आंबेडकर पर विपक्ष के हमलावर तेवर बरकरार : अखिलेश बोले- जिनका मन 'विद्वेष' से भरा, वो 'देश' क्या चलाएंगे? कांग्रेस का कटाक्ष

UPT | भीमराव आंबेडकर पर अमित शाह के बयान के बाद विपक्ष हमलावर

Dec 19, 2024 11:59

समाजवादी पार्टी के नेता गुरुवार को ​पार्टी अध्यक्ष अखिलेश यादव की बैठक में  गले में बाबा साहेब की फोटो डालकर पहुंचे। सपा विधायकों ने इसके जरिए भाजपा पर निशाना साधा और डॉ. आंबेडकर का अपमान करने का आरोप लगाया। वहीं अखिलेश यादव ने अमित शाह के बयान को घोर आपत्तिजनक करार दिया है।

Short Highlights
  • सपा विधायक बाबा साहेब की फोटो गले में डालकर पहुंंचे
  • कांग्रेस का भाजपा नेताओं पर दलितों से नफरत और घृणा करने का आरोप
  • केशव प्रसाद मौर्य का कटाक्ष : कांग्रेस ने आंबेडकर के योगदान को भुलाकर झूठी राजनीति की 
Lucknow News : संसद में केद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के संविधान पर चर्चा के दौरान डॉ. भीमरव आंबेडकर पर दिए बयान को लेकर सियासत तेज हो गई है। विपक्ष इस मुद्दे पर सरकार को घेरने में जुटा है। संसद से लेकर बाहर तक इस मामले में विपक्ष के सदस्य सरकार पर निशाना साध रहे हैं। उत्तर प्रदेश में भी इस मामले में सियासी पारा चढ़ गया है। बसपा, कांग्रेस और समाजवादी पार्टी ने इसे बड़ा मुद्दा बना लिया है तो सत्तापक्ष से भी पलटवार किया गया है।

अखिलेश बोले- भाजपा ने बाबासाहेब का ही नहीं संविधान का किया अपमान
समाजवादी पार्टी के नेता गुरुवार को ​पार्टी अध्यक्ष अखिलेश यादव की बैठक में  गले में बाबा साहेब की फोटो डालकर पहुंचे। सपा विधायकों ने इसके जरिए भाजपा पर निशाना साधा और डॉ. आंबेडकर का अपमान करने का आरोप लगाया। वहीं अखिलेश यादव ने अमित शाह के बयान को घोर आपत्तिजनक करार दिया है। उन्होंने गुरुवार को सोशल साइट एक्स पर अपनी टिप्पणी में कहा कि जिनका मन विद्वेष से भरा हुआ है, वो क्या देश चलाएंगे। आज जो हुआ वह सिर्फ बाबासाहेब का ही नहीं, उनके दिये संविधान का भी अपमान है। ये भाजपा की नकारात्मक मानसिकता का एक और चरम बिंदु है। देश ने आज जान लिया है कि भाजपाइयों के मन में बाबासाहेब को लेकर कितनी कटुता भरी है।



भाजपा आंबेडकर के बनाए संविधान की विरोधी
उन्होंने कहा कि भाजपाई बाबासाहेब के बनाये संविधान को अपना सबसे बड़ा विरोधी मानते हैं क्योंकि उनको लगता है कि वो जिस प्रकार गरीब, वंचित, दमित का शोषण करके उनके ऊपर अपना प्रभुत्व कायम करना चाहते हैं, उनकी इस बद मंशा के आगे संविधान ढाल बनकर खड़ा है। घोर निंदनीय! घोर चिंतनीय! घोर आपत्तिजनक! जन-जन कहे आज का, नहीं चाहिए भाजपा!

कांग्रेस बोली- अमित शाह ने लोकतंत्र के मंदिर में किया बाबा साहेब का अपमान 
उधर कांग्रेस की ओर से इस मामल में कहा गया है कि भाजपा-आरएसएस के जीन में आबंडेकर का अपमान है और भाजपा नेता दलितों से घृणा करते हैं। पार्टी प्रवक्ता सुरेंद्र राजपूत ने गुरुवार को कहा कि अमित शाह ने लोकतंत्र के मंदिर में बाबा साहेब को जिस तरह अपमानित किया, वो एक कुंठा और द्वेष से भरे मानसिकता वाला व्यक्ति ही कर सकता है। गृहमंत्री जैसे पद पर विराजमान व्यक्ति द्वारा संविधान निर्माता का सरेआम अपमान करना बताता है कि भाजपा के नेताओं में दलितों के प्रति कितनी नफरत और घृणा भरी है।

संविधान में विश्वास रखने वाले हर व्यक्ति को जलील करने की कोशिश
उन्होंने कहा कि दरअसल अमित शाह ने बाबा साहेब का नहीं बल्कि देश के करोड़ों दलितों, शोषितों, वंचितों को अपमानित किया है। उन्होंने हर उस आदमी को अपमानित और जलील करने की कोशिश की है, जो न्याय, लोकतंत्र और संविधान में विश्वास रखता है। लेकिन, इस देश के करोड़ों दलितों को ये याद रखना पड़ेगा कि अमित शाह द्वारा बाबा साहेब आंबेडकर का अपमान करना भाजपा-आरएसएस की परंपरा का हिस्सा है। संघ की शाखाओं में यही तो सिखाया जाता है। गरीबों, दलितों, आदिवासियों पर अत्याचार करना ये लोग अपना अधिकार समझते हैं।

