Kanpur News : सावन के आखिरी सोमवार को भक्तों ने निकाली डाक कांवड़ यात्रा, जलाभिषेक किया

UPT | डाक कांवड़ यात्रा निकालते भोले के भक्त।

Aug 19, 2024 16:48

सावन के आखरी सोमवार को कानपुर के शिव मंदिर पर सुबह से ही भक्तों की भीड़ देखने को मिली। सोमवार की सुबह 3 बजे से ही मंदिरों पर भगवान शिव के दर्शन और पूजा अर्चना करने के लिए भक्त लंबी लंबी...

Kanpur News : सावन के आखरी सोमवार को कानपुर के शिव मंदिर पर सुबह से ही भक्तों की भीड़ देखने को मिली। सोमवार की सुबह 3 बजे से ही मंदिरों पर भगवान शिव के दर्शन और पूजा अर्चना करने के लिए भक्त लंबी लंबी कतार में खड़े रहे। दूसरी तरफ महाराजपुर के सैबसी गांव से एक दर्जन से अधिक शिवभक्तों ने भगवान शिव का गंगाजल से अभिषेक करने के लिए प्रथम कावंड़ यात्रा निकाली। नवयुवक कमेटी के भक्तों ने ड्योढी गंगा घाट से सरसौल स्थित प्राचीन श्री नन्देश्वर धाम तक तकरीबन 30 किलोमीटर तक डाक कांवड़ लाने का संकल्प किया। 

क्या होती है डाक कांवड़ यात्रा
सावन के महीने में शिवभक्त कांवड़ यात्रा पर निकलते हैं। इस यात्रा को बेहद पवित्र और शुभ फलदायी माना जाता है। भगवान शिव का हर भक्त चाहता है कि एक न एक बार वो इस यात्रा पर अवश्य जाएं। कांवड़ यात्रा चार प्रकार की होती है। इसमें दांडी और डाक कांवड़ यात्रा को बेहद कठिन माना जाता है। शास्त्रों के अनुसार, डाक कांवड़ पर निकले भक्त अगर एक बार कांवड़ उठा लेते हैं तो उसके बाद शिव मंदिर तक पहुंचने तक रुक नहीं सकते। यानि भक्तों को लगातार कांवड़ को लेकर चलना पड़ता है। इस यात्रा को पूरा करने का समय भी निश्चित होता है, भक्तों को 24 घंटे के अंदर शिव धाम तक पहुंचना होता है। इसीलिए यह यात्रा बाकी कांवड़ यात्राओं से कठिन मानी जाती है। ज्यादातर इस यात्रा को पूरा करने के लिए भक्तों की एक टोली बनती है, जिसमें वाहन का भी सहारा लिया जाता है। यानि एक कांवड़िया कांवड़ को लेकर पैदल दौड़ता है और बाकी के साथी वाहन में होते हैं, जब एक थक जाता है तो दूसरा कांवड़िया कंधे पर कांवड़ को लेकर दौड़ता है। एक बार डाक कांवड़ यात्रा शुरू होने के बाद कहीं पर भी रुकनी नहीं चाहिए। इसीलिए डाक कांवड़ को सबसे कठिन माना जाता है। 

दो घंटे में पूरी की यात्रा
महाराजपुर के सैबसी गांव के एक दर्जन से अधिक शिवभक्तों ने भगवान शिव का गंगाजल से अभिषेक करने के लिए प्रथम कावंड़ यात्रा निकाली। नवयुवक कमेटी के भक्तों ने ड्योढी गंगा घाट से सरसौल स्थित प्राचीन श्री नन्देश्वर धाम तक तकरीबन 30 किलोमीटर तक डाक कांवड़ लाने का संकल्प किया। सभी शिवभक्तों ने सुबह 5 बजे से इस कांवड़ यात्रा को शुरू किया। प्रत्येक कांवड़ यात्रियों ने 2 किलोमीटर की यात्रा तय की। सभी कांवड़ यात्रियों ने 2 घंटे में 30 किमी की यात्रा तय करते हुए मंदिर पहुंचकर भगवान शिव का जलाभिषेक किया। 

भक्तों की टोली में ये रहे शामिल
शिव भक्तों की टोली में अतुल अवस्थी, श्वेतांक तिवारी, शुभम अवस्थी, गौरव द्विवेदी, आकाश दुबे, अंकित अवस्थी, आदित्य अवस्थी, धीरू तिवारी, सुधीर कुमार प्रजापति, पवन दुबे, रजन अवस्थी आदि मौजूद रहे।

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