जंगल में मशरूम खोजने गया था ग्रामीण : हाथियों ने कुचलकर ले ली जान, तीन दिन बाद मिला शव

UPT | जंगल में मशरूम खोजने गया था ग्रामीण

Aug 08, 2024 17:34

लखीमपुर खीरी में 45 वर्षीय ग्रामीण को हाथियों ने कुचलकर मार डाला। शिव भगवान, जो गांव सिंगहा कलां का निवासी था, सोमवार को जंगल में धरती के फूल (जंगली मशरूम) खोजने गया था।

Short Highlights
  • जंगल में मशरूम खोजने गया था ग्रामीण
  • हाथियों ने कुचलकर ले ली जान
  • हाथियों के झुंड में फंस गया था ग्रामीण
Lakhimpur Kheri News : लखीमपुर खीरी में 45 वर्षीय ग्रामीण को हाथियों ने कुचलकर मार डाला। शिव भगवान, जो गांव सिंगहा कलां का निवासी था, सोमवार को जंगल में धरती के फूल (जंगली मशरूम) खोजने गया था। लेकिन जब वह देर शाम तक घर नहीं लौटा, तो उसके परिवार ने उसकी खोजबीन शुरू की। तीन दिन की तलाश के बाद, बुधवार को परिवार को छंगा नाला के पास शिव भगवान का शव मिलने की सूचना मिली, जिससे पूरे परिवार में शोक और हड़कंप मच गया।

हाथियों के झुंड में फंस गया था ग्रामीण
घटनास्थल पर वन विभाग की टीम और चंदन चौकी पुलिस ने पहुँचकर स्थिति का निरीक्षण किया। वन विभाग के अधिकारियों ने पुष्टि की कि शिव भगवान हाथियों के झुंड में फंस गए थे, जिनसे वह बच नहीं सके और कुचलकर मारे गए। पुलिस ने शव को पोस्टमॉर्टम के लिए भेज दिया है, ताकि मृत्यु के कारणों की पुष्टि की जा सके। बेलरायां वन क्षेत्राधिकारी वजीर हसन ने पुष्टि की कि युवक की मौत हाथियों द्वारा कुचले जाने से हुई है। इस मामले की जांच जारी है, और वन विभाग ने भविष्य में ऐसी घटनाओं से बचने के लिए आवश्यक कदम उठाने का आश्वासन दिया है।

पहले भी हमला कर चुके हैं हाथी
आपको बता दें कि बेलरायां रेंज में हाथियों द्वारा हमले की घटना पहले भी सामने आई है। पिछले साल सितंबर में भुलनपार गांव के किसान खेतों की रखवाली कर रहे थे। रात के 2 बजे वहां कुछ हाथी पहुंचे। किसानों ने इसकी सूचना गांव के अन्य लोगों को दी। ग्रामीण पटाखा, लाठी-डंडा इत्यादि लेकर वहां पहुंचे। ग्रामीणों को देखकर हाथी चिंघाड़ने लगे। तभी ग्रामीणों ने आग जला ली और हाथियों को भगाने के लिए पटाखे दगाए। लेकिन पटाखे की आवाज सुनकर हाथी भड़क गए और ग्रामीणों पर हमला कर दिया। इसमें कई लोगों को चोटें आई थीं।

हाथियों से बचने के उपाय
हाथियों से सुरक्षित रहने के लिए कई महत्वपूर्ण सावधानियाँ बरतनी चाहिए। यदि हाथी दिखाई दें, तो उनके पास न जाएं और दूसरों को भी ऐसा करने से रोकें। रात के समय खलिहान में सोने से बचें और सुनिश्चित करें कि खलिहान जंगल से दूर हो। पेड़ पर चढ़कर हाथियों को देखने की कोशिश न करें और महुआ फल या शराब का उत्पादन और सेवन न करें। लाल रंग के कपड़े पहनकर जंगल में हाथियों को देखने न जाएं, और हाथियों के आसपास होने पर शराब को घर से दूर, खुले मैदान में रखें। अनावश्यक पटाखों का प्रयोग न करें और केवल आपातकालीन स्थिति में ही उनका उपयोग करें। हाथियों के प्रवास मार्ग को न रोकें और भीड़ जमा न होने दें। वन्य क्षेत्रों से गुजरने वाली सड़कों पर वाहन चलाते समय सतर्क रहें। हाथियों को गुलेल, तीर या अन्य साधनों से न मारें और उन्हें लगातार न खदेड़ें। हाथियों के आसपास मोबाइल का उपयोग न करें और बुजुर्गों, महिलाओं और बच्चों को रात में घर पर अकेला न छोड़ें। फसलों और अनाज को सुरक्षित रखने के लिए, खेतों, खरही और खलिहान में रखा अनाज घर में संग्रहित करें। हाथियों द्वारा अनाज खाने के दौरान उन्हें खदेडऩे का प्रयास न करें और भीड़ से बचें, क्योंकि हाथियों द्वारा दौड़ाए जाने पर भगदड़ की स्थिति उत्पन्न हो सकती है।

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