लखनऊ विवि दीक्षांत समारोह : आनंदीबेन पटेल बोलीं- भारत जल्द विश्वगुरु बनने की दिशा में अग्रसर, महिलाएं हर क्षेत्र में बढ़ रहीं आगे

UPT | लखनऊ विश्वविद्यालय 67वां दीक्षांत समारोह।

Sep 16, 2024 16:25

दीक्षांत समारोह में कुल 62 हजार 111 छात्राओं और 44 हजार 195 छात्रों ने अपनी डिग्री प्राप्त की। इसके साथ ही 110 मेधावी छात्रों को कुल 196 पदकों से सम्मानित किया गया।

Lucknow News : लखनऊ विश्वविद्यालय में 67वां दीक्षांत समारोह धूमधाम से मनाया गया, जिसमें 1,06,306 छात्रों को डिग्रियां प्रदान की गईं। इस अवसर पर कुल 62 हजार 111 छात्राओं और 44 हजार 195 छात्रों ने अपनी डिग्री प्राप्त की। इसके साथ ही 110 मेधावी छात्रों को कुल 196 पदकों से सम्मानित किया गया। यह समारोह विश्वविद्यालय के लिए एक ऐतिहासिक क्षण था, जहां बड़ी संख्या में छात्रों ने अपनी शैक्षणिक यात्रा का समापन किया।

समारोह के प्रमुख अतिथि
समारोह की अध्यक्षता विश्वविद्यालय की कुलाधिपति प्रोफेसर आलोक कुमार राय और उत्तर प्रदेश की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने की। मुख्य अतिथि के रूप में देश के प्रतिष्ठित कंप्यूटर वैज्ञानिक और परम सुपर कंप्यूटर के जनक, पद्म भूषण से सम्मानित डॉ. विजय पांडुरंग भटकर ने अपनी उपस्थिति से समारोह की शोभा बढ़ाई। उन्होंने शिक्षा और तकनीकी नवाचार में योगदान के बारे में छात्रों को प्रेरित किया। इसके अलावा, उच्च शिक्षा मंत्री योगेंद्र उपाध्याय समारोह में अति विशिष्ट अतिथि के रूप में शामिल हुए, जबकि राज्य मंत्री रजनी तिवारी ने विशिष्ट अतिथि की भूमिका निभाई।

राज्यपाल का प्रेरणादायक संबोधन
राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने समारोह के दौरान विशेष रूप से 107 मेधावी छात्र-छात्राओं को बधाई दी और इस बात पर जोर दिया कि छात्राओं की बढ़ती संख्या यह प्रमाणित करती है कि भारत की महिलाएं अब शिक्षा से हर क्षेत्र में आगे बढ़ रही हैं। उन्होंने कहा, "इस समारोह में लड़कियों की संख्या अधिक होने से यह साफ है कि भारत जल्द ही विश्वगुरु बनने की दिशा में अग्रसर है।" राज्यपाल ने उन परिवारों की भी प्रशंसा की, जहां शिक्षक माता-पिता होने की वजह से बच्चों को बेहतर मार्गदर्शन मिला और वे विशेष सफलता प्राप्त कर सके। उन्होंने शिक्षकों की भूमिका की सराहना करते हुए कहा कि प्राथमिक शिक्षा का मजबूत आधार बच्चों के भविष्य को संवारने में अहम भूमिका निभाता है। उन्होंने यह भी बताया कि कई छात्रों ने अपने निबंधों में उत्कृष्ट लेखन प्रस्तुत किया, जो शिक्षकों के मार्गदर्शन का परिणाम है।

विश्वविद्यालय की प्रगति की सराहना
राज्यपाल ने लखनऊ विश्वविद्यालय की पिछले पांच वर्षों में हुई प्रगति की सराहना की और कहा कि "पांच साल पहले विश्वविद्यालय की जो स्थिति थी, उसमें अब काफी सुधार हुआ है।" उन्होंने राष्ट्रीय संस्थागत रैंकिंग फ्रेमवर्क (NIRF) में विश्वविद्यालय के शीर्ष 100 संस्थानों में स्थान पाने को एक बड़ी उपलब्धि बताया। इसके साथ ही, उन्होंने प्रधानमंत्री की योजना 'पीएम ऊषा' के तहत मिले 100 करोड़ रुपये के अनुदान का उल्लेख किया, जिसका उपयोग रिसर्च और अध्यापकों के लिए किया जाएगा।

डिजिटल क्रांति की ओर बढ़ता कदम
राज्यपाल ने विश्वविद्यालय के डिजिटलीकरण की दिशा में उठाए गए कदमों की भी सराहना की। उन्होंने बताया कि छात्रों की डिग्रियों को डिजि लॉकर में अपलोड किया जा चुका है, जिससे छात्रों को अपने शैक्षिक दस्तावेज़ों तक डिजिटल पहुंच मिलेगी। उन्होंने यह भी कहा कि पहले राज्य सरकार 200 करोड़ रुपये से अधिक खर्च करती थी मार्कशीट आदि के लिए, लेकिन अब डिजिटलीकरण से यह प्रक्रिया सरल और सस्ती हो गई है। विश्वविद्यालय का यह दीक्षांत समारोह न केवल छात्रों के लिए बल्कि पूरे संस्थान के लिए एक मील का पत्थर साबित हुआ। यह कार्यक्रम छात्रों की मेहनत और शिक्षकों के मार्गदर्शन का जश्न था, जिसमें छात्रों की उपलब्धियों को सराहा गया और उन्हें भविष्य की चुनौतियों के लिए प्रेरित किया गया।

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