अच्छी पैदावार के साथ बढ़ेगी आय : किसानों के लिए वरदान साबित होगा मोनसेंटो प्रजाति का मक्का

UPT | जिलाधिकारी कृषि विज्ञान केंद्र मल्हना पहुंचे।

Feb 15, 2024 19:34

जिलाधिकारी अखंड प्रताप सिंह ने कृषि विज्ञान केंद्र मल्हना का निरीक्षण किया। उन्होंने कहा कि कृषि विज्ञान केंद्र की ओर से जनपद में पॉम ऑयल की प्रायोगिक खेती करने तथा मोनसेंटो प्रजाति के मक्का की खेती के लाभ से किसानों को अवगत कराया जाए।

Short Highlights
  • इसकी बुआई से साल में तीसरी फसल का मिलेगा अतिरिक्त लाभ
  • डीएम बोले- यह किसानों की तकदीर बदल देगा
Deoria News (बैकुंठ नाथ शुक्ल) : कृषि विज्ञान केंद्र मल्हना के वैज्ञानिकों ने मोनसेंटो प्रजाति के मक्के का बीज तैयार किया है। जो महज तीन महीने में अच्छी पैदावार दे रहा है। सबसे खास बात यह है कि मोनसेंटो प्रजाति के मक्के की बुवाई किसान अप्रैल महीने में कर सकते हैं। इस दौरान ज्यादातर किसानों के खेत खाली रहते हैं। इस लिहाज से किसानों को साल में तीसरी फसल का लाभ मिल जाएगा। 

डीएम ने जानी मोनसेंटो प्रजाति के मक्के की खूबियां
जिलाधिकारी अखंड प्रताप सिंह ने कृषि विज्ञान केंद्र मल्हना का निरीक्षण किया। उन्होंने कहा कि कृषि विज्ञान केंद्र की ओर से जनपद में पॉम ऑयल की प्रायोगिक खेती करने तथा मोनसेंटो प्रजाति के मक्का की खेती के लाभ से किसानों को अवगत कराया जाए। इससे किसानों की तकदीर बदल जाएगी। इसका प्रयोग खाने के साथ साइलेज उत्पादन में भी होगा और किसानों की आय में बढ़ोतरी होगी। मोनसेंटो प्रजाति का मक्का तीन माह में तैयार हो जाता है। 

उन्होंने मक्का उत्पादन बढ़ाने के लिए जनपद के प्रगतिशील कृषकों का प्रशिक्षण सत्र आयोजित करने का निर्देश दिया। इसी तरह पॉम ऑयल तथा अरहर की मेड़ पर उगने वाली प्रजाति को प्रोत्साहन देने के लिए निर्देशित किया।

मधुमक्खी पालन से बढ़ेगी फसलों की पैदावार
 जिलाधिकारी ने प्रोजेक्ट आर्या के तहत पांच दिवसीय मधुमक्खी पालन प्रशिक्षण सत्र को भी संबोधित किया। उन्होंने मधुमक्खी पालकों को संबोधित करते हुए कहा कि मधुमक्खी पालन के बॉक्स को सरसों, गेहूं सहित विभिन्न फसलों के मध्य खेत में भी लगाए। इससे शहद प्राप्ति के साथ फसलों का उत्पादन भी बढ़ेगा।

उन्नत प्रजातियों के फसलों का हो रहा बीजोत्पादन 
कृषि विज्ञान केंद्र के वरिष्ठ वैज्ञानिक सह अध्यक्ष डॉ. मांधाता सिंह ने जिलाधिकारी को केंद्र के विषय में जानकारी दी। उन्होंने बताया कि आठ हेक्टेयर में फैले कृषि विकास केंद्र में दलहन, तिलहन, गेंहू, चावल सहित विभिन्न फसलों के उन्नत प्रजाति का बीजोत्पादन किया जा रहा है, जिन्हें स्थानीय किसानों के मध्य वितरित किया जाता है। जिलाधिकारी ने कृषि विज्ञान केंद्र के फार्म का भी निरीक्षण किया। फार्म में विंटर डाउन प्रजाति का स्ट्राबेरी, गिरिजा प्रजाति का फूल गोभी, काशी उदय मटर, शुभ्रा प्रजाति का काबुली चना, आईपीएल 220 प्रजाति का मसूर, काशी संपदा प्रजाति का बाकला सहित विभिन्न फसल लगे मिले।

जिलाधिकारी ने एक छोटे से मड़ई में स्थापित मशरूम उत्पादन केंद्र का भी निरीक्षण किया। कृषि वैज्ञानिक एवं मशरूम उत्पादन विशेषज्ञ डॉ. रजनीश श्रीवास्तव ने बताया कि वर्तमान समय में 50 से अधिक कृषक मशरूम उत्पादन में सक्रिय हैं। इस अवसर पर एसडीएम भाटपाररानी हरिशंकर लाल, नायब तहसीलदार हिमांशु सिंह आदि मौजूद थे।
 

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