कांग्रेस का आरोप : आरएसएस को खटकता रहा आंबेडकर का संविधान
कांग्रेस नेता ने कहा कि पहले इस देश का दलित गुलाम था। उसे दास बनाकर बंधुआ मजदूरी करवायी जाती थी। उस पर तरह-तरह के अत्याचार होते थे। दलितों, शोषितों को इन अत्याचारों से बचाने के लिए डॉ. आंबेडकर ने बहुत मेहनत की। आंबेडकर जी भारत के हर आदमी को न्याय दिलाने की बात करते थे। वो चाहते थे कि सभी के लिए एक जैसा कानून हो- संविधान। उन्होंने कहा कि आंबेडकर की यही बात आरएसएस को खटकती थी। क्योंकि आरएसएस के लोग दलितों और गरीबों को इंसान नहीं समझते। वे इन्हें गुलाम बनाकर ही रखना चाहते थे। यही कारण है कि आरएसएस शुरू से ही आंबेडकर और संविधान का विरोध करता रहा है। ये लोग आंबेडकर को अपना असली दुश्मन मानते हैं।

आरएसएस ने रचे संविधान को खत्म करने के कई कुचक्र
कांग्रेस ने कहा कि जब बाबा साहेब ने संविधान बना दिया तो आरएसएस ने ये कहकर इनका अपमान किया कि इस संविधान में भारतीय जैसा कुछ है ही नहीं। आरसएस ने आजादी से लेकर आज तक संविधान को खत्म करने के लिए कई कुचक्र रचे, मगर कभी गांधीजी, कभी नेहरू तो कभी राहुल गांधी ने ढाल बनकर संविधान को बचाया। 
संघ के सरसंघचालक एमएस गोलवलकर अक्सर कहा करते थे कि इस देश का भला आंबेडकर के संविधान से नहीं हो सकता। वो चाहते थे कि यह देश संविधान नहीं बल्कि मनुस्मृति के हिसाब से चलाया जाए। यही बात मोहन भागवत और मनमोहन वैद्य भी कहते हैं।

भाजपा की राज्य सरकारों में दलित-आदिवसियों पर अत्याचार चरम पर
राजपूत ने कहा कि आज जिन-जिन प्रदेशों में भाजपा-आरएसएस की सरकार है, वहां-वहां दलितों, आदिवासियों, वंचितों पर अत्याचार चरम पर है। मध्य प्रदेश तो आरएसएस की प्रयोगशाला है। इसलिए यहां दलितों और आदिवासियों पर सबसे अधिक अत्याचार किया जाता है। यहां कभी दलितों पर पेशाब किया जाता है तो कभी आदिवासियों को मल खिलाकर पीटा जाता है। उन्होंने कहा कि अब देश के दलितों, शोषितों और आदिवासियों को ये सोचना पड़ेगा कि वो उन्हें अधिकार और न्याय दिलाने वाले बाबा साहेब के साथ हैं या बाबा साहेब का अपमान करने वाले भाजपा-आरएसएस के साथ।

केशव मौर्य का पलटवार : कांग्रेसे पिछड़ों और वंचितों की आवाज को दबाया
उधर इन आरोपों पर पलटवार करते हुए उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने कहा कि कांग्रेस ने सिर्फ सत्ता के लिए बाबा साहेब भीमराव अंबेडकर के विचारों और उनके संघर्ष को नजरअंदाज किया, बल्कि दलितों, पिछड़ों और वंचितों की आवाज को दबाने का काम भी किया। बाबा साहेब ने संविधान के माध्यम से वंचित वर्ग को ताकत दी, लेकिन कांग्रेस ने हमेशा उनके योगदान को भुलाकर झूठी राजनीति की। उन्होंने गृहमंत्री अमित शाह के बयान को तोड़-मरोड़कर पेश करने से कांग्रेस की असली सच्चाई नहीं छुपेगी। अब जनता जाग चुकी है। कांग्रेस मुक्त भारत निश्चित है। वहीं डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक ने भी इस प्रकरण में गृहमंत्री अमित शाह के बयान को तोड़-मरोड़क पेश करने का आरोप लगाते हुए विपक्ष पर ​पलटवार किया है।

अमित शाह के इस बयान पर विवाद
दरअसल राज्यसभा में संविधान के 75 साल पूरे होने पर चर्चा के दौरान अमित शाह ने कहा, 'अभी एक फैशन हो गया है - आंबेडकर, आंबेडकर, आंबेडकर, आंबेडकर, आंबेडकर, आंबेडकर। इतना नाम अगर भगवान का लेते तो 7 जन्मों तक स्वर्ग मिल जाता।' शाह ने आगे कहा, '100 बार और नाम लीजिए, लेकिन मैं जानना चाहता हूं कि आपके मन में उनके लिए क्या भावना है?' गृह मंत्री के इस बयान पर विपक्ष हमलावर बना हुआ है। इसके बाद अमित शाह अपनी ओर से सफाई दे चुके हैं। लेकिन, विपक्ष इसे बड़ा मुद्दा बना रहा है।

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