महराजगंज में स्वास्थ्य विभाग का विवादास्पद कदम : गुमराह कर अविवाहितों और विधुरों की अनैतिक नसबंदी, जांच समिति का गठन

UPT | महराजगंज में स्वास्थ्य विभाग का विवादास्पद कदम

Jul 23, 2024 14:58

स्वास्थ्य विभाग के कर्मचारियों द्वारा कथित तौर पर अविवाहित और विधुर व्यक्तियों की अनैतिक और गैरकानूनी नसबंदी की गई।

Short Highlights
  • अविवाहित दिव्यांग और विधुरों की करा दी गई नसबंदी।
  • आशा कार्यकर्ता व स्वास्थ्य कर्मियों के बहला फुसलाकर कराया नसबंदी।
  • पेंशन योजना का लाभ दिलाने के नाम पर छले गए ग्रामीण
Maharajganj News : उत्तर प्रदेश के महराजगंज जिले से एक चौंकाने वाली खबर सामने आई है, जहां स्वास्थ्य विभाग के कर्मचारियों द्वारा कथित तौर पर अविवाहित और विधुर व्यक्तियों की अनैतिक और गैरकानूनी नसबंदी की गई। यह घटना खनुआ नौतनवा विकास खंड के कैथवलिया उर्फ बरगदही गांव में हुई, जहां स्थानीय निवासियों को पेंशन योजना के नाम पर गुमराह करके नसबंदी के लिए राजी किया गया।

पेंशन योजना के नाम पर गुमराह कर की नसबंदी
गांव के निवासियों के अनुसार, स्थानीय आशा कार्यकर्ता और स्वास्थ्य कर्मी घरों में आए और लोगों को स्वास्थ्य परीक्षण और पेंशन योजना का लालच देकर अस्पताल ले गए। कुछ मामलों में, मानसिक रूप से अस्वस्थ व्यक्तियों को भी इस प्रक्रिया का शिकार बनाया गया। जब स्वास्थ्य कर्मी इन लोगों को वापस लाए, तो उनके परिवार के सदस्यों ने देखा कि उनके शरीर पर सर्जरी के निशान थे। जब स्थानीय चिकित्सकों से परामर्श किया गया, तो यह पता चला कि उनकी नसबंदी की गई थी।



मामले की गंभीरता से होगी जांच
इस घटना ने गांव में आक्रोश की लहर पैदा कर दी है। कई ग्रामीण खनुआ पुलिस चौकी पहुंचे और आशा कार्यकर्ताओं तथा स्वास्थ्य कर्मियों के खिलाफ आपराधिक मुकदमा दर्ज करने की मांग की। स्थानीय प्रशासन ने मामले को गंभीरता से लिया है और जांच के आदेश दिए हैं। एसीएमओ डॉ. राकेश कुमार ने इस मामले की पुष्टि करते हुए कहा कि वे इस घटना को गंभीरता से ले रहे हैं और जांच के बाद उचित कार्रवाई की जाएगी। वहीं, खनुआ चौकी प्रभारी मनोज कुमार गुप्ता ने बताया कि ग्रामीणों की शिकायत पर मामले की जांच की जा रही है।

तीन सदस्यीय जांच समिति का गठन 
जिलाधिकारी के निर्देश पर मुख्य चिकित्साधिकारी ने एक तीन सदस्यीय जांच समिति का गठन किया है। इस समिति में अपर मुख्य चिकित्साधिकारी डॉ. राजेंद्र प्रसाद, उप मुख्य चिकित्साधिकारी डॉ. वी.वी. सिंह, और एमओआईसी लक्ष्मीपुर डॉ. विपिन कुमार शुक्ला शामिल हैं। समिति को तीन दिनों के भीतर विस्तृत जांच रिपोर्ट प्रस्तुत करने का निर्देश दिया गया है।

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