सीएम योगी का एलान : गोरखपुर में खुलेगा फॉरेस्ट्री कॉलेज, एशिया के पहले गिद्ध संरक्षण केंद्र का किया उद्घाटन

UPT | गिद्ध संरक्षण केंद्र का किया उद्घाटन

Sep 06, 2024 14:29

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शुक्रवार को गोरखपुर वन प्रभाग के कैम्पियरगंज रेंज में स्थापित दुनिया के पहले 'जटायु राजगिद्ध संरक्षण और प्रजनन केंद्र' का उद्घाटन किया...

Gorakhpur News : मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शुक्रवार को गोरखपुर वन प्रभाग के कैम्पियरगंज रेंज में स्थापित दुनिया के पहले 'जटायु राजगिद्ध संरक्षण और प्रजनन केंद्र' का उद्घाटन किया। इस अवसर पर उन्होंने केंद्र के निर्माण में योगदान देने वाले अधिकारियों और कर्मचारियों को प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया। अपने संबोधन में मुख्यमंत्री ने कहा कि सतत विकास तभी संभव है जब वह प्रकृति और पर्यावरण की रक्षा करते हुए किया जाए। उन्होंने चेतावनी दी कि प्रकृति और पर्यावरण की कीमत पर किया गया विकास क्षणिक और खतरनाक हो सकता है, जिसके दूरगामी नकारात्मक परिणाम हो सकते हैं।

शहर में एक फॉरेस्ट्री कॉलेज की होगी स्थापना
सीएम योगी ने वन विभाग को निर्देशित किया है कि शहर में एक फॉरेस्ट्री कॉलेज की स्थापना की जाए। इस कॉलेज में वन संबंधित डिग्री और डिप्लोमा पाठ्यक्रम चलाए जाएंगे, जिससे युवाओं को वन विभाग में विभिन्न पदों पर नौकरी के अवसर मिल सकेंगे। इसके अतिरिक्त, यह कॉलेज फॉरेस्ट्री को बढ़ावा देने और वन संरक्षण को प्रोत्साहित करने का महत्वपूर्ण साधन भी बनेगा। मुख्यमंत्री ने गिद्धराज जटायु के रामायणकालीन कथा का उल्लेख करते हुए कहा कि पेस्टीसाइड्स के दुष्प्रभाव के कारण गिद्धों की संख्या में तेजी से कमी आई है। इस समस्या के समाधान के लिए, गोरखपुर के कैम्पियरगंज में यूपी और भारत ही नहीं, बल्कि दुनिया का पहला 'गिद्ध संरक्षण केंद्र' स्थापित किया गया है। उन्होंने इस बात की खुशी जताई कि इस केंद्र में वनटांगिया समुदाय के लोग भी देखरेख के रूप में कार्यरत हैं। मुख्यमंत्री ने सबको याद दिलाया कि प्रकृति और इसके जीवों की रक्षा करना हम सभी की जिम्मेदारी है।   सीएम ने हरतालिका तीज की दी बधाई मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने हरतालिका तीज के पावन पर्व पर सभी को बधाई दी और कहा कि आज हम जटायु संरक्षण केंद्र के माध्यम से अपनी वैदिक और पौराणिक परंपराओं के प्रति आभार प्रकट कर रहे हैं। गिद्धराज जटायु रामायण काल में धर्म और गरिमा की रक्षा के लिए पहले बलिदानी थे। आज भी पर्यावरण की रक्षा के लिए जटायु के वंशजों के किए गए प्रयास अविस्मरणीय हैं। जटायु के प्रति आभार व्यक्त करने और उनकी स्मृतियों को संजोने के लिए अयोध्या में राम मंदिर के सामने गिद्धराज जटायु की एक विशाल प्रतिमा स्थापित की गई है और इस जटायु संरक्षण केंद्र की स्थापना उसी श्रृंखला का एक हिस्सा है।
प्रदेेश ने इतने पौधे लगाने का लक्ष्य पूरा किया मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि सरकार प्रकृति और पर्यावरण की रक्षा के प्रति पूरी तरह प्रतिबद्ध है। इस प्रतिबद्धता का परिणाम है कि उत्तर प्रदेश ने 7 वर्षों में 200 करोड़ पौधे लगाने का लक्ष्य पूरा किया और यह देश ही नहीं, बल्कि दुनिया में पहले स्थान पर है। 2017 से पहले जहां जंगलों की कटाई देखने को मिलती थी, वहीं अब बड़े पैमाने पर पौधारोपण और उनकी रक्षा की जा रही है। उन्होंने बताया कि प्रकृति, पर्यावरण और भविष्य की पीढ़ियों की सुरक्षा के लिए यह आवश्यक है, क्योंकि अगर प्रकृति सुरक्षित नहीं रहेगी तो मानवता भी संकट में आ सकती है।
प्लास्टिक कचरे के कारण गोवंश और कृषि को बड़े नुकसान
मुख्यमंत्री ने क्लाइमेट चेंज, असमय बारिश, अतिवृष्टि और सूखा जैसी समस्याओं का उल्लेख किया और कहा कि प्लास्टिक कचरे के कारण गोवंश और कृषि को बड़े नुकसान हो रहे हैं। पर्यावरण संरक्षण के लिए, सरकार न केवल अधिक से अधिक पौधारोपण पर जोर दे रही है, बल्कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में 12 करोड़ महिलाओं को मुफ्त रसोई गैस कनेक्शन भी प्रदान किए जा रहे हैं। उत्तर प्रदेश में 1 करोड़ 86 लाख महिलाओं को धुएं से मुक्ति मिली है, जिससे पर्यावरण की भी रक्षा हो रही है। इसके अतिरिक्त, सरकार होली और दिवाली पर मुफ्त रसोई गैस प्रदान कर रही है।   गोरखपुर के विकास पर विस्तृत चर्चा इस अवसर पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने उत्तर प्रदेश और विशेष रूप से गोरखपुर के विकास पर विस्तृत चर्चा की। उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश तेजी से प्रगति की ओर बढ़ रहा है, जहां हर क्षेत्र में विकास हो रहा है। नए हाइवे बन रहे हैं, रेलवे का विस्तार हो रहा है, मेट्रो ट्रेन पब्लिक ट्रांसपोर्ट का एक महत्वपूर्ण हिस्सा बन रही है, और एयर कनेक्टिविटी भी मजबूत हो रही है। इसके साथ ही, नौकरी और रोजगार के नए अवसर भी उत्पन्न हो रहे हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि नए भारत में नए यूपी का निर्माण हो रहा है, और इसमें गोरखपुर भी पीछे नहीं है। गोरखपुर में खाद कारखाना और एम्स खुल चुका है, और बीआरडी मेडिकल कॉलेज की सेवाएं और सुविधाएं बेहतरीन हो गई हैं।

