भारत सरकार की गाइडलाइन में स्पष्ट रूप से कहा गया है कि उपभोक्ताओं की विश्वसनीयता के लिए उपभोक्ताओं के परिसर पर स्मार्ट प्रीपेड मीटर लगाते वक्त 5 प्रतिशत चेक मीटर लगाया जाना जरूरी है। उपभोक्ता के परिसर पर जो पुराना मीटर लगा है, उसे ही चेक मीटर के रूप में उपयोग में लाने का निर्देश भारत सरकार ने सितंबर 2023 में ही दिया था।