दिवाली की तारीख पर असमंजस खत्म : गणेश्वर शास्त्री ने बताया एक नवंबर का शुभ मुहूर्त

UPT | प्रतीकात्मक फोटो

Oct 28, 2024 14:45

दिवाली की तारीख को लेकर इस बार काफी कन्फ्यूजन है, लेकिन श्रीराम मंदिर और काशी विश्वनाथ मंदिर के मुहूर्त देने वाले पंडित गणेश्वर शास्त्री द्राविड़ ने स्पष्ट कर दिया है...

Lucknow News : दिवाली की तारीख को लेकर इस बार काफी कन्फ्यूजन है, लेकिन श्रीराम मंदिर और काशी विश्वनाथ मंदिर के मुहूर्त देने वाले पंडित गणेश्वर शास्त्री द्राविड़ ने स्पष्ट कर दिया है। देशभर में लोगों के मन में उठ रहे सवालों के बीच उन्होंने बताया कि 2024 में दिवाली का सर्वश्रेष्ठ मुहूर्त एक नवंबर को है। हालांकि काशी विद्वत परिषद ने 31 अक्तूबर को दिवाली का दिन तय किया था, लेकिन पंडित शास्त्री ने इस पर पुनः विचार करने की सलाह दी है।

शास्त्रों के आधार पर तय हुआ मुहूर्त
गणेश्वर शास्त्री ने कहा कि दीपावली का सर्वोत्तम मुहूर्त एक नवंबर का निकल रहा है। देश भर से आए 250 से अधिक सवालों को समझने के बाद दो दिन तक शास्त्र व पंचांगों का अध्ययन किया, फिर निष्कर्ष निकाला। उन्होंने बताया कि एक नवंबर को उदया तिथि में प्रदोषकाल और अमावस्या का संयोग बन रहा है, जो महालक्ष्मी पूजन के लिए अत्यंत शुभ माना जाता है। इसके साथ ही उस दिन स्वाति नक्षत्र और प्रतिपदा भी मिल रही है, जिससे यह संयोग दिवाली के पूजन के लिए सर्वोत्तम माना गया है। शास्त्री का कहना है कि लक्ष्मी पूजन सूर्यास्त के बाद प्रदोषकाल में करना चाहिए और इसके लिए सूर्यास्त के बाद 24 मिनट तक अमावस्या का रहना आवश्यक है। जिन स्थानों पर एक नवंबर को यह संयोग बनता है, वहां इस दिन ही दिवाली मनानी चाहिए।



काशी विद्वत परिषद के निर्णय का विरोध
गणेश्वर शास्त्री ने काशी विद्वत परिषद द्वारा 31 अक्तूबर को दिवाली मनाने के निर्णय को चुनौती दी। उनका कहना है कि काशी विद्वत परिषद को अपने निर्णय पर पुनः विचार करने की आवश्यकता है, क्योंकि पंचांगों के अनुसार लक्ष्मी पूजन का सर्वोत्तम समय एक नवंबर को है।

लक्ष्मी पूजन के लिए सही समय
पंडित गणेश्वर शास्त्री का कहना है कि अपने शहर के सूर्यास्त का समय देख कर लक्ष्मी पूजन करें। यदि सूर्यास्त के बाद 24 मिनट तक अमावस्या का संयोग बना रहता है तो एक नवंबर को ही पूजन करें। अन्यथा, 31 अक्तूबर को दीपावली मनाई जा सकती है।

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