यूपी के प्राइवेट अस्पताल पर केस दर्ज : पैसे ऐंठने के लिए डॉक्टरों ने कराई दर्जनों जांच, ऐसे हुआ खुलासा

UPT | symbolic image

Sep 07, 2024 13:38

उत्तर प्रदेश के लखीमपुर खीरी में एक प्राइवेट अस्पताल का बड़ी लापरवाही सामने आई है। अस्पताल के दो डॉक्टरों पर मरीज से पैसे ऐंठने का आरोप लगा है...

Lakhimpur Kheri News : उत्तर प्रदेश के लखीमपुर खीरी में एक प्राइवेट अस्पताल का बड़ी लापरवाही सामने आई है। अस्पताल के दो डॉक्टरों पर मरीज से पैसे ऐंठने का आरोप लगा है। डॉक्टरों पर आरोप है कि उन्होंने पैथोलॉजी से बात करने गलत जांच रिपोर्ट बनवाई और 70,000 रुपये ऐंठ लिए। जब मामले का खुलासा हुआ तो मरीज के घर वालों के होश उड़ गए। शिकायत की रिपोर्ट दर्ज कर पुलिस मामले की जांच में जुट गई है। आइये जानते हैं मामले का खुलासा कैसे हुआ।

पैसे के लालच में कराए ये टेस्ट
जानकारी के मुताबिक सिकटिहा निवासी रौनक अली के बेटे मोहम्मद (15) फैज को साधारण बुखार हो गया था। 12 अक्टूबर 2023 को दोपहर उन्होंने डीसी कोड स्थित मिडलाईफ अस्पताल में दिखाया। अस्पताल के डॉक्टर खालिद और डॉ. आरिफ ने जांच के नाम पर खून, किडनी की जांच, अल्ट्रासाउंड, सीटी स्कैन और अन्य कई परीक्षण कराए, सभी की जांच उनके जुड़े हुए पैथोलॉजी लैब आरोग्य डायग्नोस्टिक सेंटर से करवाई। यह सब कुछ पैसे की लालच के चलते किया गया।



मरीज को अस्पताल से बाहर निकाल दिया
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक डॉ. खालिद ने गलत जांच रिपोर्ट तैयार करवाई और बताया कि बच्चे का गुर्दा खराब हो गया है और दिमाग में भी कुछ समस्याएं हैं। उन्होंने कहा कि इलाज काफी महंगा होगा। इस पर रौनक अली चिंतित हो गए और बच्चे का इलाज शुरू करवा दिया। तीन दिन तक चले इलाज में डॉक्टर ने उनसे 70,000 रुपये ले लिए, लेकिन इसके बावजूद बेटे की स्थिति में कोई सुधार नहीं हुआ। डॉक्टर ने ठीक होने में लगभग एक सप्ताह का समय बताया। जब रौनक अली ने इसका विरोध किया, तो डॉक्टर ने अभद्रता की और कहा कि यदि इलाज करवाना है तो करवाओ, नहीं तो मरीज को दूसरी जगह ले जाओ। इतना कहकर उन्होंने बेटे को अस्पताल से बाहर निकाल दिया।

जिला अस्पताल ने किया खुलासा
रौनक अली ने अपने बेटे को जिला अस्पताल में भर्ती कराया, जहां तीन दिनों के इलाज के बाद उसका स्वास्थ्य ठीक हो गया। जब जिला अस्पताल के डॉक्टर ने बेटे की जांच रिपोर्ट देखी, तो उन्होंने बताया कि रिपोर्ट गलत है। इससे उन्हें फर्जी जांच की जानकारी हुई। इसके बाद रौनक अली ने इस घटना की शिकायत सदर पुलिस थाने में दर्ज कराई, लेकिन पुलिस ने रिपोर्ट नहीं लिखी। अंततः कोर्ट के आदेश पर सदर कोतवाली पुलिस ने मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।

Also Read