहा था। थर्मल ड्रोन कैमरे में भी लगातार बहदिनवा नाला के पास ही उसकी लोकेशन भी ट्रेस हो रही थी। इसलिए नाला के पास ही मचान से तेंदुए की लगातार निगरानी की जा रही थी। तेंदुआ लगातार वन विभाग की टीम व विशेषज्ञों को छका रहा था। इसलिए तेंदुए को पकड़ने के लिए विशेषज्ञों ने भी सूझबूझ से काम लिया। मचान से थोड़ी दूर पर खुले में बकरा बांधा गया। उसके गले में छोटी रस्सी डालकर खूंटे से बांधा गया। पिछले पैर में बड़ी रस्सी बांधी गई, जिसका एक सिरा मचान से बांधा गया। 

बकरे को सहारे तेंदुए को फंसाया गया
योजना के अनुसार, बुधवार सुबह करीब छह बजे तेंदुए ने बकरे के गले में बंधी छोटी रस्सी काटकर उसे जबड़े में दबोच लिया। बकरे को ले जाते समय पैर में बंधी बड़ी मोटी रस्सी का खिंचाव मचान पर हुआ। इस पर जौनपुर के उप मुख्य पशु चिकित्साधिकारी डॉ. आरके सिंह, उप प्रभागीय वनाधिकारी एमबी सिंह, डॉ. दयाशंकर व कृष्ण कुमार सिंह टीम के साथ मचान से नीचे उतरे। रस्सी के सहारे पीछा करते हुए बहदिनवा नाला तक पहुंचे। देखा कि तेंदुआ बकरे को खा रही थी। इस पर डॉ. आरके सिंह ने ट्रैंकुलाइजर गन से निशाना साधा। तेंदुआ तुरंत गिरकर बेहोश हो गई। इस पर उसे जाल में फंसाकर पिंजरे में डाला गया।

इन बच्चों को बना चुका था अपना निवाला
धर्मपुर के समीर अंसारी (10 वर्ष), भगवानपुर कोड़र की अनुष्का (9 वर्ष), बनकटवा के रितेश (5 वर्ष), बेलवा के विकास (7 वर्ष), लालनगर सिपहिया के अरुण वर्मा (6 वर्ष) और लालनगर सिपहिया की वंदना (3 वर्ष) को वह अपना शिकार बना चुकी थी। इस संबंध में डीएफओ डॉ. एम सेम्मारन ने बताया कि तेंदुए को कैद करने के बाद जनकपुर रेंज में लाया गया है। वह पूरी तरह स्वस्थ है। अब तक तेंदुए के हमले में गई बच्चों की जान व घायलों की सारी रिपोर्ट शासन को भेजी गई है। उच्चाधिकारियों के निर्देश पर गोरखपुर या लखनऊ चिड़ियाघर भेजा जाएगा। 

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