आंबेडकर विवाद : मायावती की अमित शाह से बयान वापस लेने की मांग, बोलीं- बाबा साहेब के अनुयायी नहीं करेंगे माफ, कांग्रेस पर तंज

UPT | Mayawati

Dec 19, 2024 15:11

मायावती ने कहा कि खासकर दलित और अन्य उपेक्षित वर्गों के वोटों के लिए पिछले एक-दो दिनों से संसद में सत्ता और विपक्ष के बीच में जो सियासत चल रही है अब उनकी लड़ाई धक्का-मुक्की तक उत्तर आई है यह सब शोभा नहीं दे रहा है। उन्होंने कहा कि देश में जो सियासत चल रही है इससे दलित और पिछड़े वर्ग के लोग झांसे में आने वाले नहीं हैं।

Lucknow News : बहुजन समाज पार्टी (बसपा) की सुप्रीमो मायावती ने डॉ. आंबेडकर पर टिप्पणी को लेकर मचे बवाल के बीच केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह पर हमला बोला है। उन्होंने अमित शाह से अपना बयान वापस लेने की मांग की है। मायावती ने गुरुवार को कहा कि बाबा साहेब के अनुयायी अमित शाह को कभी माफ नहीं करेंगे और भाजपा की कोई भी चाल कामयाब नहीं होगी। उन्होंने कहा कि कांग्रेस ने भी हमेशा डॉ. आंबेडकर का विरोध किया है। खुद बाबा साहेब ने भी दलितों को कांग्रेस से दूर रहने की सलाह दी थी।

अपने जंजाल में बहुत बुरी तरीके से फंस गई है भाजपा
बसपा सुप्रीमो ने कहा जो भी कानून संविधान में पिछड़े और दलित के लिए बनाए गए हैं, उन्हें लागू नहीं होने दिया गया है। राजनीतिक पार्टियों पर आरोप लगाते हुए उन्होंने कहा अब तो यह पार्टियां भारतीय संविधान में इन वर्गों को मिले आरक्षण को भी खत्म करने में लगी है। मायावती ने कहा और इन सब मामलों में बीजेपी भी हमें पीछे नजर आती नहीं दिखाई दे रही है। यह पार्टी भी दलित और पिछड़ों को लुभाने के लिए आए दिन किस्म-किस्म की सियासत करती रहती है और इस चक्कर में अब यह पार्टी खुद ही अपने जंजाल में बहुत बुरी तरीके से फंस गई है। मायावती ने कहा कि कहने का मतलब यह है कि चाहे बीजेपी हो या फिर कांग्रेस पार्टी एंड कंपनी के लोग ये सभी दल अभी भी बाबा साहब का कतई भी दिल से सम्मान नहीं करते हैं अर्थात इनका सम्मान केवल दिखावटी है।



बाबा साहेब के अनुयायियों के वोट लेने की साजिश
बसपा सुप्रीमो ने कहा ​कि सभी राजनीतिक पार्टी बाबा साहेब का केवल नाम इस्तेमाल करके उनके अनुयायियों का वोट लेने में ही लगे हैं, जिससे बाबा साहेब के अनुयायियों को हमेशा सावधान रहना है। बाबा साहेब के पदचिह्नों पर चलकर एक मात्र पार्टी बीएसपी से ही जुड़कर अपने मसीहा में भगवान बाबा साहेब भीमराव अंबेडकर का नाम यूपी की तरह पूरे देश में भी रोशन करना है। उन्होंने कहा कांग्रेस, बीजेपी और अन्य राजनीतिक पार्टियों कभी भी इनका अपमान करने की हिम्मत ना जुटा सके।

धक्का-मुक्की तक उत्तर आई है लड़ाई
मायावती ने कहा कि खासकर दलित और अन्य उपेक्षित वर्गों के वोटों के लिए पिछले एक-दो दिनों से संसद में सत्ता और विपक्ष के बीच में जो सियासत चल रही है अब उनकी लड़ाई धक्का-मुक्की तक उत्तर आई है यह सब शोभा नहीं दे रहा है। उन्होंने कहा कि देश में जो सियासत चल रही है इससे दलित और पिछड़े वर्ग के लोग झांसे में आने वाले नहीं हैं, यह सिर्फ उनके वोटों को और उनके वोटरों को लुभाने की साजिश है।

कांग्रेस ने रत्ती भर भी संविधान की बातों पर नहीं किया अमल
मायावती ने कहा कि सभी राजनीतिक पार्टी संविधान की बात जरूर करते हैं। लेकिन, संविधान की बातों पर अमल नहीं करते हैं। यदि इन्होंने संविधान पर अमल किया होता तो बाबासाहेब अपने पद से इस्तीफा क्यों देते। यदि राजनीतिक पार्टियां बाबा साहेब की बातों पर अमल करता तो आज जो सत्ता से बाहर निकलते नजर आ रहे हैं ऐसा नहीं होता। कांग्रेस पार्टी और कंपनी के लोगों ने रत्ती भर भी संविधान की बातों पर अमल नहीं किया। उन्होंने कहा कि यदि बीएसपी नहीं बनी होती तो अब तक यह राजनीतिक पार्टियों बाबा साहेब का नाम मिटा चुके होते और जो संविधान में दबे कुछ लोगों को जो कानूनी अधिकार मिले हैं, उन्हें खत्म कर देते यह तो बीएसपी की वजह से उनकी मजबूरी है इसलिए जब उसमें राजनीतिक पार्टियों कामयाब नहीं हुई तो इन राजनीतिक पार्टियों ने बीएसपी को खत्म करने का प्रयास किया।

षड्यंत्र के बावजूद बसपा नहीं हो रही कमजोर
उन्होंने कहा कि बसपा को खत्म नहीं कर पाने की स्थिति में इन लोगों ने नया रास्ता निकाला छोटी-छोटी पार्टियों बनाकर स्वार्थी लोगों को चुनाव में उतारा और वोट बढ़ाने का प्रयास भी किया। मायावती ने दावा किया कि बसपा फिर भी कमजोर नहीं हो रही है। अब इन्होंने यह नई नौटंकी शुरू की है, जो ठीक नहीं है। दलित और वीकर सेक्शन के लोग अब जल्दी बहकावे में आने वाली नहीं है। इसलिए सरकार और विपक्ष ने जो नई नौटंकी शुरू की है इसको बंद कर देना चाहिए।
 

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