मथुरा में पानी की टंकी गिरने की घटना पर सरकार सख्त : तीन अनुबंधित फर्मों पर एफआईआर, तीन अधिकारी निलंबित

UPT | मथुरा में पानी की टंकी गिरने की घटना।

Jul 01, 2024 21:52

उत्तर प्रदेश जल निगम (नगरीय) द्वारा तीन फर्मों (मे. एसएम कान्स्ट्रक्शन, मे. बनवारी और मे. त्रिलोक सिंह रावत) एवं अन्य कर्मचारियों के विरूद्ध कोतवाली, मथुरा में धारा 304 व 338 के अधीन एफआईआर दर्ज कराई गई है।

Short Highlights
  • मथुरा में रविवार को हुई घटना को लेकर सीएम योगी के निर्देश के बाद लिया गया कड़ा एक्शन
  • सहायक अभियंता, जूनियर इंजीनियर निलंबित, तत्कालीन सहायक अभियंता के खिलाफ अनुशासनिक जांच के निर्देश
  • तकनीकी कमियों की जांच के लिए मुख्य अभियंता गाजियाबाद क्षेत्र की अध्यक्षता में जांच समिति का गठन 
  • आईआईटी दिल्ली या आईआईटी कानपुर से सहयोग लेकर आख्या उपलब्ध कराएगी जांच समिति
Lucknow News/Mathura News : सरकारी कार्य में लापरवाही को लेकर सख्त योगी सरकार ने फिर एक बार बड़ी कार्रवाई की है। मथुरा में रविवार को मथुरा पेयजल पुनर्गठन योजना थ्रू गोकुल बैराज पार्ट-1 के अंतर्गत कृष्णा विहार कॉलोनी, मथुरा में 2.5 लाख लीटर पानी की क्षमता वाली पानी की टंकी के क्षतिग्रस्त होकर गिरने की घटना को सीएम योगी ने गंभीरता से लिया है। सीएम योगी के निर्देश पर उत्तर प्रदेश जल निगम (नगरीय) द्वारा सोमवार को दोषी अधिकारियों व अनुबन्धित फर्मों के विरूद्ध सख्त एक्शन लिया गया है। साथ ही मामले की जांच के लिए उच्च स्तरीय जांच कमेटी भी गठित की गई है। 

तीन फर्मों पर एफआईआर
उत्तर प्रदेश जल निगम (नगरीय) द्वारा तीन फर्मों (मे. एसएम कान्स्ट्रक्शन, मे. बनवारी और मे. त्रिलोक सिंह रावत) एवं अन्य कर्मचारियों के विरूद्ध कोतवाली, मथुरा में धारा 304 व 338 के अधीन एफआईआर दर्ज कराई गई है। इसके अतिरिक्त योजना पर तैनात सहायक अभियंता ललित मोहन, जूनियर इंजीनियर बीरेंद्र पाल एवं रविंद्र प्रताप सिंह को निलंबित करते हुए जांच के आदेश दिए गए हैं। इसके अतिरिक्त तत्कालीन सहायक अभियंता दिव्यांशु कुमार सिंह के विरूद्ध अनुशासनिक जांच के निर्देश दिए गए हैं।  

जांच समिति का गठन
मामले में अधिशासी अभियंता महराज सिंह, कुमकुम गंगवार, दयानंद शर्मा एवं तत्कालीन सहायक अभियंता राम प्रकाश यादव पर प्रशासनिक नियंत्रण उत्तर प्रदेश जल निगम (ग्रामीण) का होने के कारण इनके विरूद्ध तत्काल नियमानुसार कार्रवाई करने के लिए प्रबंध निदेशक, उत्तर प्रदेश जल निगम (ग्रामीण) को पत्र लिखा गया है। इसके अतिरिक्त प्रकरण में तकनीकी कमियों की जांच के लिए मुख्य अभियंता (गाजियाबाद क्षेत्र), उत्तर प्रदेश जल निगम (नगरीय), गाजियाबाद की अध्यक्षता में जांच समिति का गठन भी किया गया है। जांच समिति घटना की जांच के लिए आईआईटी दिल्ली या आईआईटी कानपुर जैसे प्रतिष्ठित संस्थान से सहयोग प्राप्त कर आख्या उपलब्ध कराएगी। 

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