जटायु संरक्षण केंद्र के बाद गोरखपुर में नई पहल : सीएम योगी की योजनाओं के तहत बनेगी फॉरेस्ट्री यूनिवर्सिटी, 50 हेक्टेयर भूमि चिह्नित

UPT | मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ

Oct 17, 2024 18:03

गोरखपुर वन प्रभाग में एक और महत्वपूर्ण उपलब्धि दर्ज होने जा रही है। यहां दुनिया का पहला राजगिद्ध (जटायु) संरक्षण केंद्र पहले ही खोला जा चुका है, और अब उत्तर भारत का पहला तथा पूरे देश का दूसरा वानिकी विश्वविद्यालय ...

Gorakhpur News : उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की योजनाओं के तहत गोरखपुर वन प्रभाग में एक और महत्वपूर्ण उपलब्धि दर्ज होने जा रही है। यहां दुनिया का पहला राजगिद्ध (जटायु) संरक्षण केंद्र पहले ही खोला जा चुका है, और अब उत्तर भारत का पहला तथा पूरे देश का दूसरा वानिकी विश्वविद्यालय (फॉरेस्ट्री यूनिवर्सिटी) भी स्थापित किया जाएगा। मुख्यमंत्री ने लगभग एक महीने पहले इसकी घोषणा की थी। विश्वविद्यालय की स्थापना की प्रक्रिया को तेज करते हुए, गोरखपुर वन प्रभाग ने जटायु संरक्षण केंद्र के पास 50 हेक्टेयर भूमि भी चिह्नित कर ली है। यह पहल वन्य जीवन और पारिस्थितिकी के संरक्षण के साथ-साथ शिक्षा के क्षेत्र में भी एक नई दिशा प्रदान करेगी।

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सीएम योगी ने की थी घोषणा
विलुप्त हो रहे राजगिद्धों (रेड हेडेड वल्चर) के संरक्षण और संवर्धन के लिए गोरखपुर वन प्रभाग के कैम्पियरगंज (भारीवैसी) में दुनिया का पहला जटायु संरक्षण और संवर्धन केंद्र स्थापित किया गया है। इसका लोकार्पण समारोह 6 सितंबर को हुआ, जिसमें मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने गोरखपुर वन प्रभाग में फॉरेस्ट्री कॉलेज (वानिकी महाविद्यालय) बनाने की घोषणा की। बाद में, अधिकारियों के साथ एक बैठक में, उन्होंने फॉरेस्ट्री कॉलेज के बजाय फॉरेस्ट्री यूनिवर्सिटी बनाने की मंशा व्यक्त की। इस दिशा में अधिकारियों ने तैयारियों में तेजी लाते हुए पाठ्यक्रमों को डिजाइन करने और विश्वविद्यालय के लिए भूमि की तलाश शुरू कर दी। गोरखपुर वन प्रभाग ने जटायु संरक्षण केंद्र के समीप 50 हेक्टेयर भूमि को फॉरेस्ट्री यूनिवर्सिटी के लिए उपयुक्त पाया है। चूंकि यह भूमि भौगोलिक रूप से महराजगंज जिले में स्थित है, गोरखपुर वन प्रभाग ने इस भूमि को फॉरेस्ट्री यूनिवर्सिटी के नाम आवंटन के लिए शासन से पत्राचार किया है।



सामाजिक और कृषि वानिकी की भी होगी पढ़ाई
गोरखपुर के प्रभागीय वनाधिकारी (डीएफओ) विकास यादव का कहना है कि फॉरेस्ट्री यूनिवर्सिटी की स्थापना के लिए जरूरी प्रक्रियाओं को पूरा करने के साथ ही यहां चलने वाले पाठ्यक्रमों का ड्राफ्ट भी तैयार कराया जा रहा है। इसके लिए टेक्निकल एक्सपर्ट की कमेटी बनाई गई है। डीएफओ बताते हैं कि फॉरेस्ट्री यूनिवर्सिटी में वानिकी के अलावा कृषि वानिकी और सामाजिक वानिकी के भी डिग्री और डिप्लोमा कोर्स संचालित कराने की योजना है ताकि बड़ी संख्या में युवाओं के सामने नौकरी और रोजगार के व्यापक अवसर उपलब्ध हो सकें।

देश का दूसरा विश्वविद्यालय होगा
गोरखपुर वन प्रभाग में स्थापित होने वाला वानिकी विश्वविद्यालय न केवल उत्तर प्रदेश बल्कि समूचे उत्तर भारत का अपने तरह का पहला विश्वविद्यालय होगा। यही नहीं, यह देश का दूसरा और पूरी दुनिया का चौथा वानिकी विश्वविद्यालय होगा। देश की पहली और दुनिया की तीसरी फॉरेस्ट्री यूनिवर्सिटी तेलंगाना में है, जहां वानिकी महाविद्यालय एवं अनुसंधान संस्थान को अपग्रेड कर विश्वविद्यालय बनाया गया है। देहरादून में 1906 में स्थापित फॉरेस्ट रिसर्च इंस्टिट्यूट डीम्ड यूनिवर्सिटी के रूप में है।

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