अप्रैल 2022 में पूजा यादव की शादी के महज एक महीने बाद ही 50 लाख रुपये का बीमा कराया गया था। साथ ही मुद्रा लोन और छह वाहनों की खरीदारी भी पूजा के नाम पर की गई थी। 20 मई 2023 को हत्या के बाद आरोपी पति ने नवंबर 2023 में बीमा क्लेम किया, जिस पर बीमा कंपनी को शक हुआ। कंपनी ने पुलिस को सूचित किया, लेकिन पुलिस ने मामले को गंभीरता से नहीं लिया।