गिरोह के सरगना पंकज सुरैला ने कंबोडिया से विशेष ट्रेनिंग ली थी, जिसमें डिजिटल ठगी की नई तकनीकों को सिखाया गया। गिरोह के सदस्य बैंक खातों की किट और बेनीफिशरी जोड़ने के लिए खास एपीके फाइल्स का इस्तेमाल करते थे। ये लोग फर्जी खातों में रकम ट्रांसफर कर उसे कई बार इधर-उधर भेजते थे ताकि उसका पता न लगाया जा सके।