वक्फ संशोधन बिल पर संजय सिंह और खालिद रशीद फरंगी महली के बीच चर्चा : जेपीसी के सामने रखी जाएंगी ये आपत्तियां

UPT | वक्फ संशोधन बिल पर संजय सिंह और खालिद रशीद फरंगी महली के बीच हुई चर्चा।

Aug 28, 2024 00:15

संजय सिंह ने कहा कि बिल के बारे में कुछ बातें गलत फैलाई जा रही हैं। इसमें 12000 करोड़ के आमदनी होने की बात कही जा रही है। वक्फ संपत्ति में कब्रिस्तान है, मस्जिद हैं, उसमें कहां से आमदनी हो पाएगी? उन्होंने कहा कि मस्जिद में नमाज पढ़ने के लिए क्या मुसलमान टिकट लगाएंगे? आखिर कैसे आमदनी होगी, यह तरीका सरकार को बताना चाहिए।

Lucknow News : आम आदमी पार्टी के राज्यसभा सांसद और उत्तर प्रदेश प्रभारी संजय सिंह ने मंगलवार को इस्लामिक सेंटर ऑफ इंडिया के अध्यक्ष मौलाना खालिद रशीद फरंगी महली से मुलाकात की। दोनों के बीच लगभग एक घंटे वक्फ अधिनियम (संशोधन) विधेयक 2024  को लेकर चर्चा हुई। इसे लेकर संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) बनाई गई है, जिसमें सांसद संजय सिंह सदस्य हैं। आप सांसद इस मुद्दे पर विभिन्न लोगों से मुलाकात कर उनकी राय जान रहे हैं, जिसे जेपीसी के सामने रखा जा सके। जेपीसी की अगली बैठक 30 अगस्त को होनी है।

धार्मिक आजादी के खिलाफ है वक्फ अधिनियम (संशोधन) विधेयक
संजय सिंह ने वक्फ अधिनियम (संशोधन) विधेयक 2024 को लेकर कहा कि पूरे देश में अलग-अलग संस्थाओं से और प्रबुद्ध लोगों से मुस्लिम समाज बुद्धिजीवियों से हम लोग मुलाकात कर रहे हैं। इसी सिलसिले में मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के सदस्य मौलाना खालिद रशीद फरंगी से मुलाकात हुई। यह विधेयक भारत के संविधान के आर्टिकल 26 के खिलाफ है, जो हमें धार्मिक आजादी देता है। उन्होंने कहा की आर्टिकल 26 स्पष्ट तौर पर कहता है कि हम अपनी संपत्तियों का प्रबंधन अपने धर्म के मुताबिक स्वतंत्रता के साथ कर सकते हैं। अपनी पूजा पद्धति और उपासना पद्धति का पालन अपने धर्म के मुताबिक हम कर सकते हैं। संजय सिंह ने कहा कि इसलिए यह बिल आर्टिकल 26 में दी गई धार्मिक आजादी के बुनियादी सिद्धांत के खिलाफ है।

बिल को लेकर फैलाई जा रही गलत बातें, वक्फ संपत्ति घोषित करने की लंबी और पारदर्शी प्रक्रिया
उन्होंने कहा कि इस बिल के बारे में कुछ बातें गलत फैलाई जा रही हैं। सरकार का कहना है कि किसी भी जमीन को वक्फ बोर्ड अपनी संपत्ति घोषित कर दे तो वह उसकी हो जाएगी, जबकि ऐसा नहीं है। उन्होंने कहा कि सबसे पहले सही तरीका समझना होगा। कोई व्यक्ति अगर अपनी संपत्ति दान करना चाहता है तो सर्वे कमिश्नर उसकी जांच करता है। यह सर्वे कमिश्नर सरकार का व्यक्ति होता है। वह जांच के बाद एक साल तक उस जमीन को लेकर आपत्ति मंगवाता है। जब उस पर कोई आपत्ति नहीं होती है तब शासन का सेक्रेटरी उसे वक्फ संपत्ति घोषित करता है। इस तरह इसमें सरकार के लोगों की ही भूमिका होती है। इससे ज्यादा पारदर्शी तरीका और क्या हो सकता है
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आमदनी के लिए क्या मस्जिदों में नमाज पढ़ने पर लगाया जाए टिकट?
संजय सिंह ने कहा कि इसके साथ ही इसमें 12000 करोड़ के आमदनी होने की बात कही जा रही है। वक्फ संपत्ति में कब्रिस्तान है, मस्जिद हैं, उसमें कहां से आमदनी हो पाएगी? उन्होंने कहा कि मस्जिद में नमाज पढ़ने के लिए क्या मुसलमान टिकट लगाएंगे? आखिर कैसे आमदनी होगी, यह तरीका सरकार को बताना चाहिए। संजय सिंह ने तंज कसते हुए कहा कि आमदनी का एक और बेहतर तरीका है कि 20000 करोड रुपए नीरव मोदी से वसूल करके 12000 करोड़ वक्त बोर्ड को दे दी जाए और 8000 करोड़ सरकार अपने पास रख ले। उन्होंने कहा कि वास्तव में आज देश के अंदर बांटो और राज करो की संस्कृति और उसके सिद्धांतों को अपनाया जा रहा है और इसी काम में भाजपा लगी हुई है। उन्होंने कहा कि यह बिल पूरी तरह से गैर संवैधानिक है।

वक्फ बोर्ड में महिलाओं की पहले से ही है हिस्सेदारी
संजय सिंह ने कहा कि संशोधित बिल में यह कहा जा रहा है कि वक्फ में वही अपनी संपत्ति दान कर सकते हैं जो पांच वर्ष से प्रैक्टिसिंग मस्लिम हो। अब सरकार यह बताए कि वह कैसे तय करेगी कि कौन प्रैक्टिसिंग मुस्लिम है और कौन नहीं। उन्होंने कहा कि प्रत्येक मुसलमान की रिपोर्ट कौन देगा। संशोधित बिल में महिलाओं को हिस्सेदारी देने की बात नहीं जा रही है। जबकि वक्फ में पहले से महिलाओं को सदस्य बनाया गया है। यूपी सुन्नी सेंट्रल वक्फ बोर्ड में पहले से ही दो मुस्लिम महिला सदस्य है। संशोधित बिल में बहुत से बिंदु हैं जो अनावश्यक हैं।  

दूसरे धर्म के लोगों को वक्फ बोर्ड में शामिल करना सही नहीं
आप सांसद ने कहा कि इसी तरह संशोधित बिल में अन्य धर्म के लोगों को भी शामिल करने की बात कही जा रही है जो की सही नहीं है। वक्फ बोर्ड में अगर हिंदू या अन्य धर्म के लोग शामिल करने की बात कही जा रही है तो क्या मंदिर के ट्रस्ट या सिख कमेटी में मुस्लिम समुदाय या दूसरे धर्म के लोग शामिल किये जायेंगे। हमारी यह मांग है कि वक्फ बिल में कुछ भी ऐसा ना किया जाए जिससे आम मुसलमान को परेशानी हों।

मौलाना खालिद रशीद फरंगी महली ने कही ये बात
सांसद संजय सिंह से मुलाकात के बाद मौलाना खालिद रशीद फरंगी महली ने कहा की संजय सिंह जेपीसी के सदस्य हैं। उनके सामने हमने अपनी आपत्तियों को रखा है। संजय सिंह को हमने एक मेमोरेंडम भी दिया है, जिसे वो जेपीसी कमेटी के सामने प्रस्तुत करेंगे।

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