बदलता उत्तर प्रदेश : पूर्वांचल और अवध क्षेत्र के किसानों को मिलेगा बड़ा लाभ, ऐसे बढ़ेगा निर्यात

UPT | प्रतीकात्मक फोटो

Oct 18, 2024 17:08

आने वाले वर्षों में केला उत्तर प्रदेश के किसानों की किस्मत बदलने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा। इसका सर्वाधिक लाभ उत्तर प्रदेश के पूर्वांचल और अवध क्षेत्र...

Lucknow News : आने वाले वर्षों में केला उत्तर प्रदेश के किसानों की किस्मत बदलने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा। इसका सर्वाधिक लाभ उत्तर प्रदेश के पूर्वांचल और अवध क्षेत्र में शामिल कुशीनगर, देवरिया, गोरखपुर, महराजगंज, बस्ती, संतकबीरनगर, अयोध्या, अंबेडकरनगर, अमेठी और बाराबंकी जैसे अनेक जिलों के उन किसानों को मिलेगा जो पिछले करीब डेढ़ दशक से केले की खेती कर रहे हैं क्यों कि उनकी उत्पादों की गुणवत्ता उच्च है, जिसके कारण इनके केले की मांग बड़े शहरों के साथ-साथ नेपाल, बिहार, पंजाब, दिल्ली और जम्मू में भी है।

योगी सरकार केले की खेती को दे रही प्रोत्साहन
योगी सरकार ने अपने कार्यकाल में यूपी की कनेक्टिविटी को बेहतर बनाया है। सरकार पहले से ही केले की खेती को बढ़ावा दे रही है, और कुशीनगर को लगभग छह साल पहले ओडीओपी (एक जिला, एक उत्पाद) घोषित किया गया था। यहां न केवल केले की खेती हो रही है, बल्कि कई स्वयं सहायता समूह भी केले से विभिन्न उत्पाद (जूस, चिप्स, आटा, आचार आदि) तैयार कर रहे हैं। केंद्र की पहल का सर्वाधिक लाभ भी यूपी के किसानों को होगा। कुशीनगर के लोग हाल ही में योगी सरकार द्वारा ग्रेटर नोएडा में आयोजित इंटरनेशनल ट्रेड शो में भी गए थे। वहां भी उनके उत्पाद खूब पसंद किए गए। यही नहीं सरकार प्रति हेक्टेयर केले की खेती पर करीब 38 हजार रुपए का अनुदान दे रही है। भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद से संबंध केंद्रीय उपोष्ण बागवानी संस्थान (रहमान खेड़ा लखनऊ) के निदेशक टी. दामोदरन की अगुआई में वैज्ञानिकों की टीम लगातार केला उत्पादक क्षेत्रों में विजिट कर फसल में रोगों, कीटों के प्रकोप की निगरानी करती है। जिलों के कृषि विज्ञान केंद्र भी किसानों को लगातार फसल की संरक्षा और सुरक्षा के बारे में बताते रहते हैं।



भारत है केले का सबसे बड़ा उत्पादक
एपीडा के आंकड़ों के अनुसार भारत विश्व का सबसे बड़ा केला उत्पादक है। यहा लगभग 3.5 करोड़ मीट्रिक टन केले का उत्पादन होता है। वहीं लगभग 9,61,000 हेक्टेयर भूमि में इसकी खेती की जाती है। एपीडा के अनुसार वैश्विक उत्पादन में भारत की हिस्सेदारी करीब 30 फीसद है। पर करीब 16 अरब के वैश्विक निर्यात में भारत की भागीदारी हिस्सेदारी सिर्फ एक फीसद है।

निर्यात बढ़ाने के लिए तैयार हो रहा पायलट प्रोजेक्ट
केंद्र सरकार खाद्य उत्पाद निर्यात प्रसंस्कृत प्राधिकरण (एपीडा) के तहत केला, आम, आलू, अनार और अंगूर सहित लगभग डेढ़ दर्जन फलों और सब्जियों के निर्यात को बढ़ाने के लिए एक पायलट प्रोजेक्ट तैयार कर रही है।

निर्यात बढ़ाने का लक्ष्य
एपीडा का लक्ष्य अगले दो से तीन वर्षों में केले के निर्यात को एक अरब डॉलर तक बढ़ाना है। इसके लिए मुंबई में केले पर केंद्रित क्रेता-विक्रेता सम्मेलन की योजना भी बनाई जा रही है। इस सब से उत्तर प्रदेश के किसानों को बहुत फायदा होगा। 

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