Cyber Crime : साइबर अपराधी अपना रहे नए हथकंडे, नए साल के ऑफर लिंक पर​ क्लिक करना पड़ सकता है महंगा

UPT | प्रतीकात्मक तस्वीर

Dec 27, 2024 14:57

लोग अक्सर नए साल की शुभकामनाएं समझकर फोन पर आए लिंक को क्लिक कर लेते हैं और ठग उनके बैंक खाते खाली कर देते हैं। साइबर अपराधी अब डार्क वेब से लोगों की निजी जानकारी निकालकर उनका शोषण कर रहे हैं।

Lucknow News : साइबर क्राइम के मामलों में पिछले कुछ समय से इजाफा देखने को मिल रहा है। पुलिस के तमाम जागरूकता फैलाने के बावजूद साइबर अपराधी नए-नए हथकंडे अपना रहे हैं। डिजिटल अरेस्ट की बात करें तो लखनऊ में चंद महीनों में ही अपराधी लोगों से करोड़ों की रकम हड़प चुके हैं। हालत ये है कि लखनऊ पुलिस इसे लेकर लोगों को लगातार सतर्क कर रही है। यहां तक कि अब मोबाइल कॉल करने पर भी लोगों को इसे लेकर अलर्ट किया जा रहा है। बावजूद इसके लोग इसका शिकार हो रहे हैं।  

आधार कार्ड के दुरुपयोग का डर दिखाकर डिजिटल अरेस्ट, दो लाख वसूले
लखनऊ के त्रिवेणी नगर-3 निवासी प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कर रहे अमन कुमार गुप्ता साइबर ठगों का ताजा शिकार हुए हैं। खुद को दिल्ली क्राइम ब्रांच और मुंबई सीबीआई अधिकारी बताने वाले ठगों ने अमन को मनी लॉन्ड्रिंग मामले में फंसाने का डर दिखाया। इसके बाद उन्हें चार दिन तक डिजिटल अरेस्ट में रखकर दो लाख रुपये वसूल लिए। अमन को फोन करने वाले ने बताया कि उनके आधार कार्ड का इस्तेमाल दिल्ली में सिम खरीदने और आपत्तिजनक मैसेज भेजने के लिए किया गया है। यह भी कहा गया कि इस मामले में दिल्ली के एक थाने में केस दर्ज हुआ है। ठगों ने अमन से कहा कि वह अशोक गुप्ता मनी लॉन्ड्रिंग केस में दोषी हैं और उनके खिलाफ अरेस्ट वारंट जारी हो चुका है।



डार्क वेब से डाटा निकालकर ठगी
इस बीच अब लोग जहां नए साल के जश्न की तैयारी में लगे हैं। ऐसे में साइबर अपराधी इसका भी फायदा उठाने में जुट गए हैं। साइबर अपराधियों ने पार्टी बुकिंग से लेकर बेहतर इलाज के ऑफर तक, कई नए तरीके ईजाद कर लिए हैं। लोग अक्सर नए साल की शुभकामनाएं समझकर फोन पर आए लिंक को क्लिक कर लेते हैं और ठग उनके बैंक खाते खाली कर देते हैं। साइबर अपराधी अब डार्क वेब से लोगों की निजी जानकारी निकालकर उनका शोषण कर रहे हैं। ठग, गंभीर बीमारियों से पीड़ित लोगों को बेहतर इलाज का लालच देकर ठगी कर रहे हैं। इलाज की उम्मीद में लोग बड़ी रकम ठगों को दे देते हैं और बाद में उन्हें एहसास होता है कि वे धोखाधड़ी का शिकार हो गए हैं।

नकली लिंक से खातों की सेंधमारी
साइबर ठग अनजान नंबरों से फर्जी लिंक भेजते हैं। ये लिंक शादी के कार्ड, ऑनलाइन शॉपिंग कूपन, न्यू ईयर शुभकामनाएं, या अन्य ऑफर का दिखावा करते हैं। जैसे ही लोग इनपर क्लिक करते हैं, उनका फोन हैक हो जाता है और ठग उनके खाते से पैसे उड़ा लेते हैं। साइबर ठग कभी भी एक खाते में पूरी रकम ट्रांसफर नहीं करते। वे पीड़ित के खाते से रकम को छोटे-छोटे हिस्सों में अलग-अलग खातों में ट्रांसफर करते हैं, जिससे उनकी पहचान करना मुश्किल हो जाता है।

कैसे बचें साइबर ठगी से
  • अनजान लिंक से रहें सतर्क : फोन पर किसी भी अनजान लिंक को क्लिक करने से बचें। चाहे वह किसी ऑफर, नौकरी, या शुभकामनाओं से जुड़ा हो। अनजान लिंक पर क्लिक करना ठगों को आपके डिवाइस तक पहुंचने का मौका देता है।
  • ओटीपी साझा न करें :  अगर कोई अनजान व्यक्ति फोन पर ओटीपी मांगता है, तो इसे कभी साझा न करें। ठग फर्जी जानकारी देकर लोगों को भ्रमित करते हैं और उनके खातों तक पहुंच बनाते हैं।
  • डिजिटल अरेस्ट से बचाव : साइबर ठग आजकल लोगों को गलत केस में फंसाने का डर दिखाकर रकम वसूल रहे हैं। यदि ऐसा कोई फोन आता है, तो उसे काटकर तुरंत अपने परिवार, दोस्तों, या पुलिस से संपर्क करें।
  • अनजान वीडियो कॉल से बचें : साइबर अपराधी अश्लील वीडियो के लिए अनजान वीडियो कॉल का सहारा लेते हैं। एआई तकनीक का उपयोग कर वे आपकी फोटो को मॉर्फ कर सकते हैं और ब्लैकमेल कर सकते हैं। किसी भी अनजान वीडियो कॉल को न उठाएं।
ऐसे करें शिकायत
यदि आपके पास किसी अनजान नंबर से कॉल आए और कोई व्यक्ति आधार कार्ड, सिम, मनी लॉन्ड्रिंग या अन्य किसी आरोप की बात करे, तो सतर्क हो जाएं। ऐसी कॉल अक्सर साइबर अपराधी करते हैं। यदि आप साइबर ठगी का शिकार हो जाते हैं, तो तुरंत 1930 पर कॉल करें। अपने बैंक खाते की रकम फ्रीज करवाने की कोशिश करें। इसके अलावा, साइबर क्राइम सेल या स्थानीय पुलिस स्टेशन में शिकायत दर्ज कराएं।
  • साइबर क्राइम थाने में शिकायत करें।
  • साइबर सेल या लोकल पुलिस स्टेशन पर जाएं।
  • टोल फ्री नंबर 1930 पर कॉल करें।
  • www.cybercrime.gov.in पर ऑनलाइन शिकायत दर्ज कराएं।

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