अच्छी खबर : लखनऊ की राष्ट्रीय विधि विश्वविद्यालय में अब CLAT के बिना भी मिलेगा प्रवेश... 

UPT | राष्ट्रीय विधि विश्वविद्यालय।

Jul 02, 2024 00:55

उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ स्थित डॉ. राम मनोहर लोहिया राष्ट्रीय विधि विश्वविद्यालय ने एक ऐतिहासिक निर्णय लिया है। विश्वविद्यालय ने घोषणा की है कि वह अगले शैक्षणिक सत्र से 3 वर्षीय एलएलबी कोर्स शुरू...

Lucknow News : उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ स्थित डॉ. राम मनोहर लोहिया राष्ट्रीय विधि विश्वविद्यालय ने एक ऐतिहासिक निर्णय लिया है। विश्वविद्यालय ने घोषणा की है कि वह अगले शैक्षणिक सत्र से 3 वर्षीय एलएलबी कोर्स शुरू करने जा रहा है। इस कदम से उन छात्रों को बड़ी राहत मिलेगी, जो कॉमन लॉ एडमिशन टेस्ट (CLAT) में सफल नहीं हो पाते, लेकिन फिर भी एक प्रतिष्ठित विधि विश्वविद्यालय से कानून की पढ़ाई करना चाहते हैं।

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क्या है नया पाठ्यक्रम 
विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर अमरपाल सिंह ने नए पाठ्यक्रम के बारे में विस्तृत जानकारी दी। उन्होंने बताया कि यह कदम उन छात्रों के लिए वरदान साबित होगा, जो CLAT जैसी कठिन प्रतियोगी परीक्षा में सफल नहीं हो पाते, लेकिन फिर भी एक उच्च स्तरीय कानूनी शिक्षा प्राप्त करना चाहते हैं। विश्वविद्यालय इस नए कोर्स के लिए अपनी स्वयं की प्रवेश प्रक्रिया आयोजित करेगा। कुलपति ने यह भी बताया कि नए पाठ्यक्रम को शुरू करने के लिए सभी आवश्यक तैयारियां पूरी कर ली गई हैं। विश्वविद्यालय ने इस संबंध में बार काउंसिल ऑफ इंडिया और उत्तर प्रदेश सरकार को प्रस्ताव भेज दिया है। शुरुआती तौर पर विश्वविद्यालय बार काउंसिल ऑफ इंडिया से 60 सीटों की मान्यता लेने की योजना बना रहा है।



विश्वविद्यालय की प्रतिष्ठा बढ़ाएगा यह फैसला
यह कदम विश्वविद्यालय को उत्तर भारत का पहला ऐसा राष्ट्रीय विधि विश्वविद्यालय बना देगा, जहां 3 वर्षीय एलएलबी कोर्स उपलब्ध होगा। वर्तमान में, विश्वविद्यालय 5 वर्षीय एलएलबी, एलएलएम और पीएचडी कार्यक्रम चला रहा है। इन कार्यक्रमों में 1000 से अधिक छात्र नामांकित हैं और उन्हें पढ़ाने के लिए 26 शिक्षक कार्यरत हैं। प्रोफेसर सिंह ने यह भी बताया कि डॉ. लोहिया विधि विश्वविद्यालय देश के लगभग 22 राष्ट्रीय विधि विश्वविद्यालयों में एक प्रमुख स्थान रखता है। यहां शिक्षकों की संख्या और गुणवत्ता अन्य विश्वविद्यालयों की तुलना में बेहतर है। यह नया पाठ्यक्रम न केवल अधिक छात्रों को गुणवत्तापूर्ण कानूनी शिक्षा प्राप्त करने का अवसर प्रदान करेगा, बल्कि यह विश्वविद्यालय की प्रतिष्ठा को और बढ़ाएगा। इससे कानूनी शिक्षा के क्षेत्र में प्रतिस्पर्धा बढ़ेगी और छात्रों को अपने करियर के लिए बेहतर विकल्प मिलेंगे।

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