सीएम ने जटायु के अस्तित्व पर जताई चिंता
मुख्यमंत्री ने 7 अक्टूबर 2020 को जटायु संरक्षण केंद्र का शिलान्यास किया था। जबकि राजगिद्ध जटायु की कथा रामायण काल से प्रचलित है, आज पर्यावरणीय खतरों के कारण जटायु के वंशजों के अस्तित्व पर संकट मंडरा रहा है। योगी सरकार ने इस संकट से निपटने का संकल्प लिया है और गोरखपुर वन प्रभाग के कैम्पियरगंज (भारीवैसी) में जटायु संरक्षण और संवर्धन केंद्र स्थापित किया है। इस केंद्र के माध्यम से राजगिद्धों की संख्या में वृद्धि होगी और विलुप्त होती प्रजातियों को देखने के लिए पर्यटकों की आमद बढ़ेगी, जिससे ईको टूरिज्म को भी बढ़ावा मिलेगा।

40 जोड़े राजगिद्ध छोड़ने का लक्ष्य
जटायु संरक्षण एवं प्रजनन केंद्र की स्थापना पर कुल 2 करोड़ 80 लाख 54 हजार रुपये खर्च हुए हैं। इसमें ब्रीडिंग एवरी, होल्डिंग एवरी, हॉस्पिटल एवरी, नर्सरी एवरी, वेटनरी सेक्शन, प्रशासनिक भवन, रिकवरी एवरी, गार्डरूम, जेनरेटर रूम और पाथवे का निर्माण किया गया है। केंद्र में कुल 8 स्टाफ कार्यरत हैं और यहां 6 राजगिद्ध (नर और मादा) लाए गए हैं। इन राजगिद्धों की निगरानी सीसी कैमरों द्वारा की जाएगी। पांच हेक्टेयर भूमि पर बने इस केंद्र के लिए बॉम्बे नेचुरल हिस्ट्री सोसायटी और प्रदेश सरकार के बीच समझौता हुआ है। गोरखपुर वन प्रभाग की योजना के अनुसार, अगले आठ से दस वर्षों में इस केंद्र से 40 जोड़े राजगिद्ध छोड़ने का लक्ष्य है।

ये सभी रहे मौजूद
इस अवसर पर वन, पर्यावरण एवं जंतु उद्यान राज्य मंत्री केपी मलिक, महापौर डॉ. मंगलेश श्रीवास्तव, विधायक विपिन सिंह, डॉ. विमलेश पासवान, प्रदीप शुक्ल, एमएलसी एवं भाजपा के प्रदेश उपाध्यक्ष डॉ. धर्मेंद्र सिंह, वन एवं पर्यावरण विभाग के अपर मुख्य सचिव मनोज कुमार सिंह, राज्य महिला आयोग की उपाध्यक्ष चारू चौधरी, फरेंदा के पूर्व विधायक बजरंगी सिंह आदि प्रमुख रूप से उपस्थित रहे। 

Also Read