ट्रेन के शौचालय में लगेंगे सेंसर : गंदे होते ही बजने लगेंगे अलार्म, वंदे भारत-राजधानी-गतिमान व शताब्दी एक्सप्रेस में ट्रायल

UPT | इंडियन रेलवे।

Jul 11, 2024 01:09

भारतीय रेलवे ने ट्रेन के शौचालयों की सफाई को सुनिश्चित करने के लिए एक नई तकनीक का परीक्षण शुरू किया है। वंदे भारत, राजधानी, गतिमान, और शताब्दी एक्सप्रेस के शौचालयों में सेंसर लगाए जाएंगे, जो गंदगी का पता चलते ही अलार्म बजाएंगे। इससे यात्रियों को शौचालयों की बदबू और गंदगी से निजात मिलने की उम्मीद है।

Jhansi News : ट्रेन के शौचालयों को गंदगी से मुक्ति दिलाने के लिए इसमें सेंसर लगाने की तैयारी है। इसका उपयोग ट्रायल के रूप में किया जायेगा। फिलहाल वंदे भारत, राजधानी, गतिमान और शताब्दी एक्सप्रेस के शौचालयों में सेंसर लगाए जाएंगे। गंदा होते ही अलार्म बजकर संदेश देगा कि इसकी सफाई की जाए। यात्री जब भी ट्रेन में लंबी दूरी की यात्रा करते हैं, उन्हें सबसे अधिक परेशानी ट्रेन में गंदगी और बदबूदार शौचालय से होती है। वंदे भारत, राजधानी, शताब्दी जैसी ट्रेनें भी इससे अछूती नहीं हैं।

चलती ट्रेन में सफाई की चुनौती
जिस स्टेशन से ट्रेन चलती है, वहां भले ही इसे साफ-सुथरा किया जाए, लेकिन कुछ समय के प्रयोग के बाद वह गंदे हो जाते हैं। चलती ट्रेन में कभी-कभार ही शौचालय की सफाई हो पाती है, और इसकी बदबू यात्रियों को परेशान करती रहती है। रेलवे बोर्ड अब नई तकनीक के जरिए टॉयलेट की बदबू दूर करने का प्रयास कर रहा है। झांसी से गुजरने वाली वंदे भारत, राजधानी, शताब्दी, गतिमान एक्सप्रेस समेत कुछ अन्य प्रीमियम ट्रेन के कोच के शौचालयों में यह तकनीक लगाने की तैयारी है। रेलवे अधिकारियों का कहना है कि इस परीक्षण के लिए जर्मन टेक्नोलॉजी वाले एलएलबी कोच और परंपरागत आइसीएफ कोच वाली कुछ ट्रेन का चयन ट्रायल के रूप में सेंसर लगाया जाएगा। इसके बाद प्रीमियम और भीड़ वाली ट्रेनों में भी इस तकनीक को शामिल किया जाएगा।

इस तरह करेगी तकनीक काम
ट्रेन के शौचालय में बदबू का पता लगाने के लिए सेंसर से लैस स्मार्ट सिस्टम विकसित किया जा रहा है। यह सेंसर हवा में अस्थिर यौगिकों और अणुओं की पहचान कर सकते हैं। वहां से प्राप्त सूचनाओं को विश्लेषण के लिए सेंट्रल हब या लैब में भेज सकते हैं। इस विश्लेषण के आधार पर, संचालित प्रतिक्रियाएं शुरू की जा सकती हैं, जैसे दुर्गन्ध का पता चलने पर सफाई कर्मचारियों को सफाई के लिए सचेत करना। झांसी रेल मंडल के जनसंपर्क अधिकारी मनोज कुमार सिंह ने बताया कि इस तकनीक पर काम चल रहा है और जल्द ही यह सुविधा शुरू हो जाएगी। 

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