Lucknow News : लखनऊ यूनिवर्सिटी में स्पेस साइंस भी पढ़ेंगे विद्यार्थी

UPT | अंतरिक्ष विज्ञान शिक्षा कार्यक्रम का आयोजन।

Jul 02, 2024 23:05

कुलपति प्रो. आलोक कुमार राय ने कहा की आज के समय में जहां भारत हर बार नए आयामों को हासिल कर रहा हैं। स्पेस जगत में भी अपना मुकाम बना रहा है। ऐसे में इसकी पढ़ाई अति आवश्यक हो जाती है।

Lucknow News :  लखनऊ विश्वविद्यालय मेन कैंपस में अंतरिक्ष विज्ञान शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए कार्यक्रम का आयोजन किया गया। प्रदेश के विद्यार्थियों में अंतरिक्ष जानकारियों के प्रति जागरूकता बढ़ाने तथा इस दिशा में भारत सरकार के कार्यक्रमों का लाभ प्रदान करवाने के उद्देश्य से एक दिवसीय कार्यशाला आयोजित की गई। लखनऊ विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. आलोक कुमार राय ने कहा कि आज के समय में जहां भारत हर बार नए आयामों को हासिल कर रहा हैं। स्पेस जगत में भी अपना मुकाम बना रहा है। ऐसे में इसकी पढ़ाई अति आवश्यक हो जाती है। 

स्पेस एजुकेशन को प्रोत्साहन 
कार्याशाला का मुख्य उद्देश्य यूनिवर्सिटी स्टूडेंट्स के बीच स्पेस एजुकेशन को आगे बढ़ाना है। इस कार्यक्रम में यूनिवर्सिटी के शिक्षक मौजूद रहे साथ ही अब्दुल कलाम टेक्निकल यूनिवर्सिटी और भाषा विश्वविद्यालय के शिक्षकों नें प्रतिभाग लिया। प्रोजेक्ट इनचार्ज प्रो. राजीव मनोहर ने कार्यशाला को पीपीटी  के माध्यम से संचालित किया। 

वृक्षारोपण अभियान का आयोजन
लखनऊ विश्वविद्यालय के सेकेण्ड कैम्पस में इंस्टिट्यूट ऑफ फार्मास्यूटिकल साइंसेज के नए भवन में एक विशाल वृक्षारोपण अभियान का आयोजन किया गया। यह कार्यक्रम कुलपति प्रो. आलोक कुमार राय के मार्गदर्शन में आयोजित किया गया, जहां छात्रों, शिक्षकों और अन्य अधिकारियों ने पौधारोपण में हिस्सा लिया।

शिक्षको और छात्रों ने लगाए पौधे 
इस अवसर पर एल यु सेकेण्ड कैम्पस के निदेशक डॉ. आरके सिंह, अभियांत्रिकी एवं तकनीकी विभाग के प्रो. ऐके सिंह, विधि संकाय के डीन बीडी सिंह, कार्य अधीक्षक डॉ. अनुराग श्रीवास्तव, भेषज विज्ञान संस्थान के निदेशक प्रो. पुष्पेंद्र कुमार त्रिपाठी, विश्वविद्यालय के अन्य पदाधिकारी और संस्थान के शिक्षक उपस्थित रहें। इस वृक्षारोपण अभियान के तहत पर्यावरण जागरूकता को बढ़ावा देने के उद्देश्य से छात्रों ने उत्साहपूर्वक भाग लिया। विभिन्न प्रकार के स्वदेशी छायादार और फलदार पेड़ लगाए गए। औषधीय पौधों में सर्पगंधा, अशोक, रोजमेरी, मधुपत्र, पिप्पली, धतूरा, तुलसी, कनेर, मकोय, परिजात, पुदीना, हिना, सुगंधरा, गुगुल, खस और जेरेनियम शामिल रहे।

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