पुलिस कस्टडी में युवक की मौत : मृतक के शरीर पर मिले चोट के निशान, परिजनों ने काटा बवाल, प्रियंका गांधी ने प्रशासन को घेरा

UPT | मृतक के शरीर पर मिले चोट के निशान

Jul 14, 2024 23:35

डकोर थाना क्षेत्र में शनिवार सुबह एक युवक की पुलिस हिरासत में हुई मौत ने न केवल स्थानीय स्तर पर हलचल मचा दी है, बल्कि राज्य स्तर पर भी इस घटना ने तूल पकड़ लिया है।

Jalaun News : उत्तर प्रदेश के जालौन जिले में एक चौंकाने वाली घटना सामने आई है, जिसने स्थानीय प्रशासन और पुलिस व्यवस्था पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। डकोर थाना क्षेत्र में शनिवार सुबह एक युवक की पुलिस हिरासत में हुई मौत ने न केवल स्थानीय स्तर पर हलचल मचा दी है, बल्कि राज्य स्तर पर भी इस घटना ने तूल पकड़ लिया है।

यह है पूरा मामला
दरअसल, गुरुवार को मोहाना गांव के पास बेतवा नदी के पुल के नीचे संतोष कुमार उर्फ मखंचू का शव मिला। मृतक की पत्नी सरिता की शिकायत पर पुलिस ने शुक्रवार को पांच लोगों के खिलाफ हत्या का मामला दर्ज किया। इसी सिलसिले में पुलिस ने इंद्रा नगर निवासी 35 वर्षीय रामकुमार को गिरफ्तार किया। जिसके बाद शनिवार सुबह रामकुमार की पुलिस हिरासत में मौच हो गई। इस घटना ने पुलिस विभाग में हड़कंप मचा दिया। आरोप है कि पुलिस कर्मियों ने रामकुमार के शव को जिला अस्पताल के इमरजेंसी वार्ड के सामने छोड़कर फरार हो गए। यह कार्य इतनी गुप्त रूप से किया गया कि अस्पताल के कर्मचारियों को भी इसकी जानकारी नहीं थी।



परिजनों ने पिटाई का लगाया आरोप
इस घटना ने कई गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। मृतक के परिजनों का आरोप है कि रामकुमार की मौत पुलिस हिरासत में की गई प्रताड़ना के कारण हुई। उन्होंने दावा किया है कि शव पर चोट के निशान स्पष्ट दिखाई दे रहे हैं। परिवार के सदस्यों ने यह भी आरोप लगाया है कि पुलिस ने उन्हें भी हिरासत में लेकर प्रताड़ित किया।

पुलिस ने आरोपों को बताया बेबुनियादी
दूसरी ओर, पुलिस अधीक्षक डॉ. ईरज राजा ने इन आरोपों को खारिज करते हुए कहा है कि रामकुमार पहले से ही बीमार था और उसकी मृत्यु स्वाभाविक कारणों से हुई है। उन्होंने बताया कि एक विशेष पैनल की उपस्थिति में शव का पोस्टमार्टम कराया जा रहा है और जांच रिपोर्ट के आधार पर आगे की कार्रवाई की जाएगी।

प्रियंका गांधी ने उठाए सवाल
इस घटना ने राजनीतिक हलकों में भी हलचल मचा दी है। कांग्रेस नेता प्रियंका गांधी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर इस मामले को उठाते हुए प्रदेश की कानून व्यवस्था पर सवाल उठाए हैं। उन्होंने मांग की है कि इस मामले की निष्पक्ष जांच होनी चाहिए और दोषियों को कड़ी सजा मिलनी चाहिए। विपक्षी दलों का आरोप है कि राज्य में पुलिस की जवाबदेही का अभाव है और कानून व्यवस्था की स्थिति चिंताजनक है।
  पोस्टमार्टम रिपोर्ट पर टिकी सभी की नजरें
अब सभी की नजरें पोस्टमार्टम रिपोर्ट पर टिकी हुई हैं। यह रिपोर्ट न केवल रामकुमार की मौच के असली कारणों को उजागर करेगी, बल्कि यह भी स्पष्ट करेगी कि क्या वास्तव में पुलिस हिरासत में कोई अनियमितता हुई थी। इस बीच, स्थानीय प्रशासन ने मामले की गंभीरता को देखते हुए सुरक्षा व्यवस्था कड़ी कर दी है। पुलिस अधिकारियों का कहना है कि वे किसी भी अप्रिय घटना को रोकने के लिए सतर्क हैं और स्थिति पर नजर रखे हुए हैं।

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