यूपी में दिव्यांगजन सशक्तीकरण विभाग होगा हाईटेक : ऑनलाइन सब्मिशन-मॉनिटरिंग मॉड्यूल से लैस करने की तैयारी

UPT | दिव्यांगजन सशक्तीकरण विभाग

Jul 22, 2024 21:12

यूजर मैनेजमेंट सिस्टम (यूएमएस) समेत पोर्टल में चार प्रकार के खास सिस्टम होंगे। सब्मिटिंग, रूटिंग, रीव्यूइंग, अप्रूविंग, अप्रूवल ट्रैकिंग और विभिन्न प्रकार के दस्तावेजों से संबंधित प्रक्रिया को भी ऑनलाइन मॉड्यूल के जरिए पूरा किया जाएगा।

Lucknow News : यूपी के दिव्यांगजन सशक्तीकरण विभाग को जल्द ही विशिष्ट ऑनलाइन वेबपोर्टल के विकास से लैस किया जाएगा। दिव्यांगजन सशक्तीकरण विभाग के लिए जिस ऑनलाइन वेब पोर्टल का विकास होना है, उसमें यूजर मैनेजमेंट, ऑनलाइन फाइल मैनेजमेंट, अप्रूवल सिस्टम समेत कई सुविधाओं होंगी। इन सभी कार्यों को पूरा करने की जिम्मेदारी श्रीट्रॉन इंडिया लिमिटेड को सौंपी गई है। श्रीट्रॉन दिव्यांगजन सशक्तीकरण विभाग के ऑनलाइन वेबपोर्टल को लेकर एजेंसी चयन की प्रक्रिया पर काम कर रहा है।

रिक्वेस्ट फॉर प्रपोजल के जरिए मांगे आवेदन
श्रीट्रॉन ने एजेंसी निर्धारण और कार्यावंटन की प्रक्रिया को पूरा करने के लिए रिक्वेस्ट फॉर प्रपोजल (आरएफपी) के जरिए आवेदन मांगे हैं। इस प्रक्रिया में केवल वही कंपनियां हिस्सा ले सकेंगी जो कि पहले से ही श्रीट्रॉन में इंपैन्ल्ड हैं और इन्हीं में से चयनित एजेंसी को ऑनलाइन वेबपोर्टल व जरूरी फ्रेमवर्क के विकास का जिम्मा सौंपा जाएगा। इस काम को सॉफ्टवेयर डेवलपमेंट की केटेगरी ए, बी और सी के अंतर्गत सर्विस प्रोवाइडर के तौर पर चयनित एजेंसी को पूरा करना होगा। माना जा रहा है कि अगस्त के पहले हफ्ते में एजेंसी निर्धारण की प्रक्रिया को पूरा कर लिया जाएगा। 

सभी डाटा क्लाउड सर्वर पर किए जाएंगे होस्ट 
अधिकारियों के मुताबिक राज्य सरकार से वित्तपोषित दिव्यांगजन विभाग की योजना के लिए ऑनलाइन आवेदन जमा करने और निगरानी के लिए इस वेब पोर्टल का विकास कराया रहा है। यह पोर्टल आवेदक डाटा प्रबंधन और आवेदक को प्रदान की जाने वाली वित्तीय सहायता के लिए भी जिम्मेदार होगा। सभी डाटा क्लाउड सर्वर पर होस्ट किए जाएंगे ताकि विवरण तक आसानी से पहुंचा जा सके। 

यूजर मैनेजमेंट समेत पोर्टल में चार प्रकार के होंगे सिस्टम
यूजर मैनेजमेंट सिस्टम (यूएमएस) समेत पोर्टल में चार प्रकार के खास सिस्टम होंगे। वेब पोर्टल के विकास के जरिए विभिन्न कार्यों को डिजिटली एक्सेस किया जा सकेगा। सब्मिटिंग, रूटिंग, रीव्यूइंग, अप्रूविंग, अप्रूवल ट्रैकिंग और विभिन्न प्रकार के दस्तावेजों से संबंधित प्रक्रिया को भी ऑनलाइन मॉड्यूल के जरिए पूरा किया जाएगा। रिपोर्ट और क्वेरी मैनेजमेंट सिस्टम के लिए पोर्टल को डैशबोर्ड युक्त किया जाएगा।

चार चरण में होगा वेब पोर्टल किया जाएगा तैयार
वेब पोर्टल के निर्माण और विकास को चार चरणों में पूरा किया जाएगा। पहले चरण में कार्यावंटन के बाद सात दिनों में कार्यावंटन प्राप्त करने वाली एजेंसी सिस्टम रिक्वायरमेंट स्टडी (एसआरएस) को पूरा करेगी। इसके बाद मॉड्यूल के आर्किटेक्चरल डिजाइन की प्रक्रिया को पूरा किया जाएगा और इसके लिए भी एसआरएस अप्रूवल के बाद सात दिन की कार्यावधि निर्धारित की गई है। इस दौरान ग्राफिक यूजर इंटरफेस संबंधी प्रोजेक्ट सब्मिट किया जाएगा। 

एसक्यूएल डाटाबेस के आधार पर निर्मित किया जाएगा वेब पोर्टल 
इसके बाद अगले 30 दिनों में वेब पोर्टल व मॉड्यूल का निर्माण किया जाएगा, जिसके जरिए एप्लिकेशन डेवलपमेंट, रीफर्बिशमेंट, मास्टर व रियल टेस्ट डाटा एंट्री, यूजर एक्सेप्टेंस व ट्रेनिंग समेत विभिन्न प्रक्रियाओं को पूरा किया जाएगा। इनके पूरा होने के बाद ऑनलाइन प्लैटफॉर्म को ऑपरेशनल करते हुए विभाग के कर्मचारियों को इसके संचालन के लिए ट्रेनिंग भी उपलब्ध कराई जाएगी। वेब पोर्टल को एसक्यूएल डाटाबेस के आधार पर निर्मित किया जाएगा।

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