भारतनेट परियोजना : इंटरनेट से जुड़ीं यूपी की 46 हजार से अधिक ग्राम पंचायतें, डिजिटल क्रांति ने पकड़ी रफ्तार

UPT | यूपी में 46729 ग्राम पंचायतें भारतनेट के माध्यम से इंटरनेट से जुड़ चुकी हैं।

Dec 04, 2024 16:59

सरकार ने उत्तर प्रदेश में डिजिटल इंडिया के विजन को साकार करने के लिए भारतनेट परियोजना को अपनी प्रमुख प्राथमिकताओं में शामिल किया है। इस योजना के तहत सरकार ने राज्य के ग्रामीण और दूरदराज इलाकों को हाई-स्पीड इंटरनेट कनेक्टिविटी से जोड़ने का उद्देश्य रखा है।

Lucknow News : सरकार ने उत्तर प्रदेश में डिजिटल इंडिया के विजन को साकार करने के लिए भारतनेट परियोजना को अपनी प्रमुख प्राथमिकताओं में शामिल किया है। इस योजना के तहत सरकार ने राज्य के ग्रामीण और दूरदराज इलाकों को हाई-स्पीड इंटरनेट कनेक्टिविटी से जोड़ने का उद्देश्य रखा है, ताकि इन क्षेत्रों के लोग भी डिजिटल सेवाओं का लाभ उठा सकें और उन्हें डिजिटल रूप से सशक्त बनाया जा सके। अब तक यूपी में 46729 ग्राम पंचायतें भारतनेट के माध्यम से इंटरनेट से जुड़ चुकी हैं।

यूपी में इतनी ग्राम पंचायते इंटरनेट से जुड़ी 
भारतनेट परियोजना का उद्देश्य देश के सभी 2.64 लाख ग्राम पंचायतों को इंटरनेट से जोड़ना है। इस परियोजना के तहत, ग्रामीण क्षेत्रों को हाई-स्पीड इंटरनेट कनेक्टिविटी प्रदान करने के लिए ऑप्टिकल फाइबर और सैटेलाइट लिंक जैसी आधुनिक तकनीकों का उपयोग किया जा रहा है। अक्टूबर 2024 तक भारतनेट के पहले और दूसरे चरण में 2.14 लाख से अधिक ग्राम पंचायतों को इंटरनेट से जोड़ लिया गया है, और उत्तर प्रदेश में 46,729 ग्राम पंचायतों को इंटरनेट से जोड़ने का कार्य पूरा हो चुका है। इस योजना से न केवल इंटरनेट की पहुंच बढ़ेगी, बल्कि ग्रामीण इलाकों में शिक्षा, स्वास्थ्य, ई-गवर्नेंस और आर्थिक विकास को भी नई दिशा मिलेगी। इससे सरकार को डिजिटल सेवाओं के माध्यम से लोगों तक पहुंचने में मदद मिलेगी और विभिन्न सरकारी योजनाओं के लाभ सीधे गांवों तक पहुंच सकेंगे।



इतने एफटीटीएच कनेक्शन का लक्ष्य
भारतनेट परियोजना के सफल संचालन के लिए बिजली कनेक्शन की स्थिति का सुधार बेहद जरूरी है। 4G सैचुरेशन परियोजना की सफलता में बिजली कनेक्शन की अहम भूमिका है, क्योंकि इन कनेक्शनों के बिना इंटरनेट कनेक्टिविटी संभव नहीं हो सकती। उत्तर प्रदेश के पूर्वी और पश्चिमी हिस्सों में विभिन्न स्थलों पर बिजली कनेक्शन दिए जा रहे हैं। जहां कुछ स्थलों पर भूमि अधिग्रहण की प्रक्रिया पूरी हो चुकी है, वहीं सरकार ने कनेक्शन जोड़ने के काम को तेज किया है। इसके अलावा, दिसंबर 2024 तक 8,568 नए एफटीटीएच (फाइबर टू द होम) कनेक्शन जोड़ने का लक्ष्य रखा गया है। एफटीटीएच कनेक्शन से ग्रामीण इलाकों में इंटरनेट की गुणवत्ता में सुधार होगा और लोग तेज इंटरनेट का उपयोग कर सकेंगे।

अधिकारियों को दी जाएगी निगरानी की जिम्मेदारी 
सरकार ने भारतनेट परियोजना के तहत कार्यों की निगरानी के लिए विभिन्न विभागों को समन्वय बढ़ाने और समस्याओं का शीघ्र समाधान करने के निर्देश दिए हैं। इस योजना के कार्यान्वयन में कई विभागों की भागीदारी है, और सीएम ने सभी संबंधित विभागों को प्रभावी रूप से काम करने के लिए कहा है। इसके तहत ग्राम पंचायत स्तर पर निगरानी करने के लिए ग्राम विकास अधिकारियों और पंचायत सचिवों को जिम्मेदारी सौंपने का फैसला लिया गया है। इसके अलावा, जहां फाइबर केबल को हर घर जल योजना, सड़क चौड़ीकरण और अन्य निर्माण कार्यों के कारण क्षति पहुंची है, वहां इन्हें पुनः स्थापित करने का कार्य भी जल्द पूरा किया जाएगा।

कठिन स्थलों के लिए तलाशे वैकल्पिक समाधान 
वन विभाग को लंबित भूमि आवंटन को शीघ्र पूरा करने के निर्देश दिए गए हैं, ताकि भारतनेट के तहत बिछाए गए फाइबर केबल्स को सही तरीके से स्थापित किया जा सके। साथ ही ऊर्जा विभाग को बिजली कनेक्शन प्रदान करने की प्रक्रिया को तेज करने और कठिन स्थलों के लिए वैकल्पिक समाधान तलाशने का निर्देश भी दिया गया है।

डिजिटल सशक्तिकरण में बड़ा कदम
भारतनेट परियोजना से उत्तर प्रदेश के दूरदराज इलाकों में शिक्षा, स्वास्थ्य, ई-गवर्नेंस, और आर्थिक विकास को गति मिलेगी। गांवों में इंटरनेट की उपलब्धता से लोग ऑनलाइन शिक्षा, चिकित्सा सेवाएं, सरकारी योजनाओं की जानकारी और व्यापार के नए अवसरों का लाभ उठा सकेंगे। यह परियोजना राज्य को डिजिटल सशक्तिकरण की दिशा में नई ऊंचाइयों तक पहुंचाएगी और आत्मनिर्भर भारत की दिशा में एक अहम कदम साबित होगी। गांव-गांव तक इंटरनेट पहुंचाने के इस प्रयास से राज्य में सामाजिक-आर्थिक विकास को नई दिशा मिलेगी और ग्रामीण क्षेत्रों को भी डिजिटल युग में समान अवसर मिलेंगे।

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