अडानी ग्रुप का गीता प्रेस को बड़ा ऑर्डर : महाकुंभ में सनातन धर्मावलंबियों में बांटी जाएंगी 'आरती संग्रह' की एक करोड़ पुस्तकें

UPT | गीता प्रेस।

Dec 30, 2024 15:09

गोरखपुर के गीता प्रेस को महाकुंभ में अदाणी ग्रुप ने एक करोड़ 'आरती संग्रह' पुस्तकों का ऑर्डर दिया है, 15-20 रुपये की इन पुस्तकों में 100 से अधिक आरतियां हैं। प्रबंधन इस बड़े ऑर्डर को लेकर विचार कर रहा है।

Gorakhpur News : गोरखपुर स्थित गीता प्रेस के धार्मिक प्रकाशनों की महाकुंभ के दौरान जबरदस्त मांग बढ़ रही है। इस बार प्रयागराज में होने वाले महाकुंभ में अदाणी ग्रुप ने सनातन धर्मावलंबियों में 'आरती संग्रह' बांटने के लिए गीता प्रेस को एक करोड़ पुस्तकों का ऑर्डर दिया है। इन पुस्तकों में 100 से अधिक आरतियां शामिल हैं और इन्हें मात्र 15 से 20 रुपये में उपलब्ध कराया जाएगा। गीता प्रेस के प्रबंधन के अनुसार, इतने बड़े ऑर्डर को पूरा करने का दबाव है। प्रमुख ट्रस्टी देवी दयाल अग्रवाल ने कहा कि प्रबंधन इस पर विचार कर रहा है और जल्द ही अदाणी ग्रुप को स्थिति स्पष्ट की जाएगी। 



महाकुंभ के लिए डेढ़ करोड़ पुस्तकों की तैयारी
गीता प्रेस प्रबंधन ने महाकुंभ में श्रद्धालुओं तक डेढ़ करोड़ धार्मिक पुस्तकें पहुंचाने का लक्ष्य रखा है। इन पुस्तकों में विशेष रूप से 'महाकुंभ पर्व' नामक पुस्तक शामिल है, जिसकी छपाई दिन-रात जारी है। यह पुस्तक महाकुंभ के महत्व को सरल भाषा में बताती है।इसके अलावा, 'कल्याण' पत्रिका का विशेषांक भी तैयार किया जा रहा है। इस विशेषांक का मुख्य विषय 'वेदों और पुराणों में वर्णित पर्यावरण संरक्षण' है। पत्रिका में पर्यावरण संरक्षण के विभिन्न पहलुओं पर आधारित आलेख शामिल किए गए हैं। इसकी छपाई 20 दिसंबर से शुरू हुई थी और एक जनवरी तक इसे बाजार में उपलब्ध कराने की योजना है।

विशाल स्टॉल के साथ गीता प्रेस की उपस्थिति
महाकुंभ के दौरान गीता प्रेस एक विशाल स्टॉल लगाएगा। इसमें गीता प्रेस द्वारा प्रकाशित रामचरित मानस और भगवद गीता को विशेष रूप से प्रदर्शित किया जाएगा। विभिन्न साइज और किफायती दरों पर ये पुस्तकें श्रद्धालुओं के लिए उपलब्ध रहेंगी। हिंदू धर्म में भगवद गीता को पवित्रतम ग्रंथों में माना गया है। यह दुनिया का एकमात्र ग्रंथ है, जिसकी विधिवत जयंती मनाई जाती है। गीता प्रेस ने पिछले 100 वर्षों में इस ग्रंथ को सहजता और कम कीमत में उपलब्ध कराने का अभूतपूर्व काम किया है। यहां 50 पैसे से लेकर विभिन्न दामों में गीता की प्रतियां मिलती हैं।

अब तक गीता प्रेस ने 16 करोड़ से अधिक प्रतियां प्रकाशित कर एक नया रिकॉर्ड बनाया है। महाकुंभ में गीता की विभिन्न साइज की प्रतियों को श्रद्धालुओं के बीच उपलब्ध कराना प्रबंधन की प्राथमिकता है।

पर्यावरण संरक्षण पर 'कल्याण' का विशेषांक
गीता प्रेस की लोकप्रिय मासिक पत्रिका 'कल्याण' का विशेषांक भी महाकुंभ में श्रद्धालुओं तक पहुंचाया जाएगा। इस विशेषांक में सभी आलेख पर्यावरण संरक्षण पर केंद्रित होंगे। इसमें बताया जाएगा कि वेद और पुराणों में पर्यावरण संरक्षण के महत्व को कैसे बताया गया है।योगी आदित्यनाथ के संदेश को पत्रिका में शामिल किया गया है, जिसमें उन्होंने पर्यावरण संतुलन और सनातन धर्म की परंपराओं को जोड़ने की बात की है। यह विशेषांक महाकुंभ के धार्मिक और सांस्कृतिक महत्व को और अधिक गहराई से समझने का साधन बनेगा।

गीता प्रेस के काम का वैश्विक प्रभाव
गीता प्रेस न केवल भारत में बल्कि पूरी दुनिया में सनातन धर्म के ज्ञान को प्रसारित करने का कार्य कर रहा है। पिछले 100 वर्षों में गीता प्रेस ने धार्मिक पुस्तकों की सहज उपलब्धता सुनिश्चित की है। महाकुंभ जैसे आयोजनों में इसका योगदान श्रद्धालुओं के लिए अत्यधिक महत्वपूर्ण है। गीता प्रेस का यह प्रयास न केवल सनातन धर्म के प्रचार-प्रसार में सहायक है, बल्कि यह आधुनिक युग में सनातन मूल्यों की स्थिरता बनाए रखने में भी योगदान देता है।

गीता प्रेस श्रद्धालुओं को सनातन धर्म के मूल्यों और आदर्शों से जोड़ने का एक माध्यम है
महाकुंभ में गीता प्रेस की भूमिका केवल धार्मिक पुस्तकों का वितरण करना नहीं है, बल्कि श्रद्धालुओं को सनातन धर्म के मूल्यों और आदर्शों से जोड़ने का एक माध्यम है। अदाणी ग्रुप जैसे बड़े संगठनों का सहयोग गीता प्रेस के इस मिशन को और भी सशक्त बनाता है। महाकुंभ के इस धार्मिक आयोजन में गीता प्रेस की उपस्थिति सनातन धर्म की गहराई को समझने का एक अनोखा अवसर प्रदान करेगी। 

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